पहुंच सकती हूँ मन्दिर की सीढ़ियों पर जब जी चाहें पाँव रख, पर नहीं रखती मैं पाँव उस सीढ़ियों पर क्युकि मुझे मन्दिर के गर्भ तक नहीं, ईश्वर के मन तक का सफर करना हैं...
Trisha R S..✍️
lamho_ki_guzarishey

Hindi Motivational by Trisha R S : 111534520

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