विकास - लघुकथा ---------
दद्दू अखबार पढ़ रहे थे। दादी स्टील के गिलास में चाय लेकर आगयीं,
"सुनो जी, विकास की कोई खबर छपी है क्या?"
"कौनसे विकास की खबर चाहिये तुम्हें?"
"कमाल की बात करते हो आप भी? कोई दस बीस विकास हैं क्या?"
"हो भी सकते हैं। दो को तो हम ही जानते हैं।"
"दो कौन से हो गये। हम तो एक को ही जानते हैं।"
"तुम किस विकास को जानती हो?"
"अरे वही जिसको पूरे प्रदेश की पुलिस खोज रही है।और आप किस विकास की बात कर रहे हो?"
"हम उस विकास की बात कर रहे हैं जिसको पूरे देश की जनता पिछले कई वर्षों से खोज रही है।"
मौलिक लघुकथा -