#कैसे
एक अधुरे खवाब से तुम,
मन से रिहा करूँ तो कैसे?
चले गए तनहा छोड़ कर तुम,
अहेसास वो तेरे भुलाऊं तो कैसे?
वक्त के जैसे तुम भी बदल गये,
यादों से तेरी पिंछा छुडाऊं तो कैसे?
लगाऊं कैसे आवाज तुम्हें,
पास मेरे फिर बुलाऊँ तो कैसे?
कयूं रूठे हो वो बात तो समजाओं,
फिर से अब मनाऊँ तो कैसे?
कितने तेरे मायने हैं,
कितना तेरा मोल हैं,
अंदाजा ये लगाऊं तो कैसे?
लौट आओगे कयां कभी,
दिल को ये समजाऊं तो कैसे?
*Dedicate to my daughter.
Manshvi(Chakku)
-Mamta b.