Good evening 😊
अंधेरे में जीने वाले घबराऐ, बौखलाए हैं
उजाला आने को है सुबह की पौ फटने को है
आशा की लाल किरणें छितिज पर दिखती हैं
मन में बि़्शवास जगाओ आशा को पास बुलाओ
नकारात्मकता को अब सकारात्मकता में बदलो
हमने अनेकों कठिनाइयों को सुना ,देखा, झेला है
फिर आज क्यूं घबरा गये धैर्य क्यूं खोने लगे
पहले भी महामारियां आई हैं कोरोना कुछ नया नहीं
अचानक ज़रूर है अधिक बिनाशक भी है
मानव इसे भी हराएगा फिर बीते दिन, भूल जाएगा
वापस लौटेगी ज़िन्दगी नया जोश ,नई राह पकड़ेगा