#लायक
सरकार खास तौर पर प्रदेश सरकार समझती है
कि सरकारी स्कूल के मास्साब( मास्टर)स्कूल में पढ़ाने के अलावा दुनिया का सबसे कामकर सकते हैं।आश्चर्य किंतु सत्य ये है कि स्कूल के गुरु जी जो स्कूल में पढ़ाने में बंगले झांकते नजर आते हैं ट्यूशन में अच्छी शिक्षा देते हैं ।और उससे बड़ा आश्चर्य ये है कि स्कूल में फेल होने वाले विद्यार्थी मास्साब की कोचिंग क्लास में पढ़ते ही टाप करने लग जाते हैं ।खैर ये हमारा विषय नहीं है विषय में है कि सरकार मास्टर साहब को अलादीन का चिराग समझकर
व्यवहार करती है । इसलिए शिक्षक का पेंदा हर जगह रगड़ा जाता है। जन गणना हो , पोलियो के खिलाफ अभियान हो । परिवार नियोजन योजना का प्रचार हो
मास्टर को सब करना होता है ।
इसी संदर्भ में मास्टर दीनानाथ की डियूटी पशु संवर्धन मेले में लगा दी गई।शायद ऊपर वालों ने सोचा होगा गधे से आदमी बनाने वाला पशुओं की प्रर्दशनी के लिए बेहतर काम करेगा ।परंतु उद्घघाटन करने आते मंत्री की विचित्र काया देख कर एक बैल बेकाबू हो गया और मंत्री जी को पेट में सींग मार दी । कसूर बैल का था सस्पेंड दीनानाथ मास्टर हो गये।
गणित वाले मास्टर ने हिंदी वाले मास्साब से कहा -
अगर अंबानी का बिजनेस मुझे सौंप दें तो मैं इस' लायक'
हूं कि अंबानी से ज्यादा कमा कर दिखा सकता हूं।
हिंदी मास्साब-बोले काहे बड़ बड़ के बोल रहे हो अंबानी से ज्यादा कैसे कमायेंगे आप?
'यार दो चार ट्यूशन भी तो होगी न ' मेथ्स वाले सर ने
समझाया ।
अभी मैंने एक मेसेज पढ़ा कि कोई कह रहा था स्कूल बंद हैं तो मास्टर घर मैं बैठ कर क्या कर रहे हैं । सारे मास्टरों की ड्यूटी लगा दो कि वो धरती पकड़ कर रखें भूकंप से
धरती हिलने ना पाए ।
इस पर साइंस वाले सर (मास्साब) ने सुझाव दिया' कि
क्यो न पृथ्वी को धकेल कर अंतरिक्ष में कहीं और स्थापित कर दिया जाये ।इस बारे में वास्तु शास्त्री से भी सलाह ली
जा सकती है ।