यह जिंदगी तो है जो हमें जरूरतमंद बना देती है।
ये जरूरते ही जिंदगी में नयाब सपने बुनती हैं
जिस दिन जिंदगी कि जद्दोजहद जरुरते चली गई
मै तो समझती हूं कि शरीर से आत्मा निकल गई
कभी अपनों की जरूरत होती है तो कभी सपनों की
कभी धन की जरूरत होती है तो कभी वैभव की
एक जिजीविषा होती है इनको पाने की
ना मिल पाने पर रह जाते हैं हम जरूरतमंद
#ज़रूरतमंद