कोरोना बहुत वहशी हुआ। जिंदगी को इसने खा लिया।। वायरस बड़ा बेरहम हुआ। अच्छों अच्छों को ढा लिया।। मन की बात सुन ले भैया क्यों। पुलिस का डंडा खा लिया।। बाहर निकलो न बेमतलब। घर में ही कोई गीत गा लिया।। गर्म पानी पीया कर लगातार। रोग को बार बार थका लिया।। कोरोना को दूर दूर भगाकर। जिंदगी को फिर से पा लिया।। कहै सोहल हाथ धोते रहना। जब तब इसको छका लिया।। गुरदीप सिंह सोहल हनुमानगढ़ जंक्शन (राजस्थान)