आम की आपबीती.
"आम हैं मेरा नाम. '
भूख बढ़ाना मे रा काम,

फलो का हु राजा मे
सबका मन ललचाता मे

कच्चा पक्का सबको मे लुभाता.
एसिडिटी दूर कर हीमोग्लोबिन मे बढ़ाता.


व्यंजन मुझसे कितने बनते.
थक जाओगे गिनते गिनते.

आचार की हु मे ही जान.
आमरस से बढती भोजन की सान.

दुख मुजे बस इस बात से होता.
जब कार्बन से मुजे पकाया जाता.

मतकर ये गलती तू इंसान
इसे होगा सेहत को नुकसान.

पथर से जो मुझको तोडा जाता
पैड ये मेरा बड़ा कश्ट पाता

ऑर्गेनिक तरीके से जिसने मुजे पकाया
अच्छी सेहत ओर बढ़िया स्वाद हैं पाया.

अगर मुझसे करते हो सच्चा प्यार.
मेरा पैड लगाकर देखो एक बार.

yogita Sondagar

Hindi Poem by Yogita Sondagar : 111441842
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now