2 साल पहले(19 April 2018) जीवन में एक बदलाव आया। कुछ आदतें बदली और कुछ आदतें बदलवाई। थोड़ी बातें और ढेर सारी यादें बनाई। एक रचनात्मक व्यक्ति की प्राथमिकताएं अलग होती हैं…उसे दुनिया में रहना भी है और दुनियादारी में पड़ने से भी परहेज़ है। ऐसे में डर होता है कि क्या शादी के बाद भी यह सोच बनी रहेगी या नहीं? पहले मेघा और अब प्रभव ने मिलकर मुझे जीवन के कई पाठ पढ़ाए। इन्होनें बताया कि प्राथमिकताएं कोई बाइनरी कोड नहीं जिन्हें या तो रखा जाए या छोड़ा जाए…इंसान नए नज़रिये और जीने के ढंग के साथ प्राथमिकताओं में कुछ बदलाव करके भी खुश रह सकता है। मेरे मोनोक्रोमेटिक जीवन को खूबसूरत पेंटिंग बनाने के लिए शुक्रिया मेघा और प्रभव!
आप दोनों के लिए 2 रचनाएं –
कुछ मैंने समझा…कुछ तुमने माना,
नई राह पर दामन थामा।
कुछ मैंने जोड़ा…कुछ तुमने संजोया,
मिलकर हमने ‘घर’ बनाया।
दोनों की जीत…दोनों की हार,
थोड़ी तकरार…ढेर सा प्यार।
मेरी नींद के लिए अपनी नींद बेचना,
दफ्तर से घर आने की राह देखना।
माथे की शिकन में दबी बातें पढ़ना,
करवटों के बीच में थपथपा कर देखना।
साथ में इतनी खुशियां लाई हो,
एक घर छोड़ कर…मेरा घर पूरा करने आई हो।
पगडंडियों से रास्ता सड़क पर मुड़ गया है…
सफर में एक नन्हा मुसाफिर और जुड़ गया है।
चाहो तो अब पूरी ज़िंदगी इन दो सालों की ही बातें दोहराती रहो…
लगता है यह सफर चलता रहे…कभी पूरा न हो!
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(हास्य) [ध्यान दें – ये दोनों ही मेन लीड हैं, क्योंकि मेरी प्रोफाइल है इसलिए खुद को नायक बना रहा हूँ।]
मैं उपन्यास हूँ…आप दोनों मेरे प्लाट ट्विस्ट और मेन लीड,
मैं छुटभैया नेता हूँ…आप दोनों मेरे जुटाए कैबिनेट मंत्री और भीड़।
मैं अन्ना हजारे हूँ…आप दोनों मेरे संघर्ष और अनशन,
मैं वीडियो गेम हूँ…आप दोनों मेरे प्लेयर और लास्ट स्टेज के ड्रैगन।
मैं एसयूवी हूँ…आप दोनों मेरे चेसिस और इंजन,
मैं सुबह की सांस हूँ…आप दोनों मेरे माउथवाश और मंजन।
मैं ट्रैक्टर हूँ…आप दोनों मेरे कल्टीवेटर और डाला,
मैं शक्तिमान हूँ…आप दोनों मेरे किलविश और कपाला!
मैं सब्जीवाला हूँ…आप दोनों मेरा ठेला और टोकरा,
मैं धूम सीरीज़ हूँ…आप दोनों मेरे अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा!
मैं हलवाई हूँ…आप दोनों मेरी दिवाली और मिठाई,
मैं तापसी पन्नू हूँ…आप दोनों मेरी पीआर एजेंसी और बीफिटिंग रिप्लाई!
मैं अजय देवगन हूँ…आप दोनों मेरे रोहित शेट्टी और काजोल,
मैं बीजेपी हूँ…आप दोनों मेरे आरएसएस और बजरंग दल।
मैं इंदिरा गांधी हूँ…आप दोनों मेरे भारत रत्न और इमरजेंसी,
मैं पाकिस्तान हूँ…आप दोनों मेरे टेररिज़्म और इंसरजेंसी।
मैं फ़ुटबॉल हूँ…आप दोनों मेरे जूता और लात, [ओ भाई…मारो मुझे मारो]
मैं हालात हूँ…आप दोनों मेरी यादें और जज़्बात।
मैं बाबा रामदेव…आप दोनों मेरे योग और पतंजलि,
मैं धड़कन…आप दोनों मेरे देव और अंजली।
जीवन में नहीं रहा कोई अभाव,
मोहित को मिल गए मेघा और प्रभव।
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#ज़हन