कितने सुलझे हुए तरीके से...
मुझको उलझन में डाल जाती हो तुम
सिर्फ तुम्हारे लिए पढ़ना और समझना तुम जहां भी हो मुझे मालूम है तुम मेरी हर पोस्ट को पढ़ती हो जवाब नहीं देती जरूरी नहीं हर बात का जवाब दिया जाए तुम पढ़ लेती हो मेरे एहसास जिंदा हो जाते तुम जुडी थी मुझसे मेरे दिल से मेरी रूह से मेरी रूह इतनी बेईमान नहीं है कि तुम तक बात ना पहुंचे