तुम सभ दिन के सूरज हो तुम्हारा उजाला अलौकिक है में रात का अदना सा दीपक हु पर अंधेरो से दो-दो हाथ करता हु मेरी सख्शियत के रंग फीके है मालूम है मुझे पर दाग एक भी नही है ये गुरुर है मुझे मुझे कैसे जीना है ये फैसले अब तुम करोगे चलो कर लो मेरे अपने हो अधिकार है तुम्हे #आदित्य पारीक