Hindi Quote in Thought by Steetlom

Thought quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

सोनाली बेंद्रे - कैंसर
अजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस
(कंधे की गंभीर बीमारी)
इरफान खान - कैंसर
मनीषा कोइराला - कैंसर
युवराज सिंह - कैंसर
सैफ अली खान - हृदय घात
रितिक रोशन - ब्रेन क्लोट
अनुराग बासु - खून का कैंसर
मुमताज - ब्रेस्ट कैंसर
शाहरुख खान - 8 सर्जरी
(घुटना, कोहनी, कंधा आदि)
ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसर
राकेश रोशन - गले का कैंसर
लीसा राय - कैंसर
राजेश खन्ना - कैंसर,
विनोद खन्ना - कैंसर
नरगिस - कैंसर
फिरोज खान - कैंसर
टोम अल्टर - कैंसर...

ये वो लोग हैं या थे-
जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!
खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।
दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं
जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।
जिम भी जाते है।
रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।
सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।
अब सवाल उठता है कि आखिर
अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई।

क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल
बहुत कम करते है।
या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते।
जैसा हमें प्रकृति ने दिया है ,
उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं देगा।
कितनी भी फ्रूटी पी लो ,
वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती।
अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करते
तो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी से
लाख गुण अच्छा था।

आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिए
जहां एक भी कीटाणु ना हो।
बड़ा होने से बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो,
वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!
क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया।
कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,
मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे।
समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है।
एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोग
सेनिटाइजर लगाते हुए देखते हैं हम।

इंसान सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी जियेंगे।
आपने कभी गौर किया है--
पिज़्ज़ा बर्गर वाले शहर के लोगों की
एक बुखार में धरती घूमने लगती है।
और वहीं दूध दही छाछ के शौकीन
गांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।
क्योंकि उनकी डॉक्टर प्रकृति है।
क्योंकि वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है।
प्राकृतिक चीजों को अपनाओ!
विज्ञान के द्वारा लैब में तैयार
हर एक वस्तु शरीर के लिए नुकसानदायक है!

पैसे से कभी भी स्वास्थ्य और खुशियां नहीं मिलती।।
आइए आयुर्वेद अपनाए....
आइए फ़िर से_ चलें
*प्रकृति की ओर...* ?? share...... ?

https://www.neetsman.com

Hindi Thought by Steetlom : 111296756
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now