श्रीभगवान का आगमन। इससे बड़ा पर्व, इससे बड़ा त्यौहार भला और क्या हो सकता है।
भगवान श्रीराम के आगमन पर प्रसन्नता मनाना, सबका मुंह मीठा करवाना, हर्षोल्लास से परिपूर्ण हो जाना। यह सब भगवान के प्रति समर्पण दर्शाता है जिससे भगवान व समस्त देवी देवता अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
किन्तु अधिकांश लोग ऐसा न करके भगवान को दरकिनार करके माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं, ताकि उनके धनों के भंडार भर जाएं।
किन्तु माता लक्ष्मी अत्यंत बुद्धिमान हैं उनके पति की उपेक्षा कर कोई भला उन्हें किस प्रकार प्रसन्न कर सकता है??
माता लक्ष्मी अपने पति श्रीभगवान की सेवा में प्रत्येक क्षण समर्पित रहती हैं, आज लोगों ने अपने स्वार्थ हेतु माता लक्ष्मी के संग विराजने वाले भगवान को वहां से हटाकर उनके स्थान पर गणेशजी को बिठा दिया है, ताकि लक्ष्मी माता उनके भंडार भरें एवं गणेशजी उनके जीवन में ने वाले विघ्नों का हरण करें। इतना ही चाहिए लोगों को उन्हें भगवान से कोई प्रयोजन नहीं है।
किन्तु जिनकी बुद्धि सांसारिक इच्छाओं द्वारा मारी नहीं गई है वह लोग दिवाली के दिन भगवान के आगमन का पर्व अत्यंत प्रेम व समर्पण से मनाते हैं।
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