"राज" की कलम से -
सुनो मेरे हमदम-हमराही
कितना '"प्यार" है हमें आप-से
आपको बताऐ तो बताऐ कैसे
बेरंग-सी जिंदगी में जो
रंग भरे हैं "चाहत" के आपने
वो चाहत के खुशियाँ भरे रंग
आपको दिखाऐ तो दिखाऐ कैसे
यूँ तो गुजर ही रही थी जिंदगी
कई "अहसासो" के साथ
"दिले" में जीने का खुशनुमा
अहसास जगाया है जो आपने
वो अहसास आप में भी जगाऐ कैसे