अरे पगली फूलों के हार वहां पे भी होंगे
ओर फूलों के हार यही पेभी भी होंगे ।।
सजाया तुझे भी जायेगा
सजाया मुझे भी होगा ।।
पानेतर तुभी पहेनेगी
कफन मे भी पहेनुगा ।।
मोलाना तेरे यहा भी होगा
गवाह यहा भी होगा ।।
डोली तेरी भी उठेगी
मय्यत मेरी भी निकलेगी
पर पागल
तु रोती हुईं जायेगी ओर मे
सबको रुलाते हुए ।।