आज के सामाजिक परिवेश की यह विडंबना हो गई है कि नारी स्वतंत्रता के नाम पर सिर्फ देह प्रदर्शन हो गया है!
देश,समाजऔरआने वाली नस्लें इस प्रकार के देह प्रदर्शन से क्या शिक्षा प्राप्त करेंगे,यह एक यक्ष प्रश्नहै?
यदिआप इस सब का विरोध करतेहैं तोआप दक्षिणपंथी घोषित कर दिए जाएंगे!