Hindi Quote in Poem by vijay d. tiwari Ahmedabad

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

??? गीत ???

नफ़रत, द्वेष, घृणा की ज्वाला में सब कुछ जल जाएगा |
चारों ओर मचा है हाहाकार कौन बच पाएगा ||
कौन यहाँ बच पाएगा,
कोई नहीं बच पाएगा |

कच्ची कलियाँ रौंद रहा है रोको उस हैवान को |
रखवाले बनते हो तो फिर खत्म करो शैतान को ||
बात बहुत बढ-चढ करते थे तुम वो वादे याद करो |
आश्वासन देते थे की तुम हमसे तो फ़रियाद करो ||

सुनलो अब फ़रियाद नहीं तो सिंहासन उड़ जाएगा
चारों ओर मचा है हाहाकार कौन बच पाएगा ||
कौन यहाँ बच पाएगा,
कोई नहीं बच पाएगा ||

अन्धा है धृतराष्ट्र तभी तो दहशत चारों ओर है |
दुर्योधन, दु:शासन का आतंक महा घनघोर है ||
शकुनी को पहचान यही तो कपटी है ये छलिया है |
राजसभा ये है दुष्टों की ये दुष्टों की दुनिया है ||

स्वार्थ, ममता, लालच, माया, मोह में ही लुट जाएगा
चारों ओर मचा है हाहाकार कौन बच पाएगा ||
कौन यहाँ बच पाएगा,
कोई नहीं बच पाएगा |

धर्म के ठेकेदारों पर तुम मत अन्धा विश्वास करो |
मानवता का कत्ल करा दे उनका मत विश्वास करो
बहकावे में मत आओ अब तो सतर्क हो जाओ तुम
काबिल नहीं हैं ये यक़ीन के अब तो आँखें खोलो तुम ||

झूठे, मक्कारों के चक्कर में तू भी फँस जाएगा |चारों ओर मचा है हाहाकार कौन बच पाएगा ||
कौन यहाँ बच पाएगा,
कोई नहीं बच पाएगा |

न्याय यहाँ अन्धा था पहले अब बहरा गूंगा भी है |
धन की छम-छम के आगे झुकता भी है बिकता भी है ||
सबकुछ है व्यवसाय यहाँ पर नैतिकता का पतन हुआ |
धन-वैभव के आगे सारी मानवता का पतन हुआ ||

तार-तार है शील और मर्यादा को छल जाएगा |
चारों ओर मचा है हाहाकार कौन बच पाएगा |
कौन यहाँ बच पाएगा,
कोई नहीं बच पाएगा |

Hindi Poem by vijay d. tiwari Ahmedabad : 111168826
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now