एक बार मूसा अलैहिस्सलाम ने
अल्लाह तआला से पूछा
की मैं जितना आपके करीब रहता हूँ,
आप से बात कर सकता हूँ
उतना और भी कोई करीब है ?
अल्लाह तआला ने फ़रमाया की
ऐ मूसा आखरी वक़्त में एक उम्मत आएगी वह उम्मत
मुहम्मद (सल्ललाहु अलैहिवसल्लम)की उम्मत होगी
उस उम्मत को एक महीना ऐसा मिलेगा
जिसमे वह सूखे होंठ,
प्यासी जुबान,
सुखी आँखे ,
भूखे पेट,
इफ्तार करने बैठेंगे
तब मैं उनके बहुत करीब रहूँगा
मूसा हमारे और तुम्हारे बीच में 70 पर्दो का फ़ासिला है
लेकिन अफ्तार के वक़्त उस उम्मती और मेरे बीच में एक परदे का भी फासला नहीं होगा
और वो जो दुवा मागेंगे उनकी
दुवा क़बूल करना मेरी जिम्मेदारी है |