मुझे लिखना नहीं आता था,
पहले मैंने पढ़ना सीखा,
फिर समझना सीखा,
समझने की कोशिश में समझ आया कि जो लिखा है उसके कई मतलब बनते हैं,
हमने बाकी के मतलब लिखने शुरू कर दिए,
कभी कभी हमारे पोस्ट किसी दूसरे की पोस्ट पर कमेंट बन जाते थे,
कभी हम दूसरों की पोस्ट्स पर किये गए अपने कमेंट्स को पोस्ट्स बनाने लगते थे,
लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया।
लेकिन क्या आप मेरी इस पोस्ट का वही अर्थ समझें जो मैं कहना चाह रहा हूँ?
नहीं। आप नहीं समझे।
यह आपकी क्रिएटिविटी बढाने सबसे आसान तरीका है। आप भी लेखक बन सकते हैं।