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सभी देशवासियों को अपने दोस्त सुरेश कुमार बिसनदास बघेल "सुमन" की ओर से 70 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!?????????????????
आप सभी को पता है दोस्तों हमारे देश का संविधान सन् 1950 को लागू हुआ था।इसीलिए हम इस त्यौहार को मनाते हैं। आज के दिन हमारी राष्ट्रीय भावना हृदय में नहीं समाती।बच्चों से बड़ों तक सभी आज सच्चे राष्ट्र भक्त की तरह राष्ट्र प्रेम से भरे होते हैं।गीत, भाषण, झाँकियों, नाटकों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि-आदि के द्वारा सभी अपने राष्ट्र भक्त होने का एहसास कराते हैं।
किन्तु स्वतंत्रता दिवस जैसे कुछ और दिनों को छोड़ दें तो बाकी का लगभग एक साल हमारी राष्ट्रीय भावना को क्या हो जाता है!जिस संविधान की आज हम जयजयकार कर रहे हैं, कल उसी की किसी धारा की कमजोरी का फायदा उठाने से भी हम गुरेज नहीं करते।
दोस्तों राज्य(देश) जनता, जमीन, संविधान और राजा( जनप्रतिनिधियों )से बनता है ।इन में से कोई एक घटक भी कम हो जाय तो राज्य(देश)का अस्तित्व असंभव हो जाता है।
इस तरह यदि हमें अपने देश को हर प्रकार से मजबूत करना है तो देश के उपरोक्त चार घटकों को मजबूती प्रदान करना होगा।
प्रथम है जनता । जनता को आपस में मिल जुल कर रहना चाहिए।हमें एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए।कोई गलत रास्ते पर जा रहा है तो उसे उचित राह बताना चाहिए।किसी का बिगड़ गया है तो उस को मिल जुल कर पटरी पर लाना चाहिए।जैसे कोई लड़का जवानी में विधुर या लड़की जवानी में विधवा हो जाय तो उसके मायके और ससुराल वालों के साथ साथ समाज का भी कर्तव्य बन जाता है कि उसका घर पुनः बसाने में उसकी पूरी मदद करें,यह नहीं कि उसके किसी गलत कदम उठाने का इंतजार करें।फिर उस के बाद उसके परिवार को प्रताड़ित करें।
दूसरा घटक है जमीन ।जमीन न रहे तो हम रहेंगे कहाँ !इस लिए देश की सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए कि कोई भूले से भी हमारी एक इंच जमीन लेने की सोच ने की हिम्मत न कर सके।हमारे देश का हर नागरिक स्वस्थ होना चाहिए।इसके लिए नीतियां बननी चाहिए।कई बीमारियां पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती हैं।ऐसे परिवार को चिन्हित कर बच्चे पैदा करने के पहले ईलाज कराई जाए।या कोई और उचित रास्ता अपनाई जाए।
तीसरा घटक है संविधान। हमें संविधान की धाराओं का ज्ञान जरूरी है। प्राथमिक विद्यालय से ही बच्चों को इन धाराओं की जानकारी देना प्रारंभ कर देना चाहिए।होता यह है कि धाराओं का उचित ज्ञान नहीं होने से कई लोग अनजाने में कई अपराध कर बैठते हैं ,या किसी धूर्त का शिकार बन बैठते हैं।हमें अपने संविधान का सम्मान करना चाहिए।उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
देश का अंतिम घटक है जनप्रतिनिधि।हमें अपना योग्य जनप्रतिनिधि बिना किसी लोभ लालच या बहकावे के देशहित में चुनना चाहिए। इसके लिए यह परम आवश्यक है कि हम सुशिक्षित हों।इस लिए हम ध्यान दें कि हमारे आसपास कोई अशिक्षित न रह जाय।?????
?? राष्ट्र धर्म है सबसे बड़ा,
बाकी धर्म इस के बाद।।
पहले सरहद की रक्षा,
फिर पूजा और नमाज।।??
जयहिंद जयभारत!!!!????
**सुरेश कुमार बिसनदास बघेल"सुमन"**??