# Kavyotsav
' तेरे बिन '
ना चले होते तुमने ,वो चार कदम,
तो जिंदगी हमारी ,कुछ और होती!
थामा न होता, यु तुमने हाथ मेरा ,
तो तकदीर हमारी ,कुछ और होती!
मंजिल कभी हमारी, एक थी ही नही,
फिर भी साथ देने का वादा निभा रहे थे हम!
एक साथ हो के भी , दूर ही थे हम हमेशा,
आसपास हो के भी ,कभी करीब नही थे हम!
बदल रहा था सबकुछ, बदलते वक्त के साथ ,
एहसास भी बदलने लगे मेरे , जो कह रहे मेरे दिल की बात!
बेसबरीसे है मुझे उस पल का इंतजार,
जब तुम मुझसे करोगे अपने प्यार का इजहार!
पुरा हो गया आज मेरा सपना जो मैने संजोया था,
लगता है कि लकिरे तो हमारी पहले ही मिल गयी थी ,
बस हमे मिलाना बाकी रह गया था.....
बस हमे मिलाना बाकी रह गया था........