The essence of independence has been to think and act according to standards from within, not without: to follow one's own path, not that of the crowd.
ठेला रेहड़ी सरक किनारे वर्दी गर्दी जबरा पा माल
लूट मार और दहशत गर्दी रूलादेव पूरा पूरा साल
भारत जुड़ा न्याव सरीसा
मजनू महफिल मुहब्बत बोल
राम राम हे राम बुलावे
देखे हरषे समझे लोग