॥ मेरा देह ही मेरा देश ॥
मन ही मकान है मेरा।
दिल ही दुकान है मेरा।
हाथ ही हथियार है मेरा।
दांत ही दौलत है मेरा।
आंख ही औकात है मेरा।
कान ही कीमत है मेरा।
नाक ही नेकियत है मेरा।
जुबान ही जान है मेरा।
मूंह ही मोहब्बत है मेरा।
गाल ही गनीमत है मेरा।
गर्दन ही गरिमा है मेरा।
शीश ही आस है मेरा।
सीना ही खजाना है मेरा।
पेट ही श्रेष्ठ है मेरा।
कमर ही उमर है मेरा।
पांव ही नांव है मेरा।
देह ही देश है मेरा।
देश ही देह है मेरा। - ©️ जतिन त्यागी