*खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है*
*उम्र का पानी...*
*वक़्त की बरसात है कि*
*थमने का नाम नहीं ले रही...*
*आज दिल कर रहा था*,
*बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,*
*पर...*
*फिर सोचा,*
*उम्र का तकाज़ा है,मनायेगा कौन...*
*रखा करो नजदीकियां,*
*ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं...*
*फिर मत कहना*
*चले भी गए और बताया भी नहीं...*
*चाहे जिधर से गुज़रिये,*
*मीठी सी हलचल मचा दीजिये...*
*उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है,*
*अपनी उम्र का मज़ा लिजिये...*
*""सदा मुस्कुराते रहिये""*
*🙏🌅Good morning🌅🙏*