Quotes by Chiranjeeb Sahu in Bitesapp read free

Chiranjeeb Sahu

Chiranjeeb Sahu

@chiranjeebsahu6440


सफाई तो हमे रोज करना पड़ता हे, हमारे दिल और दिमाक के और कुच्छ गन्दा सोच ताखनेवाले इंसान को.
भाई साहब ये भी एक स्वच्छ भारत अभियान हे.

स्वच्छ चिंतन
स्वच्छ गठन
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कभी कभी पानी को देख ते ही प्यास लगता हैं,
कभी खाने को देख के भूक लगता हैं,
कभी कभी गरेनॉ को देख के अपनों का ख्याल आता हैं,
और दुनिया मे इतना लोग होते हुए भी सिर्फ एक को आँख देख ने के तरस ता हे।

वो एक ऐसा ही होता हे जैसे :
मा को अपने संतान का
पत्नी को अपना पति का
प्रेमी को अपना प्रेमीका का
भाई को अपना बेहेन का
गरीबों को दानी का
और
सच्चा रिस्तेदार को अच्छा रिश्तों का।

जय जगन्नाथ
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ये केसा ज़िन्दगी हे समझ नहीं आता।
जो बात हमने पुराणों और बेदों मे पढ़े हे वो बात आजकी लोगों मे नहीं दीख रहा हे। और जो बात दीख रहा हे वो सायेद कहीं नहीं मिलेगा। अच्छा बनना और अच्छा बात करने का ज़माने सायेद इस युग मे नेहीं मिलेगा। यहाँ सब अपने अपने बिचार धारा मे जी रहे हे। और बिचार तो ऐसा होगया हे की जो गुटखा बेचेगा वो ही कैंसर हॉस्पिटल खोलेगा। लोग लाख मे रोज़गार करते हे फिर भी चाहिए और उधार बढ़ता जा रहा हे। और एक गरीब जो सिर्फ 2वक़्त रोटी खारहा हे उसका उधार नेहीं फिर भी वो गरीब केहेलरहा हे। लोग दुनिआ को अमीर के नज़रूँ से देख रहें हे। हजार हजार करोड़ का मालिक के पास वक़्त नेहीं हे बाते करने की ओर कुच्छ लोग उस नफुर्सत ब्यक्ति के साथ नाता जोड़ ने की सोच रहें हे। जो परिबार का ख्याल रखता हे वाद मे वो परिबार उसे छोड़ देनेकी धमकी देता हे। भलेही अनपढ़ हे कुच्छ लोग लेकीन वो अपनों का मतलब समझ ते हे और पढ़े लिखें लोग अपनों के मत के बाद मे भी नहीं आते हे। फिर भी उनको हमारा समाज बड़ा कहलाता हे। जो लोग जिंदगी को entertainment समझ ते हे ये जिंदगी उनको एक दिन खिलौना की तहरा entertainment केलिए ब्यबहार करेगा। एक दिन सबके पास पैसा तो बहत होगा लेकीन फिर भी ज़िन्दगी मे खुशी, बिस्वास, भौंरासा, प्रेम, आनद ना होने की वजेसे रेग्गिस्तान जैसा लगे गा। क्या कहूंगा मे शब्द नहीं आ रहा हे, ये ज़िन्दगी ने मुझे इतना सिखाया हे की कहीं से सीख नेकी नोबॉट नहीं हे। रिश्तों के ब्यापार ओर रिश्तेदारों के ब्यबहार ने हमें दूकान जैसा करलिए हे। भलेही दिखावे का स्नेह देतें हे लोग, बदले मे चाहते हे वो अपने स्वार्थ के भोग। जो प्यार करते हैं वो अक्सर अपनी प्रेमी के पॉकेट देकते हैं और प्रेमिका के चहरे के सुंदरता। बहत कम लोग दिल से प्यार करते हैं बाकी सारे शरीर और धन से।


जय जगन्नाथ
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स्वस्थ रहें, प्यार बांटें। रिश्ते और रिश्तेदारों को उतने अहमियत दीजिए जितना अप्प पाते हैं। अपने अपको इतना बजबूत बनाइये के किसी वी आंधी ओर तूफान से अप्प ना बिखरें।

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ये एक सचाई :
अच्छा इंसान कभी मतलबी नहीं होता। बस उन्हें समझ ने मे समय लगता हे। अगर उनके अच्छे इरादे को कोई सक के नज़रों मे देके या बुरा समझें वो खुद को उन लोगों से दूर लेजाते हैँ। और मतलबी लोग कभी किसीका भला नहीं करसकते क्यूंकि वो खुद के वारे मे ज्यादा सोचते हैँ और दुशरों के बारे मे नहीं सोच ते हैँ। इसलिए दोस्तों अच्छा इंसान को पहचानो और उनको कभी आप से दूर जाने मत देना। क्यूंकि यहाँ chinese duplicate तो बोहत मिल जायेंगे लेकीन कीमती original देसी तो कभी कभी मिलता हे।
jay jagannath
आपका जीबन सुख और शांति से कटे।

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जब मे छोटा था समझता था की मे इंसान की बिच मे रहता हूँ। जब मे बड़ा हुआ और रोज़गार करने लगा तब पता चला यहाँ कुच्छ इंसान जैसा भेड़ियाँ रहते हैं। उनको पैसा वाला मिला तो नोच लेंगे और ना मिला तो भी अपनी क्रूरता पर उतर आएंगे और नोच लेंगे। तब मुझे अपने खुद के सुरख्सा केलिए कुच्छ अस्त्र रखना पड़ेगा।
ये इस युग और जीबन का कड़वा सच हे। ध्यान से अपने अपने ज़िन्दगी को सोचिये उतर मिलजायेगा।

jay jagannath
🙏🙏🙏
jay odisha.

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सोना की किम्मत कितना भी हो उससे प्यास और भूक नहीं मीट ती हे। लेकीन सोना जैसा कीमती जीजों को बेच कर सोना से सस्ता अनाज ख़रीदा जा सकता हे।
इसलिए अमीर कितना भी धनवान हो लेकीन उसका आलीशान बिल्डिंग और गाड़ी और खनेकेलिए अनाज गरीब के हतोसे बंनता हे।
अमीरों को शान और मान बराबर बालों से नेहीं गरीबों से मिलता हे।

jay jagannath
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बादल कितना भी सूरज को छिपाने की कोसिस करें। आखिर मे सूरज ही जीतता हे। उसका उज्वल किरण से सारे संसार को वो अन्धेरासे मुक्त कर्ता हे।
अगर अप्प के पास ज्ञानालोक हो तो दुख और बुराई के बादल लाख कोसिस कर्क भी आपके छुपा नहीं सकता और एक दिन आपका ज्ञान और सुबिचार से आप हर बुराई और दुख से आगे निकल जाओगे।

jay jagannath
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कांटे तो हमें रोज़ चुबते हें लेकीन दर्द दिन ब दिन कम होता हे। क्यूंकि हमने अपने दिल और दिमाक को इसका आदत बना चुके हें। ये जिंदगी का रहा हे दोस्तों कांटे तो बहत आएंगे कभी रिश्तों के आड़ मे कभी अपनों के दहाड़ मे या कभी कभी औरों के ब्यबहार मे बास हमें तैयार रखना हे अपने दिलो, दिमाक मे। क्यूंकि एक फलता हुआ पेड़ ही अधिक चोट और आघात झेलता हे। इसलिय कस्ट आये तो खुद को याद दिला देना के मे एक फलता हुए पेड़ हूँ, जो लोग मुझे आघात देतें हें उनके पास मेरा कमी हे इसलिय वो मुझसे मेरा फल जाहते हें उनकी कम्मी को वारपाइ करने कलिये।
जय जगन्नाथ
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परिवार तो सबको हैं। लेकीन परिजनों की कमी वी सबको लगता हे। क्यूंकि परिबार मे रहनेवालों की परवरिश मे सायद कहीं कमी रहेजाता हे इसलिए एक छत के नीचे एक परिबार के एक से ज्यादा सदस्य रहते हुए भी एकता नेहीं रहता। इसलिए अच्छा परवरिश से अच्छा परिबार बनता हे और परवरिश का मतलब अच्छा संस्कार और अच्छा सोच देना देना होता हे। जिससे परिबार के पेड़ सम्पर्क के गहराई को समझे ओर उसे दिआ हुए संस्कार और मर्यादा के दायरे मे रहते हुए एक अच्छा जीबन बिता सके। इससे बर्तमान और भबिष्य के पीढ़ी को शुभ प्रदायक और लावदायक होता हे।

जय जगन्नाथ
आनंद जीबन
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एक कड़वा सच।
दुनिआ मे सब लोग प्यार करते हें। और ज्यादा तर लोगों को गोरा लड़का, लड़की पसंद है लेकीन वो यक़ीनन नेहीं केहे सकते की गोरा लोगों को 100%प्यार वाला कहे या 100% आकर्षित वाला।
और काला लड़का लड़की को आकर्षित तो नहीं के सकते लेकीन प्यार वाला कहे नेकी percentage ज्यादा होता हे।

(ये मेरा experience कहता हे )
अगर कुछ गलत हे तो सीख ने केलिए आपका कमैंट्स चाइये।
जय जगन्नाथ
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