इतिहास के पन्नों से 14
भाग 14
कोल्ड वॉर और प्रॉक्सी वॉर
कोल्ड वॉर
द्वितीय युद्ध की समाप्ति के बाद दुनिया मुख्य रूप से दो खेमों में बंट गयी थी .विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ दो सुपर पावर थे . एक खेमें में अमेरिका ( USA ) के नेतृत्व में यूरोप का एक हिस्सा ( विशेष पश्चिमी यूरोप ) , एशिया के कुछ देश और उनके मित्र देश थे तो दूसरे खेमे में सोवियत संघ ( USSR- Union of Soviet Socialist Republics ) के नेतृत्व में यूरोप का शेष भाग ( पूर्वी यूरोप ) , एशिया के चीन और अन्य देश हालांकि भारत सहित कुछ अन्य देश सैद्धांतिक रूप से न्यूट्रल थे यानी गुट निरपेक्ष . अमेरिकी खेमा पूंजीवाद से प्रभावित था जबकि सोवियत संघ का खेमा समाजवाद से प्रभावित था . दोनों खेमे अपना अपना प्रभुत्व बनाए रखना चाहते थे . अमेरिकी प्रभाव वाले गुट को वेस्टर्न ब्लॉक और सोवियत संघ वाले गुट को ईस्टर्न ब्लॉक भी कहा जाता था .
1947 में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश भारत स्वतंत्र हुआ था और इसके बाद एशिया और अफ्रीका के अन्य देश भी उपनिवेशवाद से मुक्त होने लगे थे . दोनों खेमे विश्व में अपने अपने सिद्धांत को बेहतर बताते हुए उस का विस्तार करना चाहते थे . यहीं से कोल्ड वॉर या शीत युद्ध का आरंभ हुआ . कोल्ड वॉर दोनों खेमे के बीच कोई सीधे तौर पर युद्ध न होकर एक भू - राजनैतिक तनाव था . कोल्ड वॉर 1947 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन के सिद्धांत के कारण था जिसके अनुसार अमेरिका प्रजातांत्रिक देशों को सोवियत संघ के समाजवाद के विस्तार से बचने के लिए आर्थिक और सैन्य सहायता करता था . इसके फलस्वरूप यूरोप में समाजवाद का विस्तार रुक गया और एक तरह से अमेरिका सोवियत संघ के विरुद्ध विश्व का अघोषित रक्षक बन बैठा . इसके चलते दोनों सुपर पावर के बीच तनाव बढ़ा . आश्चर्य की बात यह है कि अमेरिका और सोवियत संघ दोनों द्वितीय युद्ध में 1945 तक एक साथ एलाइड सेना में थे .
एक बार 1962 में दोनों सुपर पावर न्यूक्लियर युद्ध के अत्यंत निकट आ गए थे . अमेरिका के निकटवर्ती क्यूबा एकमात्र कम्युनिस्ट देश था जो सोवियत संघ के प्रभाव में था . सोवियत संघ ने क्यूबा में मिसाइल तैयार रखे थे और जवाब में अमेरिका ने भी . पर अंतिम क्षणों में नेतृत्व की सूझबूझ से एक न्यूक्लियर वॉर टल गया था .
प्रॉक्सी वॉर
कोल्ड वॉर के दौरान दोनों सुपर पावर के बीच वर्षों तक प्रॉक्सी वॉर ( परोक्ष युद्ध या छद्म युद्ध ) चलता रहा था . इसका अर्थ यह हुआ कि दोनों गुटों ( महाशक्तियों ) के बीच सीधे संघर्ष नहीं था बल्कि वे किसी तीसरे देश या शक्ति के उपयोग कर एक दूसरे को हानि पहुंचाना चाहते थे या अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते थे या दूसरे देश को क्षति पहुंचाते थे . इसका एक उदाहरण हमारे पड़ोसी देश है जो विद्त तीन चार दशकों से यही करता आया है .
वैसे कोल्ड वॉर के दौरान अनेक युद्ध हुए थे पर कुछ प्रमुख प्रॉक्सी वॉर के उदाहरण हैं -
1946 - 54 के बीच प्रथम इंडो चीन वॉर - इसमें सोवियत संघ, चीन और उनके मित्र देश एक तरफ थे तो दूसरी तरफ अमेरिका , फ्रांस , वियतनाम और कुछ मित्र देश थे . इस युद्ध में वियतनाम या यूं कहें अमेरिकी खेमे की जीत हुई .
1950 - 53 के बीच कोरियन वॉर - इसमें एक तरफ नॉर्थ कोरिया , चीन , सोवियत संघ और उसके मित्र देश थे तो दूसरी तरफ साउथ कोरिया , अमेरिका , U . K . और अन्य कॉमनवेल्थ देश थे . इस युद्ध में भारत ने अपनी सेवा चिकित्सा तक सीमित रखी थी . इसका कोई स्पष्ट समाधान नहीं मिला बल्कि गतिरोध ( जिसे चेस में स्टेलमेट कहते हैं ) बना रहा .
1955 - 75 के बीच द्वितीय इंडो चीन वॉर या वियतनाम वॉर भी कहते हैं - इसमें नार्थ विएतनाम , चीन , सोवियत संघ और यूरोप के ज्यादातर कम्युनिस्ट देश एक तरफ थे तो दूसरी तरफ साउथ वियतनाम के साथ अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया , न्यूज़ीलैण्ड और एशिया के कुछ अन्य देश थे . इस युद्ध में नॉर्थ वियतनाम की जीत हुई थी . इस युद्ध की समाप्ति के बाद 1976 में नॉर्थ और साउथ वियतनाम मिल कर एक देश वियतनाम हो गया .संयुक्त वियतनाम ने नॉर्थ का राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान अपना लिया .
कोल्ड वॉर का अंत - दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच का दशकों पुराना कोल्ड वॉर अंततः टूट ही गया . आर्थिक तंगी , राजनीतिक अस्थिरता आदि कारणों से 1991 में विशाल सोवियत संघ का विघटन हुआ . USSR के टूटने के बाद 15 नए देशों का उदय हुआ जिनमें रसिया ( सबसे बड़ा ) , कजाखस्तान यूक्रेन , बेलारूस , आदि हैं . इसके साथ ही कोल्ड वॉर समाप्त हुआ .
Trivia -
* अमेरिकी प्रेसिडेंट बारटेंडर ! - अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन एक लाइसेंस प्राप्त बार टेंडर ( bartender = शराब सर्व करने वाला ) थे . अमेरिका के इलेनॉइस राज्य के न्यू सालेम में लिंकन और विलियम बेर्री का एक स्टोर और बार था . उन्हें 1833 में बारटेंडर लाइसेंस मिला था . वे अमेरिका के एकमात्र प्रेसिडेंट थे जिन्हें बारटेंडर का लाइसेंस प्राप्त था .
इसके अतिरिक्त लिंकन एक पहलवान भी थे , कहा जाता है कि उन्हें 300 मुकाबलों में सिर्फ एक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था .
* . मूत्र से माउथवॉश ! - जी हाँ , यह सच है . DOCS Education ( डेंटल ऑर्गेनाइजेशन फॉर कंटीन्यूइंग सिडेशन ) के पास ऐसे डॉक्यूमेंट हैं जिससे यह पता चलता है कि प्राचीन रोमन मूत्र को माउथवॉश के लिए उपयोग करते थे .उनके अनुसार मूत्र में वर्तमान अमोनिया दांतों की सफाई कर सफ़ेद रखता था . विशेष कर वे पुर्तगाल से मूत्र आयात करते थे . यह प्रथा इतनी प्रचलित थी कि मूत्र कलेक्ट करने वाले राह चलते पेशाब करने वालों से ( जिन्हें यह स्वीकार था ) से मूत्र इकट्ठा कर लेते थे . तत्कालीन सम्राट वेस्पेशियन को मूत्र व्यापार पर टैक्स लगाना पड़ा था .
क्रमशः