इतिहास के पन्नों से
भाग -7
नोट - ‘ वैसे तो इतिहास अनंत है ‘ लेख में इतिहास की कुछ घटनाओं के बारे में पहले प्रकाशित भागों में उल्लेख है, अब आगे पढ़ें …
1 . सालेम डायन काण्ड - अमेरिका आज भले ही एक आधुनिक शक्तिशाली और उन्नत देश है पर 17 वीं सदी के अंत तक वहां भी चुड़ैल या डायन हुआ करती थीं . 1692 में जून और सितंबर महीने के बीच वहां 19 पुरुषों और महिलाओं को डायन करार किया गया था . यह घटना अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य के सालेम नामक जगह की है . कुछ तथाकथित मिथ्या गवाहों के बल पर 19 व्यक्तियों को मौत की सजा दी गयी थी . गवाही देने वाली उस गाँव की युवतियां थीं जिनका मानना था कि उन पर डायन का बुरा असर पड़ा था . यह खबर राज्य में आग की तरह फैली और उपरोक्त 19 के अतिरिक्त अन्य 150 पुरुष , महिला और बच्चों को भी डायन प्रथा का अपराधी माना गया था . पर उन्होंने अपनी गलती मान ली थी इसलिए उन्हें सजा नहीं मिली . कहा जाता है कि इस घटना का जड़ मूल अमेरीकी निवासियों के परिवारों के बीच का आपसी विवाद था . यह घटना दीर्घ काल तक सुर्ख़ियों में रही थी . इस पर पुस्तक लिखे गए , नाटक रचे गए और फिल्म भी बनी थी .
2 . द ग्रेट फायर ऑफ़ लंदन - 1666 में रविवार 2 सितंबर देर रात्रि के बाद लंदन की एक बेकरी , जो मशहूर लंदन ब्रिज के निकट था , में आग लगी . तेज हवा के चलते यह आग लगातार फैलती गयी . यह अग्निकांड इतना भीषण था कि करीब चार दिनों तक फैलता रहा और आग बुझाने के जितने भी प्रयास किये गए सब विफल रहे थे . अंततः 6 सितंबर को इस पर काबू पाने में सफलता मिली . इस आग की चपेट में करीब पूरा लंदन शहर आ गया था . लगभग एक लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे . हालांकि आधिकारिक मौत का आंकड़ा बहुत कम कहा गया था पर लोगों का मानना था कि इस आग में काफी लोगों की मौत हुई थी . कहा जाता है कि इस अग्निकांड के पीछे फ्रेंच और डच लोगों का हाथ रहा होगा क्योंकि उस समय सेकंड एंग्लो डच युद्ध चल रहा था . इस शंका के चलते कुछ हिंसा भी फैली जिसके शिकार प्रवासी हुए थे .
3 . जैक द रिपर ( Jack the Ripper ) - यह घटना 19 वीं सदी में 1888 में लंदन के’ ईस्ट ऐंड ‘ क्षेत्र की है . उस वर्ष 31 अगस्त और 9 नवंबर के बीच पांच औरतों की हत्या बहुत क्रूरता से की गयी थी . माना जाता है कि इस हत्या के पीछे किसी अज्ञात सीरियल किलर का हाथ था . पांचों औरतें वेश्या थीं और इस हत्या को ‘ ( कैनोनिकल फाइव - canonical five ) कहा गया था जिसका अर्थ हुआ धर्म के अनुकूल किया गया कार्य . इस तरह की 11 क्रूर हत्यायें 1888 और 1891 के बीच हुईं थीं पर कैनोनिकल फाइव के साथ इसका संबंध कदाचित नहीं रहा था . इस सीरियल किलर का नाम ‘ जैक द रिपर ‘ रखा गया . लाख कोशिशों के बावजूद इस हत्यारे का आज तक पता नहीं चल सका . इस हत्या पर भी पुस्तक लिखी गयी और 2013 में फ़िल्म बनी . अभी चंद दिन पहले “ न्यूयॉर्क पोस्ट “ में छपी एक खबर ने सबको चौंका दिया है .
“ न्यूयॉर्क पोस्ट “ की रिपोर्ट के अनुसार 137 साल बाद ‘ जैक द रिपर ‘ की पहचान हो गयी है . एक इंग्लिश लेखक रसेल एडवर्ड के अनुसार जैक द रिपर का नाम है - 23 वर्षीय आरोन कोमिनस्की . क्राइम सीन की जगह से मिली एक शाल पर कहौं ( जो एक पीड़िता के निकट वंशज का था ) से मिले DNA और आरोन के DNA मैचिंग के आधार पर आरोन ही वह सीरियल था . आरोन एक पोलिश प्रवासी था .वह एक मानसिक रोगी था जिसकी मृत्यु 1919 में एक अस्पताल में हो गयी थी . हालांकि अभी इस बात को कानूनी वैधता नहीं मिली है .
4 .पहली बार सरेआम फांसी दी जाने वाली ब्रिटेन की रानी - 1509 से 1547 के दौरान हेनरी VIII इंग्लैंड के राजा थे . ऐनी बोलिन 1533 से उनकी दूसरी पत्नी और 1536 तक इंग्लैंड की रानी थीं . इस दौरान उनको संगीन अपराध का दोषी करार किया गया . उन पर व्यभिचार , कौटुम्बिक व्यभिचार और राजा की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप था . 19 मई 1536 को ‘ टावर ग्रीन ‘ ( टावर ऑफ़ लंदन की चारदीवारी में एक स्थान ) में एक मचान ( scaffold ) पर सरेआम उनका सर कलम कर दिया गया था . ऐनी के अतिरिक्त पांच अन्य लोग भी इस अपराध में शामिल थे जिनमें एक ऐनी का भाई भी था . सभी को मौत की साज़ दी गयी थी . ऐनी इंग्लैंड की एकमात्र रानी थीं जिन्हें मौत की सजा मिली है . एनी राजा को पुत्र न दे सकी थीं जो राज्य का उत्तराधिकारी बनता . उन्होंने एक पुत्री को जन्म दिया जो रानी एलिज़ाबेथ प्रथम थीं .
5 . सरेआम फांसी दी जाने वाली ब्रिटेन की एक और रानी - कैथरीन होवार्ड इंग्लैंड के राजा हेनरी VIII की पांचवीं पत्नी और इंग्लैंड की रानी थीं . उन पर भी शादी के पूर्व और शादी के दौरान व्यभिचार का आरोप था . 13 फ़रवरी 1542 को ‘ टावर ग्रीन ‘ ( टावर ऑफ़ लंदन की चारदीवारी में एक स्थान ) में सरेआम उनका सर कलम कर दिया गया था . कैथरीन भी राजा को कोई संतान नहीं दे सकी थीं .
6 . तूतनख़ामुन के मक़बरा ( Tomb of Tutankhamun ) की खोज - 1922 में एक ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता होवार्ड कार्टर ने मिस्र में एक कब्र या मक़बरा की खोज की जिसे पुरातत्व में अब तक की सबसे बड़ी खोज कही जाती है . मिस्र के एक फेरो ( pharaoh ) का कब्र था . मिस्र के राजा को फेरो कहा जाता था . उनके 18 वें बंशज फेरो थे तूतनख़ामुन . वे 1332 - 1323 ईसा पूर्व मिश्र के शासक थे . खुदाई के दौरान उनकी कब्र का पता चला जो बिल्कुल अक्षत था . कब्र में अनेक मूर्तियां और कलाकृतियां भी अखंड मिली थीं . इस सब चीजों से तत्कालीन मिस्र की सभ्यता , संगीत , संस्कृति , कला आदि का ज्ञान होता है .
7 . Holocaust ( पूर्णाहुति या सर्वनाश )- होलोकॉस्ट द्वितीय विश्व युद्ध के समय हुआ एक व्यवस्थित नरसंहार था जिसकी कोई मिसाल इतिहास में नहीं है . 1941 - 1945 के बीच जर्मनी में हिटलर की नाज़ी फ़ौज द्वारा करीब 60 लाख यहूदियों सहित अन्य लोगों को क्रूरता से मार दिया गया था .इनके नरसंहार के लिए मास शूटिंग , जहरीली गैस चैम्बर , लेबर कैंप में यातना का प्रयोग किया गया था . उस दौरान मानव का मानव प्रति व्यवहार पशु से भी बदतर था . इस नरसंहार से बचने वाले इक्के दुक्के भाग्यशाली के अनुभव का बयान रोंगटे खड़े देगा . एक महिला एली विसेल ने कहा “ मैं उस कैंप की पहली रात कभी नहीं भूल सकती हूँ .वह एक रात मेरे लिए एक बहुत लम्बी अनंत सी रात थी . मैं कभी नहीं भूल सकती जब मैंने सैकड़ों मासूम बच्चों के जले हुए चेहरे नीले आकाश के नीचे एक माला जैसे बिखरे पड़े थे . “ ( यथासंभव अनुवाद )
यहूदियों को सिर्फ इसलिए मार डाला गया क्योंकि वे यहूदी थे . जो किसी तरह बच गए उन्होंने अपने ही परिवार या अन्य लोगों को गैस चैम्बर या गोलियों का शिकार होते देखा था . मानव सही और गलत का विचार कर सकता है . हिटलर तो पागल था पर उसके आदमी को सोचना चाहिए था - बचे हुए लोगों का कहना था
8 . ओलिवर क्रॉमवेल की फांसी - 1661 की यह घटना भी एक ऐतिहासिक घटना है . इंग्लिश सेकंड सिविल वॉर के समय ओलिवर क्रॉमवेल एक प्रसिद्ध राजनेता , सैनिक और सांसद थे . सिविल वॉर के बाद 1653 - 58 के दौरान वे इंग्लैंड , स्कॉटलैंड और आयरलैंड के ‘ लार्ड प्रोटेक्टर ‘ ( Lord Protector ) थे . 1649 में तत्कालीन राजा चार्ल्स I के मृत्यु दंड को मंजूरी देने वालों में एक ओलिवर भी थे . 3 सितंबर 1658 को बीमारी से उनकी मौत हुई . उनके ताबूत को गुप्त रूप से वेस्टमिंस्टर ऐबी में दफना दिया गया था . 1660 में पुनः इंग्लैंड में राजशाही की स्थापना के बाद राजा चार्ल्स II ने क्रॉमवेल ओलिवर और अन्य अपराधियों को राज हत्या के दोष में मृत्यु के उपरांत उनके शरीर के विच्छेदन और फांसी की सजा दी . 1661 में ओलिवर के शरीर को कब्र से निकाला गया . टीबर्न ( Tyburn ) में जहाँ आम अपराधियों को फांसी दी जाती थी वहां उनके शरीर को लटका दिया गया पर उनके सिर को वेस्टमिंस्टर हॉल के शीर्ष पर एक खंभे पर रखा गया था . शेष शरीर को सूली के नीचे दफना दिया गया था .
Trivia - आज जो हम हर शहर में फायर ब्रिगेड देखते हैं उसके जन्म का कारण उपरोक्त 1666 का ‘ द ग्रेट फायर ऑफ़ लंदन ‘ ही है .
क्रमशः