रात की कॉन्फ़्रेंस के बाद होटल की हलचल धीरे-धीरे थम चुकी थी। लॉबी की रोशनी अब mellow हो चुकी थी और सिर्फ़ बाहर से आती समंदर की ठंडी हवा शांति में अपनी सरसराहट घोल रही थी। कियारा ने रिसेप्शन काउंटर से अपना काम समेटा, लेकिन उसका मन अब भी दिनभर की छोटी-छोटी बातों में उलझा हुआ था। सबसे ज़्यादा उसकी सोचों में अयान का चेहरा और उनकी calm presence थी।
दिनभर उन्होंने ज़्यादा बातचीत नहीं की थी, फिर भी कियारा को लग रहा था जैसे उसने उनके बारे में बहुत कुछ जान लिया हो। उनकी subtle मुस्कान, confident gestures, और हर detail पर ध्यान देना—सब उसकी नज़र में किसी पहेली जैसा था। आदित्य की वो बातें फिर याद आईं—“वो rare combination है, serious पर इंसानियत से भरपूर।” ये लाइन कियारा के दिल में बार-बार गूंज रही थी।
थोड़ी देर बाद, कियारा कॉफी लेने कैफे की तरफ गई। होटल के इस हिस्से में अयान पहले से बैठे थे, laptop खोले हुए। उनकी आँखें स्क्रीन पर थीं लेकिन जैसे ही कियारा पास से गुज़री, उन्होंने हल्की सी नज़र उठाई और एक छोटी सी smile दी।
“Day finally over?” अयान ने सहजता से पूछा।
कियारा ने हल्की मुस्कान के साथ सिर हिलाया। “हाँ, लेकिन लगता है आपका दिन अभी खत्म नहीं हुआ।”
अयान ने laptop बंद करते हुए कहा, “काम तो चलता ही रहता है, पर कभी-कभी देर तक बैठने का फायदा ये होता है कि होटल का असली charm देख पाते हैं… ये शांति।”
कियारा को उनकी बातों में वही depth महसूस हुई, जो उसने सिर्फ़ समंदर को देखते हुए सोची थी। वह सामने वाली टेबल पर बैठ गई। कुछ पल दोनों के बीच खामोशी रही, जिसमें बस कॉफी मशीन की हल्की आवाज़ और बाहर की लहरों की सरसराहट थी।
“आपको ये शहर कैसा लग रहा है?” अयान ने धीरे से पूछा।
कियारा ने एक गहरी सांस ली। “अलग… लेकिन soothing। यहाँ की हवा में कुछ है, जो हर थकान मिटा देती है। शायद इसलिए समंदर मुझे इतना खींचता है।”
अयान ने हल्की हँसी दी। “समंदर हर किसी को खींचता है। शायद इसलिए लोग यहाँ अपने जवाब ढूँढने आते हैं।”
कियारा को लगा जैसे वो उसके दिल की बात पढ़ रहे हों। उसने खुद को रोकते हुए बस इतना कहा, “शायद।”
थोड़ी देर की बातों में कियारा ने महसूस किया कि अयान के पास कोई भी superficial बातचीत नहीं होती। उनकी हर बात में एक ऐसा depth था जो बिना effort के दिल को छू जाता। उसकी धड़कनें थोड़ी तेज़ हो गईं।
कॉफी खत्म होने के बाद अयान उठे। “कल सुबह मीटिंग के लिए तैयार रहिएगा, हमें कुछ नई arrangements finalize करनी हैं।”
कियारा ने सिर हिलाया। “ज़रूर।”
जाते-जाते अयान ने हल्के से कहा, “और… रात बहुत खूबसूरत है। कभी-कभी सिर्फ़ हवा सुनना भी काफी होता है।”
वो वापस खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई। समंदर की गहराई और रात की ठंडी हवा उसके भीतर के नए एहसासों को जैसे और गहरा कर रही थी। दिल की धड़कनें अब सिर्फ़ कॉफी की वजह से नहीं थीं।
उसने चुपचाप खुद से फुसफुसाया—
“शायद ये वही हल्की दस्तक है, जो किसी नई कहानी का पहला संकेत देती है।”
To Be Continued…
क्या ये हल्की दस्तकें अयान तक भी पहुँचेंगी? या ये अनकही feelings सिर्फ़ कियारा के दिल में ही रह जाएँगी?