Tera Mera Safar - 3 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | तेरा मेरा सफ़र - 3

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तेरा मेरा सफ़र - 3

संध्या का समय था, हल्की ठंडी हवा और समंदर की लहरों की आवाज़ हर ओर फैली हुई थी। कियारा कॉन्फ़्रेंस के बाद थोड़ी थकी हुई थी, लेकिन मन में हल्की उत्सुकता लिए पास के बीच पर आई। रेत पर चलती उसकी नज़रें लहरों की चमक और दूर तैरते बच्चों पर टिक गईं। समंदर की ठंडी हवा उसे हमेशा से सुकून देती थी, जैसे सारी थकान बहा दी गई हो।

“अरे, ये यहाँ?” कियारा की आँखें उठीं और उसने देखा कि आदित्य पहले से वहाँ खड़ा था। हाथ में पानी की बोतल, चेहरे पर हल्की मुस्कान और नज़रें बिल्कुल सहज।(क्योंकि आदित्य ने कियारा को बोला था बीच पर मिलने के लिए तो उसको पता था कि वो आयेगी। अगर आदित्य उसको नहीं भी बुलाता, तो भी वो बीच पर जाती क्योंकि वो तो ज्यादातर बीच पर जाती रहती है। पर कियारा ने नहीं सोचा था कि आदित्य सच में आयेगा ,उसको लगा कि वो तो ऐसे ही बोल रहा होगा ।)

आदित्य कियारा को देखता है और बोलता है कि तुम आ गई ।थोड़ा लेट कर दिया। पर कोई नहीं चलता है इतना तो ,कोई बड़ी बात नहीं है।कॉन्फ़्रेंस के बाद थोड़ी ताजी हवा तो बनती है,” आदित्य ने हंसते हुए कहा। इस लिए तो मैने तुम्हें बीच पर आने के लिए बोला था।की यहां पर तुम relax कर सकती हो ,आराम कर सकती हो।ओर मैं तुमसे थोड़ी बहुत बाते भी कर पाऊंगा ।

कियारा मुस्कुराई। आदित्य की बातें हमेशा से सहज और आरामदायक लगी थीं। कुछ पल दोनों बस खामोश रहे, लहरों की आवाज़ और हल्की हवा माहौल में भर गई।

“तो, यह जगह तुम्हें पसंद आई?” आदित्य ने casually पूछा।“हाँ, बहुत… मुझे लगता है, समंदर की ठंडी हवा सारी थकान भूलने में मदद करती है।”

आदित्य ने हल्की हँसी दी। “सच में, और तुम्हें देखकर लगता है कि तुम्हारे पास काम के अलावा भी खुद को relax ओर शांत रखने का तरीका पता है। वैसे तुम्हें ये जानकर हैरानी होगी कि जिस होटल में तुम काम करती हो, वो मेरे अच्छे दोस्त अयान का है। और मैं उसका मैनेजर भी हूँ ओर दोस्त भी। आज वो थोड़ा बिजी था, इसलिए मैं उसकी जगह आया हूँ।”

कियारा चौंकी। “अयान…?” उसने धीरे पूछा।“हाँ, वही। बहुत मेहनती, शांत और भरोसेमंद इंसान। काम में तो जैसे उसकी कोई बराबरी नहीं। और व्यक्तिगत रूप से भी, बहुत rare combination है—सीरियस, पर इंसानियत से भरपूर।” आदित्य की आँखों में तारीफ की चमक थी। तुम ये सोच रही होंगी। की मै तुम्हें आयन के बारे क्यों बता रहा हूं ।जब मैने तुम्हें देखा था , पहली बार तो तुम भी मुझे आयन की तरह लगी । अपने काम से काम रखना। ओर अपने काम को बहुत शिद्दत से करना, इस लिए मैने तुम्हें आयन के बारे बताया। तुम भी बिल्कुल उसके जैसी ही , तुम्हें देखकर मुझे उसकी याद आ गई।

कियारा ने धीरे से कहा, “सच में… लगता है वो हर चीज़ में परफेक्ट है।”आदित्य मुस्कुराया, “बस यही है उसकी खासियत। और… तुम्हें देखकर ऐसा लगता है कि तुम्हारी कुछ बातें बिल्कुल वैसी हैं जैसी उसको पसंद है। तो जब भी तुम लोग मिलोगे तो उसको तुम पसंद आओगी। लेकिन वो ऐसा है की पसंद आ भी गई तो बताएगा भी नहीं जल्दी से।छोड़ो। ये तो बहुत दूर की बाते है, मै भी क्या बाते लेकर बैठ गया । ये बोलकर वो स्माइल करने लगा।

कियारा हल्की मुस्कान के साथ चुप रही। उसके दिल में अजीब खिंचाव सा महसूस हुआ। आदित्य की बातें, अयान की तारीफ—धीरे-धीरे कियारा की नज़रों में अयान की तस्वीर बन रही थी।

थोड़ी देर दोनों बस लहरों और हल्की हवा में खामोश रहे। आदित्य ने फिर हल्की मुस्कान के साथ कहा, “चलो, मैं अब चलता हूँ। पर हाँ…. अब हम फ्रेंड्स हैं ना, ठीक बोल रहा हु ना?”

कियारा थोड़ी देर रुककर उसकी तरफ देखती रही, फिर हल्की हिचक के साथ मुस्कुराई और बोली, “हाँ… फ्रेंड्स।”

जैसे ही आदित्य रेत पर चलते हुए दूर गया, कियारा ने खुद से फुसफुसाया, “शायद ये वही मोड़ है, जिसका इंतज़ार था…”

समंदर की हल्की-सी आवाज़, दूर से आती हवा, और कियारा के दिल की हल्की धड़कन—सब मिलकर एक नए अध्याय का अहसास दे रहे थे।


 To Be Continued…

क्या आदित्य की बातें कियारा को अयान की ओर खींचेंगी, या ये सिर्फ़ एक दोस्ताना मुलाक़ात ही रहेगी?