Lunar Blood - 3 in Hindi Fiction Stories by Sameer Kumar books and stories PDF | Lunar Blood - 3

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Lunar Blood - 3


लिलीवुड से ड्रैकुला और उसके वैम्पायर साथियों के जाने के बाद, मौत का सन्नाटा और घना हो गया था। रात का अँधेरा अब तक के सबसे भयानक रूप में लिलीवुड को निगल रहा था, और जलते हुए घरों से उठता धुआँ आकाश में एक डरावना भूतिया आकृति बना रहा था। इस भयानक दृश्य के बीच, मार्कस, जिसने अपने परिवार और गाँव को खो दिया था, अपने अंदर उमड़ते बदले की आग और गहरी पीड़ा के साथ वहाँ से भागा। उसका दिल दर्द से चीख रहा था, लेकिन उसके मन में सिर्फ़ एक ही बात थी – जीना।
उसकी आँखों के सामने अभी भी उसके परिवार की अंतिम साँसें तैर रही थीं, और लिलीवुड की जलती हुई गलियाँ उसकी यादों में एक भयानक मूरत बन चुकी थीं। मार्कस को पता नहीं था कि वह कहाँ जा रहा था, बस वह इस नरक से दूर भागना चाहता था। उसके पैर खून से लथपथ थे, और शरीर में हर जगह दर्द हो रहा था, लेकिन अस्तित्व की इच्छा उसे आगे धकेल रही थी। वह बिना रुके दौड़ा, घने जंगलों की ओर, जहाँ रात का अँधेरा और भी गहरा था।
जैसे-जैसे मार्कस जंगल में और अंदर घुसता गया, उसे एक अजीब सी बेचैनी महसूस होने लगी। हवा में एक नई गंध घुली हुई थी, जो परिचित थी लेकिन अब भयानक लग रही थी। यह भेड़ियों की गंध थी। लिलीवुड के लोग भेड़ियों से परिचित थे; वे शिकार के लिए जंगल में अक्सर मिलते थे। लेकिन आज की रात, यह गंध अलग थी – ज़्यादा तेज़, ज़्यादा आक्रामक। तभी उसने दूर से भेड़ियों के गरजने की आवाज़ सुनी। यह कोई सामान्य भेड़िये नहीं थे, उनकी आवाज़ में एक अजीब सी भूख और क्रूरता थी जो मार्कस को डरा रही थी।
उसके पैरों में बेड़ियाँ बँधी हुई थीं, और वह अपनी जान बचाने के लिए भागा जा रहा था। भेड़ियों की आँखें, अँधेरे में चमकते हुए, उसे पीछे से आती महसूस हो रही थीं। मार्कस जानता था कि इस हालत में वह उनका सामना नहीं कर सकता। वह बस इतना चाहता था कि कोई सुरक्षित जगह मिल जाए, जहाँ वह छिप सके। भागते-भागते, उसकी नज़र एक पुरानी, विशाल गुफा पर पड़ी। यह गुफा, जो सदियों पुरानी लगती थी, जंगल के सबसे घने हिस्से में छिपी हुई थी। उसमें घुसते ही, मार्कस को लगा जैसे उसे थोड़ी राहत मिली हो, लेकिन उसकी यह भावना पल भर में ही मिट गई।
भेड़िये उसके पीछे-पीछे गुफा में आ गए। वे अकेले नहीं थे, बल्कि एक बड़े झुंड में थे, उनकी संख्या लगभग आधा दर्जन थी। उनकी आँखें अब पूरी तरह से लाल थीं, और उनके मुँह से झाग निकल रहा था। वे सामान्य भेड़ियों से बड़े और ज़्यादा आक्रामक लग रहे थे। जैसे ही मार्कस गुफा में थोड़ा और अंदर गया, उसने देखा कि गुफा के अंदर एक अजीब सी अंधेरी ऊर्जा थी, जिसने भेड़ियों को और भी क्रूर बना दिया था।
मार्कस ने अपनी अंतिम शक्ति लगाकर उनसे लड़ने की कोशिश की। उसने पत्थरों और टूटी हुई शाखाओं से खुद का बचाव करने की कोशिश की, लेकिन भेड़िये बहुत तेज़ और क्रूर थे। वे एक के बाद एक उस पर टूट पड़े, उनके नुकीले दाँत उसके शरीर को चीर रहे थे। मार्कस दर्द से कराह उठा, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह अपने परिवार के लिए जीना चाहता था, अपने बदले के लिए जीना चाहता था। लेकिन शरीर की अपनी एक सीमा होती है। धीरे-धीरे, उसकी ताकत जवाब देने लगी।
भेड़िये उसके शरीर को नोंचते रहे, और मार्कस का खून गुफा के फ़र्श पर फैलने लगा। उसकी साँसें धीमी पड़ने लगीं, और उसकी आँखों के सामने लिलीवुड का दृश्य एक बार फिर घूमने लगा। उसे लीना की हँसी, माँ का प्यार भरा चेहरा और पिता की मज़बूत पकड़ याद आई। अंतिम साँस लेते हुए, मार्कस ने अपने बदले की कसम को दोहराया, लेकिन अब उसकी आवाज़ किसी को सुनाई नहीं दे रही थी।
अंत में, उसकी आँखें हमेशा के लिए बंद हो गईं। मार्कस की ज़िंदगी, जो अभी-अभी शुरू हुई थी, लिलीवुड के दुखद अंत के साथ ही समाप्त हो गई। उसके शरीर में कोई हरकत नहीं बची थी।
झुंड का सबसे बड़ा भेड़िया, जिसकी आँखें सबसे ज़्यादा लाल थीं, धीरे-धीरे मार्कस के बेजान शरीर के पास आया। उसने मार्कस के सीने को फाड़ दिया और उसके दिल को अपने मुँह में भर लिया। यह किसी सामान्य शिकार का अंत नहीं था। यह एक प्राचीन और भयानक अनुष्ठान था, जो सिर्फ़ सबसे शक्तिशाली भेड़ियों द्वारा किया जाता था। जैसे ही भेड़िये ने मार्कस का दिल खाया, गुफा में एक अजीब सी गूँज हुई, और हवा में एक गहरी, काली ऊर्जा फैल गई।
भेड़ियों का झुंड अब शांत हो गया था। उन्होंने अपने शिकार को खा लिया था, लेकिन इस बार कुछ अलग था। मार्कस का बेजान शरीर वहीं पड़ा रहा, और भेड़िये धीरे-धीरे गुफा से बाहर निकलने लगे। वे अपने शिकार को पूरा नहीं खा रहे थे, बल्कि केवल उसका दिल ले रहे थे, मानो किसी बड़ी शक्ति को अवशोषित कर रहे हों।
गुफा में सन्नाटा छा गया। सिर्फ़ मार्कस का बेजान शरीर और खून का निशान पीछे रह गया था। लेकिन क्या यह वाकई मार्कस का अंत था? क्या भेड़ियों का यह प्राचीन अनुष्ठान सिर्फ़ एक क्रूर कृत्य था, या इसके पीछे कोई गहरा रहस्य छिपा था, जो एलारिया के भाग्य को बदल सकता था?
मार्कस के साथ यह क्या हुआ? क्या भेड़ियों के इस कृत्य का कोई परिणाम होगा?