Lunar Blood - 4 in Hindi Fiction Stories by Sameer Kumar books and stories PDF | Lunar Blood - 4

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Lunar Blood - 4

गुफा में सन्नाटा पसरा हुआ था। भेड़ियों का झुंड जा चुका था, अपने पीछे सिर्फ़ बर्बादी और मार्कस का बेजान शरीर छोड़ गया था। हवा में अब भी खून की तेज़ गंध घुली हुई थी, लेकिन अचानक, एक अजीब सी ऊर्जा गुफा के भीतर उमड़ने लगी। मार्कस का खून, जो गुफा के फ़र्श पर बिखरा हुआ था, धीरे-धीरे अपने आप बहने लगा। वह किसी अदृश्य शक्ति द्वारा खींचा जा रहा था, और एकथी-दूसरे से मिलकर एक बड़े, चमकते हुए गोल घेरे का रूप ले रहा था। यह घेरा धीरे-धीरे गहरा लाल होता जा रहा था, मानो उसमें एक जीवन धड़क रहा हो।
जैसे-जैसे खून का घेरा पूरा हुआ, उसमें से एक ख़ूनी धुंध उठने लगी। यह धुंध इतनी घनी थी कि गुफा की दीवारों तक फैल गई, हर चीज़ को एक डरावनी लाल आभा में लपेट दिया। हवा में एक अजीब सी गर्माहट महसूस होने लगी, और एक धीमी, गहरी गूँज गुफा में गूँजने लगी, जो धरती के नीचे से आती हुई लग रही थी। यह कोई सामान्य धुंध नहीं थी; इसमें एक प्राचीन शक्ति थी, एक ऐसा जादू जो एलारिया के सबसे पुराने रहस्यों से जुड़ा था।
मार्कस का बेजान शरीर, जो अब तक स्थिर पड़ा था, अचानक धीरे-धीरे हिलने लगा। वह किसी अदृश्य शक्ति द्वारा उठाया जा रहा था, और अपने आप गुफा के केंद्र में चला गया, ठीक उस ख़ूनी धुंध के बीच। धुंध उसके चारों ओर लिपट गई, उसे पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया। मार्कस का शरीर उस लाल धुंध में डूब गया, और एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे वह पूरी तरह से गायब हो गया हो।
धुंध और घनी होती गई, और गूँज और तेज़। फिर, उस लाल, ख़ूनी धुंध के भीतर, एक अस्पष्ट आकृति दिखाई देने लगी। यह आकृति धीरे-धीरे आकार ले रही थी, जैसे कोई गहरी नींद से जाग रहा हो। यह मार्कस की ही आकृति थी, लेकिन उसमें कुछ बदल रहा था। उसकी मांसपेशियाँ और ज़्यादा उभर रही थीं, उसकी हड्डियाँ नई सिरे से जुड़ रही थीं, और उसकी रगों में एक नई, जंगली शक्ति दौड़ रही थी। उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन उनके पीछे एक नई चेतना जागृत हो रही थी।
अचानक, आकृति और स्पष्ट हो गई, और धुंध थोड़ी हल्की हुई। आकृति ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। वे अब पहले जैसी नहीं थीं; उनमें एक चमकती हुई पीली-सुनहरी आभा थी, जो रात के भेड़ियों की आँखों की तरह चमक रही थी, लेकिन उनमें एक गहरी समझ और प्राचीन ज्ञान भी था। आकृति ने अपने होंठ हिलाए, और एक आवाज़ निकली, जो मार्कस की आवाज़ तो थी, लेकिन उसमें एक गहरी, गूँजती हुई और भेड़ियों जैसी गर्जना शामिल थी।
"मिल गया... मुझे... एक वेसल..." आकृति ने बड़बड़ाते हुए कहा, उसकी आवाज़ गुफा की दीवारों से टकराकर वापस लौट रही थी। ये शब्द मार्कस के नहीं थे, बल्कि किसी और प्राचीन आत्मा के थे जो अब उसके शरीर में जागृत हो चुकी थी।
आकृति ने अपने हाथ हवा में फैलाए, जैसे वह नई-नई मिली शक्ति का अनुभव कर रही हो। उसकी उंगलियाँ अब नुकीली हो चुकी थीं, और उसके नाखूनों की जगह अब पंजे उग आए थे। उसके दाँत भी और नुकीले हो गए थे, जो एक भेड़िये के नुकीले दाँतों की तरह लग रहे थे।
"अब होगा... मेरा बदला... पूरा... अब देखेगी... दुनिया... मेरा कहर!"
यह आवाज़ गुस्से और प्रतिशोध से भरी थी, लेकिन यह सिर्फ़ मार्कस का व्यक्तिगत बदला नहीं था। यह उससे कहीं ज़्यादा गहरा था। जिस प्राचीन आत्मा ने मार्कस के शरीर को एक 'वेसल' (पात्र) के रूप में चुना था, वह भी सदियों के बदले और अपमान से भरी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि भेड़ियों द्वारा मार्कस का दिल खाने का अनुष्ठान, एक प्राचीन बंधन को तोड़ने का माध्यम बन गया था, और उसने मार्कस के शरीर को किसी शक्तिशाली वेयरवोल्फ आत्मा के लिए एक नए जन्म का मार्ग प्रदान किया था।
यह आत्मा, जो शायद एलारिया के इतिहास में किसी महान वेयरवोल्फ नेता या योद्धा की थी, अब मार्कस के शरीर में पुनर्जीवित हो चुकी थी। लिलीवुड में वैम्पायरों द्वारा किया गया नरसंहार, और फिर भेड़ियों द्वारा मार्कस का दिल खाने का कृत्य, सब एक बड़ी, प्राचीन भविष्यवाणी का हिस्सा था। मार्कस का बदला अब सिर्फ़ उसका नहीं रहा था; यह उस प्राचीन आत्मा का भी बदला था, जो वैम्पायरों और एलारिया के सभी दुश्मनों पर अपना कहर बरपाना चाहती थी।
धुंध पूरी तरह से छंट गई, और गुफा के केंद्र में अब पूरी तरह से रूपांतरित मार्कस खड़ा था। वह पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत, तेज़ और घातक था। उसकी आँखों में एक नई, भयानक दृढ़ता थी, और उसके दिल में बदले की आग अब कई गुना ज़्यादा बढ़ चुकी थी। वह अब सिर्फ़ एक लिलीवुड का सीधा-सादा इंसान नहीं था; वह एक पुनर्जीवित वेयरवोल्फ था, जो अपनी नई शक्तियों और प्राचीन आत्मा के मार्गदर्शन के साथ एलारिया में तबाही मचाने को तैयार था।
गुफा से बाहर निकलकर, नए मार्कस ने रात के आकाश की ओर देखा। चाँद अपनी पूरी चमक के साथ ऊपर था, और उसकी रोशनी में मार्कस की आँखें पीली-सुनहरी चमक रही थीं। उसकी पुरानी पहचान मर चुकी थी, और उसकी जगह एक नया, बदला लेने वाला प्राणी पैदा हुआ था।
अब मार्कस अपनी नई शक्तियों के साथ क्या करेगा? क्या वह ड्रैकुला के साम्राज्य को चुनौती देगा, या उसकी यात्रा उसे किसी और रहस्य की ओर ले जाएगी?