Lunar Blood - 2 in Hindi Fiction Stories by Sameer Kumar books and stories PDF | Lunar Blood - 2

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Lunar Blood - 2


लिलीवुड पर अँधेरा अभी भी छाया हुआ था। मौत की सिसकियाँ हवा में गूँज रही थीं, और राख की परत हर उस चीज़ पर जम गई थी जो कभी जीवन से भरी थी। लेकिन इस विनाश से दूर, एक घने और प्राचीन जंगल में, जहाँ लिलीवुड की त्रासदी की चीखें मुश्किल से ही पहुँच पाती थीं, एक विशाल ओक के पेड़ की सबसे ऊँची शाख पर एक आकृति खड़ी थी। यह पेड़ इतना पुराना था कि इसकी जड़ें एलारिया के इतिहास में समाई हुई लगती थीं, और इसकी ऊँचाई इतनी थी कि इसकी चोटियाँ बादलों को छूती थीं।
उस आकृति ने लिलीवुड के जलते हुए अवशेषों को ठंडी, नीरस आँखों से देखा। उसकी ऊँचाई लगभग सात फ़ीट रही होगी, उसका शरीर दुबला लेकिन मांसपेशियों से गठीला था, और वह पूरी तरह से काले रंग के एक भारी लबादे में लिपटा हुआ था जो हवा में धीरे-धीरे हिल रहा था। उसके चेहरे की रूपरेखा अँधेरे में छिपी थी, केवल उसकी आँखों की लाल चमक ही दिखाई दे रही थी, जो इतनी गहरी थीं कि उनमें सदियों की उदासी और क्रूरता समाई हुई लगती थी। वह आकृति न तो निराश दिख रही थी और न ही क्रोधित; बस एक गहरी, शांत गणना उसके चेहरे पर थी।
यह कोई और नहीं, बल्कि वैम्पायरों का राजा, ड्रैकुला था। लिलीवुड में जो कुछ भी हुआ था, वह सब उसी की आज्ञा पर हुआ था। उसने अपने मन से ही लिलीवुड में मौजूद अपने वैम्पायरों को एक मूक संकेत भेजा—'वापस आ जाओ। तुम्हारी तलाश यहाँ खत्म हो चुकी है।' यह एक मानसिक संदेश था जो सिर्फ़ उसकी प्रजाति के सबसे वफ़ादार और शक्तिशाली वैम्पायर ही समझ सकते थे। पलक झपकते ही, लिलीवुड में बचे हुए वैम्पायर हवा में घुलने लगे, अदृश्य होकर अपनी उड़ान भर रहे थे, सीधे अपने स्वामी की ओर। उनकी तेज़ी इतनी थी कि कोई भी इंसान उनकी गति का पता नहीं लगा सकता था।
ड्रैकुला ने उन्हें आते देखा, बिना किसी भाव के। उसका दिमाग लगातार चल रहा था, लिलीवुड में हुई तबाही से मिले परिणामों का विश्लेषण कर रहा था। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वह कुछ ऐसा देख रहा हो जो साधारण नज़रों से परे हो। उसकी सदियों पुरानी बुद्धिमत्ता और अनुभव उसे बता रहे थे कि उसकी तलाश अभी खत्म नहीं हुई थी।
मन ही मन, ड्रैकुला सोच रहा था:
“अगर वह चीज़ मुझे आज मिल गई होती, तो मुझे एलारिया पर कब्ज़ा करने से कोई नहीं रोक सकता था। यहाँ तक कि सम्राट ड्रेकोनियस भी नहीं। मैं उसे मारकर उसकी जगह ले लेता।”
ड्रैकुला का लक्ष्य हमेशा से एलारिया का पूर्ण प्रभुत्व रहा था। वह केवल एक वैम्पायर राजा नहीं था, बल्कि एलारिया के इतिहास का एक जीवित किंवदंती था, जिसकी शक्तियाँ और बुद्धिमत्ता अतुलनीय थीं। सदियों से, उसने इस दुनिया को अपने नियंत्रण में लाने का सपना देखा था। लेकिन उसे पता था कि ऐसा करने के लिए उसे एक ऐसी असीम शक्ति की ज़रूरत होगी जो उसके पास अभी नहीं थी। वह शक्ति, जिसे वह "अंतिम अवशेष" कहता था, सदियों से छिपी हुई थी। यह सिर्फ़ एक वस्तु नहीं थी, बल्कि एक ऐसी ऊर्जा थी जो एलारिया के ताने-बाने से जुड़ी हुई थी, और जिसे प्राप्त करने वाला इस दुनिया का सच्चा शासक बन सकता था।
उसका मानना था कि लिलीवुड में ही वह अंतिम अवशेष छुपा था। उसने प्राचीन भविष्यवाणियों और लुप्त हो चुके ग्रंथों का अध्ययन किया था, और उन सभी में लिलीवुड का ज़िक्र था। इस छोटे से, साधारण से गाँव में ऐसी कौन सी चीज़ हो सकती थी जो एलारिया के भाग्य को बदल सकती थी? ड्रैकुला ने सालों तक इस सवाल पर विचार किया था। उसने अपने जासूसों को लिलीवुड भेजा था, उन्होंने वर्षों तक वहाँ के लोगों और उनकी आदतों का अध्ययन किया था, लेकिन कुछ भी असाधारण नहीं मिला। फिर भी, भविष्यवाणियाँ अटल थीं।
"यह सिर्फ़ समय की बात है," ड्रैकुला ने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ पत्तों की सरसराहट से भी शांत थी। "अंतिम अवशेष मुझसे छिप नहीं सकता।"
वह जानता था कि एलारिया में और भी शक्तियाँ थीं जो उसके रास्ते में आ सकती थीं। वारेवोल्व्स (Werewolves), जो उसके वैम्पायर साम्राज्य के चिर प्रतिद्वंद्वी थे, और प्राचीन जादूगरों के संघ (Ancient Mage Guild), जो जादुई संतुलन बनाए रखने के लिए जाने जाते थे। लेकिन इनमें से कोई भी उस शक्ति के बराबर नहीं था जिसकी उसे तलाश थी। वह जानता था कि अगर उसे वह अवशेष मिल गया, तो वह इन सभी को आसानी से कुचल सकता था।
अचानक, एक ठंडी हवा चली, और उसके वैम्पायर सैनिक उसके पास पहुँच गए, वे विशाल पेड़ के चारों ओर हवा में तैर रहे थे। उनमें से एक, जो उनका सरदार था, उसने अपने स्वामी के सामने झुककर सम्मान व्यक्त किया।
"मालिक," सरदार की आवाज़ फुसफुसाहट जैसी थी, "हमें लिलीवुड में कुछ नहीं मिला। वह चीज़ वहाँ नहीं थी।"
ड्रैकुला ने आँखें बंद कर लीं। "मुझे पता है।" उसकी आवाज़ में निराशा नहीं थी, बस एक स्वीकार्यता थी। "यह मेरी गणना में एक छोटी सी त्रुटि थी। लेकिन यह मुझे रोक नहीं सकती।"
उसने अपनी लाल आँखें खोलीं और जंगल के पार, दूर क्षितिज की ओर देखा, जहाँ लिलीवुड के जलते हुए अवशेष अभी भी धुएँ के निशान छोड़ रहे थे। मार्कस जैसे इंसानों के लिए यह सिर्फ़ एक गाँव का नरसंहार था, लेकिन ड्रैकुला के लिए यह केवल एक असफल जाँच थी। उसके लिए लिलीवुड के लोग सिर्फ़ प्यादे थे, जिन्हें अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बलिदान किया गया था।
"शायद यह मेरे अनुमान से ज़्यादा सुरक्षित जगह पर छिपा है," ड्रैकुला ने सोचा। "या शायद... यह किसी ऐसी चीज़ में बदल गया है जिसकी मुझे अपेक्षा नहीं थी।"
उसके दिमाग में एक नया विचार कौंधा। क्या यह अंतिम अवशेष कोई वस्तु नहीं, बल्कि कोई व्यक्ति हो सकता था? या फिर कोई ऐसी भावना या ज्ञान जो पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा हो? यह विचार उसके दिमाग में घूम रहा था, एक नया रास्ता खोल रहा था।
"हम एलारिया के अन्य हिस्सों की तलाश करेंगे," ड्रैकुला ने अपने वैम्पायरों को आदेश दिया, उसकी आवाज़ में अब एक नई दृढ़ता थी। "लेकिन इस बार, हम और अधिक सावधान रहेंगे। हम कोई और सबूत नहीं छोड़ेंगे।"
उसकी नज़र एक बार फिर लिलीवुड के खंडहरों पर पड़ी। उसे पता था कि कुछ लोग, शायद कुछ बचे होंगे, जो उससे बदला लेने की कोशिश करेंगे। लेकिन ड्रैकुला को इसकी परवाह नहीं थी। उसके लिए, ये छोटी-मोटी बाधाएँ थीं, जिन्हें आसानी से कुचला जा सकता था। मार्कस जैसे एक अकेला इंसान उसके विशाल साम्राज्य के लिए कोई खतरा नहीं था।
ड्रैकुला पेड़ से नीचे उतरा, उसके लबादे ने हवा में एक धीमी सरसराहट पैदा की। उसके वैम्पायर उसके पीछे-पीछे उड़ने लगे। वे अँधेरे में घुलमिल गए, किसी ऐसे शिकार की तलाश में जो उनके हाथों से अभी भी अछूता था। एलारिया का भाग्य ड्रैकुला के हाथों में था, और वह उसे अपनी इच्छानुसार मोड़ने के लिए कुछ भी करने को तैयार था। लिलीवुड की त्रासदी सिर्फ़ एक प्रस्तावना थी। असली खेल अब शुरू होने वाला था।
मार्कस, अपने खोए हुए परिवार और गाँव का बदला लेने की कसम खा चुका था, और ड्रैकुला, अपने असीमित शक्ति के लक्ष्य की ओर अग्रसर था। इन दोनों के रास्ते कब और कैसे मिलेंगे, यह एलारिया का भाग्य तय करेगा।
क्या मार्कस कभी ड्रैकुला तक पहुँच पाएगा, या वह अपने बदले की यात्रा में ही खो जाएगा?