Ek Musafir Ek Hasina - 63 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 63

Featured Books
  • एक कब्र का रहस्य

    **“एक कब्र का रहस्य”** एक स्कूल का मासूम लड़का, एक रहस्यमय क...

  • Kurbaan Hua - Chapter 45

    अधूरी नफ़रत और अनचाहा खिंचावबारिश अब पूरी तरह थम चुकी थी, ले...

  • Nafrat e Ishq - Part 24

    फ्लैट की धुंधली रोशनी मानो रहस्यों की गवाही दे रही थी। दीवार...

  • हैप्पी बर्थडे!!

    आज नेहा अपने जन्मदिन पर बेहद खुश थी और चहक रही थी क्योंकि आज...

  • तेरा लाल इश्क - 11

    आशना और कृषभ गन लोड किए आगे बढ़ने ही वाले थे की पीछे से आवाज...

Categories
Share

एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 63

63

शमशान घाट

 

अब  वह आदमी  टंकी  के बहुत करीब पहुँच  चुका  है, तभी उसे एक आदमी आवाज  लगाकर बुलाता  है तो वह टंकी  खोलने की बजाय  वापिस  नीचे की ओर चला  जाता है । जब अश्विन  को एहसास हुआ कि  छत  पर कोई नहीं है तो वह धीरे से टंकी  से बाहर  आया और लम्बी-लम्बी  साँसे   लेने  लगा। कुछ  ही देर में  अनुज अपनी  टीम के साथ  माया  के विला में आ गया तो यह उसे देखते हुए बोली, “ मुझे लगता है  कि  मेरे विला में  कोई  घुस  आया है,” उसके चेहरे  पर डर  का दिखावा  साफ़ झलक रहा है। “कौन हो सकता है?” “ पता नहीं मिस्टर अनुज, शायद  अश्विन  राणा।“ अनुज ने उसे अब घूरते  हुए कहा,  “चलिए  बैठकर  बात  करते हैं,  मेरी  टीम  आपके  विला  की तलाशी ले लेंगी।“  यह सुनकर  माया उसे एक कमरे में  ले गई  और यश ने अनुज का ईशारा  समझकर  पूरे  विला  की तलाशी  लेना शुरू कर दिया और फिर  तभी कांस्टेबल  सुनील  जिसके  हाथ में  एक पैकेट  था,  वह यश  के साथ छत  पर जाने  लगा।

 

अनुज ने माया  के सामने वाले सोफे  पर बैठते  हुए कहा,

 

“आपके विला में   इतने लोग क्यों है?”

 

“ये सब मेरी सिक्योरिटी के लिए डैड ने रखें  हैं।“

 

“पर घर से  बाहर  तो आप बिना बॉडीगार्ड  के ही निकल जाती है।“

 

माया  थोड़ा सकपकाई, “ उस किडनैपिंग  वाले इशू  के बाद ही  डैड  ने यह कदम  उठाया।“

 

“ओह!!! तो क्या आपके गार्ड  ने चेक  नहीं किया कि  विला में  कोई है या नहीं है?”

 

“जब आप आ रहें थे तो मैंने  सोचा यह काम पुलिस  को ही करना चाहिए।“ उसने बड़े इत्मीनान  से ज़वाब  दिया। “वैसे मिस्टर  अश्विन आजकल  क्या कर रहें  हैं? “

 

“मिस माया, आपकी मेहरबानी  से घर पर ही है।“ अनुज ने तंज  किया। “खैर  मैं आपको यह बताने  आया था कि   जिसने  होटल में  आप पर अटैक  किया था,  वह  बहुत जल्द पकड़ा  जाएगा।“ अनुज के मुँह से यह  झूठ  सुनकर  माया  के चेहरे  का रंग फीका  पड़  गया।

 

यश और सुनील छत  पर गए तो आधे  भीगे  हुए अश्विन  को देखकर बोले,  “सर आप यह पहन  लीजिए।“ अश्विन  ने अब पैकेट  से  पुलिस  यूनिफार्म निकाली  और   जल्दी  से पहन  ली और फिर अपने  गीले  कपड़े  उस पैकेट  में  डालकर  बड़ी सावधानी से  उनके साथ नीचे  आ गया और फिर पुलिस  की टीम  की भीड़ में  शामिल  होकर   विला से बाहर  निकल गया और जाकर  गाड़ी  में  बैठ गया, गाड़ी  में  बैठने से पहले उसने अपनी बिल्ली  उठाई  जिसे उन लोगों ने विला के बाहर  छोड़  दिया था  और वह  एक कोने में  बैठी अश्विन  का ही इंतज़ार  कर रहीं  थी। “थैंक्स सिल्की,  उसने प्यार से बिल्ली को चूमते  हुए  कहा। अब यश  ने अनुज और माया को बताया कि  विला में  कोई नहीं है और यह सुनकर अनुज माया से  विदा लकर फुर्ती  से निकल गया और फिर कुछ  ही पलों  में  पुलिस  की जीप  माया  की आँखों  से ओझल  हो गई।

 

“थैंक्स  यार!!” अश्विन ने  अनुज के  कंधे पर हाथ रखते हुए  कहा  तो वह  बोला,  “तुझे  वैसे माया से छिपने की ज़रूरत  नहीं थी, हमें  वो आदमी दानिश  मिल चुका  है जिसने माया पर अटैक  किया था और जिसे तूने  देखा था और मैंने उसका  बयान कमिश्नर  को सुना भी दिया है, अब तो जेल जाने की बारी माया की थी ।“    

 

“यार! हम इन  सिंघल  सिस्टर्स  के चक्कर  में और फँसकर  अपना टाइम वैस्ट नहीं कर सकते,  उनके बाप के होते हुए उन बहनों का कोई कुछ नहीं बिगाड़  सकता ।“

 

“यह दूसरी बहन कहाँ  से आ गई? “ अनुज  हैरान है।

 

“ओह  !! मैंने  तुझे फ़ोन पर नहीं बताया दरअसल अभिरंजन  की बातों से मुझे लगा कि  सम्राट  के तीसरे  आदमी ने माया से  यह सब करवाया है और  जब यहाँ आया तो मुझे पता चला  कि  सम्राट  का तीसरा  आदमी  कोई और नहीं बल्कि  माया  की बड़ी  बहन  शनाया  सिंघल  है।“

 

“क्याया....!!!!” अनुज ने मुँह से निकला “और सुन वह सम्राट  की  गर्लफ्रेंड  भी है शायद  टाइम पास?”

 

“क्या कह  रहा है,  टाइमपास???” अनुज अब भी हैरान है ।

 

“हम्म!!! उनकी  बातों  से यहीं  लगा कि  जितना  वो सम्राट के लिए पागल है, शायद  सम्राट नहीं है।“

 

“तो फिर पकड़  लेते है उस शनाया  को ।“

 

“वो तो लंदन  के लिए निकल भी गई है और तुझे कहा न कि  हमें सिंघल  सिस्टर्स  के चक्कर मैं और नहीं पड़ना,  सोच वो शनाया  जो पूरी  दुनिया के लिए लंदन  में  है हम उसके  इंडिया में  होने का क्या ही प्रूफ  देंगे।“

 

“इसका  मतलब, तेरा  पीछा भी वहीं  कर रही और फिर माया  पर अटैक और वो किडनैप सब माया  ने उसके कहने  पर किया?”

 

“यस !! इस खेल  की मास्टरमाइंड वहीं  थी मुझे तो अभिरंजन की बात सोचकर  हँसी  आ रही है कि  वह शनाया  को माया  जैसी  नहीं समझ  रहा था  बल्कि सच यह है कि एक बहन  नागिन है  तो दूसरी  नागलोक की सरताज।“ अश्विन  हँसा।

 

“लेकिन यार तू मुझे पहले कॉल  करता,  मैं यहाँ छापा मारकर  उसे पकड़  लेता,  कम से कम  वह लंदन तो नहीं जाती, हमें  पता तो चलता  कि  सम्राट  दिखता  कैसे है ।“

“कोमल  ने तेरे दिमाग  का दही कर दिया है, तू यहाँ  आता और उसे पकड़  भी लेता  तो भी उसके पास सौ  बहाने  होते वापिस इंडिया  और इस विला में  आने के और  यह कैसे साबित  करते कि  वो सम्राट से मिली हुई  है, मेरी बात पर कौन यकीन  करता, मुझे तो पहले ही सोकॉल्ड क्रिमिनल  बनाकर  सस्पेंड  कर दिया गया है, वह लड़की  ताश  के खेल का वो इक्का  है जिसे  मात  देना आसान  नहीं है और अभिरंजन  की बातों से मुझे समझ आ चुका है कि उसका बाप हद दर्जे का चालबाज़ और बकवास  होगा और तेरी  जानकरी  के लिए बता दूँ  कि  उस शनाया  को यह तो पता है कि  सम्राट दिल्ली से बाहर  है पर वो दिखता  कैसे है, यह नहीं पता।“ अश्विन ने सिल्की पर हाथ फेरते हुए कहा ।

 

अनुज ने गहरी साँस  छोड़ते  हुए कहा,  “वैसे कमिश्नर  तेरे सस्पेंशन  पर विचार  कर रहें  है।“ इससे पहले अनुज, उसे कुछ और बताता अश्विन को एक फोने आया,  “हेल्लो  कौन ?” “ सर मैं  किशन, आप मेरे पास  जल्दी  आ जाये।“ “किशन तुम कहाँ  हो?” “ सर मैं  जामिया  कॉलेज के पास जो कपड़े  की फैक्ट्री है  उसमे हूँ।“ यह कहकर  उसने फोन रख  सिया और अश्विन  ने  ड्राइवर को गाड़ी  रोकने के लिए कहा,  “मैं भी चलो?” “ नहीं अनुज आज के लिए इतनी मदद  काफी है, मिलते हैं।“ यह कहकर  अश्विन  फुर्ती  से जीप से  उतरता  हुआ  बस स्टॉप की तरफ भागा  और वहाँ  खड़े  ऑटो  में  बैठ गया और जाने से पहले उसने  अपनी बिल्ली  को वापिस  सोसाइटी  में  लौटाने  के लिए यश को कह दिया ।

 

वहीं  माया विला  से वापिस  आते हुए सोच  रही है कि  कहीं अनुज भी अश्विन  के साथ  मिला तो नहीं है, वरना विला में  कोई तो था पर तभी उसे अपने आदमी दानिश  का ख्याल  आता है तो वह उसे फोन  करकर  कहती है कि वो घर से बाहर  ना  निकले क्योंकि  पुलिस  उसे बुरी तरह तलाश आकर रही है पर माया  को क्या पता कि  दानिश को  पुलिस ने एक अनजान जगह पर कैद किया हुआ है और फ़ोन  उठाते  वक्त  एक पुलिसवाला उसी के साथ था और उसके कहने पर ही दानिश  ने माया को अपने  ठीक होने का बताया था ।

अश्विन  फैक्ट्री  पहुँचा  तो देखा  कि   कोई नहीं है,  उसने किशन  को आवाज़  लगाई पर कोई फायदा  नहीं हुआ,  अब वह इधर-उधर  देखता हुआ, फैक्ट्री  के पीछे  गया तो देखा कि  किशन ज़ख़्मी  हालत  में   कराह  रहा है,  उसके पीठ  पर चाकू  लगा हुआ  है। अश्विन  उसकी तरफ लपका और उसे संभालते हुए  बोला, “यह सब किसने किया?” रोनित साहनी” उसने  लड़खड़ाती  आवाज़  में  कहा। “चलो, मैं तुम्हें  हॉस्पिटल लेकर  चलता हूँ, “ “नहीं सर,  टाइम नहीं है,” किशन रुक-रूककर  बोल रहा है, “सर सम्राट  का तीसरा  आदमी उसी के साथ पपपपपपपपंचमढ़ी में  है और सर.....” “किशन तुम चलो  मेरे साथ,  अब अश्विन  ने उसे उठाना  चाहा, “ सर मुझे मरने के बाद  एक मैडल  दिलवा  देना  ताकि  मेरे दोस्तों को पता चले  कि  मैं  भी सिपाही  की मौत मारा था......”  यह कहकर किशन ने उसकी  बाहों में   दम  तोड़ दिया और अश्विन ने  उसकी खुली  आँखें  बंद  करते हुए अपनी नम  आँखों  से  कहा,  “तेरी मौत को बेकार  नहीं जाने दूँगा, किशन।“ यह कहकर  वह  किशन  का शव  उठाए  शमशान  घाट  की ओर चल  पड़ा।