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बटन
अश्विन अब माया को घूरते हुए उसके ऊपर दहाड़ा, “क्या बकवास कर रही होI” अब माया ने यश की ओट में छिपकर डरने की भरपूर एक्टिंग की कि तभी और गाड़ियाँ भी वहीं आ गई और उनमे से एक गाड़ी से रोमा और अमित सिंघल, माया की ओर भागते हुए आये तो वह उनके करीब आते ही उनके गले लिपट गईI “भाई!!! थैंक गॉड आप यहाँ आ गएI “ “इंस्पेक्टर यह सब क्या चल रहा है?” इससे पहले यश, करण या अश्विन में से कोई कुछ बोलता, माया बोल पड़ी, “भाई अश्विन ने मेरा किडमैप किया थाI” यह सुनकर रोमा ने अश्विन ने बुरी तरह घूरा तो वहीं अमित उसे मारने दौड़ा, मगर तभी यश बीच में आ गयाI “प्लीज सर, पुलिस स्टेशन चलकर बात करते हैं,” “ मैं कहीं नहीं जाऊँगा, अभी के अभी इस इंस्पेक्टर को जेल में डालोI” अश्विन तो पहले ही ताव में था उसने भी कहा, “दफा हो जा यहाँ से, तुझे और तेरी इस नागिन बहन को मैं देख लूँगाI” अब यश ने उसके करीब आकर उसे चुप रहने का ईशारा किया और फिर पुलिस टीम अश्विन को साथ लेकर पुलिस स्टेशन जाने लगीI जाते समय अश्विन ने पीछे मुड़कर देखा तो माया अपने भाई के सीने से लिपटी उसे देखकर मुस्कुरा रहीं है मानो जैसे कह रही हो, “इस दफा मेरा मारा डंक आसानी से नहीं उतरने वाला” और अश्विन उसे ऐसे नफरत भरी निगाह से देख रहा है कि जैसे उसका बस चले तो अभी के अभी माया के सीने में अपनी बंदूक की सभी गोलियाँ उतार देंI
अनुज और कोमल घर पहुँचे तो कमरे में जाती नाराज़ कोमल का हाथ पकड़ते हुए उसने कहा, “मेरी बात सुनोI” “क्या सुनो, तुम मेरे बर्थडे पर मुझसे जान छुड़ाकर खुद भारत दर्शन के लिए निकल गएI” उसने अनुज का हाथ छुड़ाते हुए ज़वाब दियाI “कोमल मैंने तुम्हें अभी गाड़ी में बताया कि हमें सीरियल किलर का कोई क्लू मिला था इसलिए अंडर कवर रहकर उस ट्रैन में ट्रेवल कर रहें थेंI” फिर तुमने उस फैमिली को अपने शादीशुदा होने के बारे में क्यों नहीं बतायाI” वह चिल्लाईI “क्योंकि मैं एक मिशन पर था और अपने बारे में हर बात नहीं बता सकता थाI” वह भी ज़ोर से चिल्लायाI “तुमने देखा उसकी बीवी तुम्हें कैसे देख रही थी, “ अरे! भाड़ में जाए वो जोकर और उसकी फैमिली तुम्हें मुझ पर भरोसा करना चाहिए, समझी I” अब कोमल ने अपनी आँख से दो आँसू टपकाए और फिर बेडरूम में जाने की बजाय पहले की तरह दूसरे कमरे में सोने चली गई और फिर उसके जाते ही उसने गुस्से में ज़ोर से लात वहाँ रखे सोफे पर मार दी, “मेरी तो किस्मत ही खराब है,” अभी उसने यह बोला ही था कि तभी यश का कॉल आ गया और वह उससे बात करकर जल्दी से अपने अपार्टमेंट से निकल गयाI जब वह पुलिस हेडक्वार्टर पहुँचा तो अश्विन कमिश्नर गुप्ता से जो आज रात हुआ उस बात पर बहस कर रहा था I
“सर वो माया झूठ बोल रही है, मुझे नहीं पता वो आदमी कौन थे, पहले उन्होंने मुझे बंद किया और फिर माया को बाँधकर चले गए और फिर जाते समय खुद ही मेरे दरवाजे का लॉक खोल गएI” अब अनुज भी वहाँ बैठ चुका थाI
“अब माया की कहानी सुनो, तुमने उसे उसकी सोसाइटी के बाहर पिक किया और फिर तुमने एक जगह गाड़ी रोककर उसके साथ........ एन्जॉय किया, “ मुझे तो बोलते हुए शर्म रहीं है गुप्ता ने गुस्से में कहाI “और फिर तुमने उसे वहाँ से ले जाकर एक गोदाम में बाँध दिया और माया की चीखे पास से गुज़रते एक आदमी ने सुनी और पुलिस को कॉल कियाI”
“सर मैं ऐसा क्यों करूँगा, उसे किडनैप करकर मुझे क्या मिलेगाI” अश्विन ने दहाड़ते हुए कहाI
“तुम उसे टॉर्चर कर सम्राट का पता जानना चाहते थेंI” कमिश्नर भी अब ऊँची आवाज़ में बोलाI
“सर उसने मुझे कहा था कि वह मुझे एक आदमी से मिलवा सकती है जो सम्राट तक पहुँचा सकता है और अब आज उसकी इस हरकत के बाद मुझे पक्का यकीन है कि वह सम्राट से मिली हुई हैI” अब अश्विन ने एक नज़र अनुज पर डाली तो वह बोल पड़ा, “सर अश्विन सही कह रह रहा है, माया ने खुद कहा था कि वह एक आदमी को जानती है जो सम्राट से मिलवा सकता हैI”
“पर उस बेवकूफ लड़की को उस माफिया किंग के बारे में कैसे पता होगा और वो तुमसे क्यों कहेगीI “
“सर उसने मुझे कहा था कि उसकी जान को खतरा है और अगर मैं उसकी मदद कर दो तो वह मुझे उस आदमी से मिलवा देगी और मैंने उसे कहा भी था कि पुलिस उसके केस को देख रही है......”
“आगे क्या....... अश्विन ?” कमिश्नर ने भौहें उचकाते हुए पूछाI
“सर आगे कुछ नहीं, पहले तो मैंने मना किया और फिर मुझे लगा कि शायद वो कुछ जानती है तो मैंने उसके कहने पर उसे उसके घर के बाहर से पिक कर लिया और फिर उसके कहने पर ही गाड़ी रोकी और फिर उसके कहने पर ही उस गोदाम में गया और तो और सर, उन लोगों में एक आदमी वही था जिसने माया पर होटल में अटैक किया था, मैंने उसे पहचान लिया है और मेरी माने तो उस गोदाम के आसपास कोई नहीं था, इसलिए जिसने भी माया की चीख सुनी वह भी माया के इस खेल का हिस्सा होगाI” अब अश्विन अपनी कुर्सी से खड़ा होकर खुनस में इधर-उधर घूमने लगाI
“देखो !! राणा मैंने तुम्हें पहले ही मना किया था कि उस बेवकूफ लड़की या उसकी फैमिली के आसपास भी नहीं दिखना पर तुमने मेरे ऑडर्स फॉलो नहीं किए, पहले वह अटैक और फिर आज जो हुआ, उसके बाद....... “
“सर, वह लड़की बेवकूफ नहीं है, आपने देखा नहीं उसने कितना बड़ा गेम प्लान कियाI” अश्विन चिल्लायाI
“उसने क्या किया, क्या नहीं किया, इसका कोई सबूत नहीं है हमारे पास, इसलिए अब जो कहता हूँ उसे ध्यान से सुनो, जब तक तुम पर इन्क्वायरी पूरी नहीं हो जाती, तुम सस्पेंड रहोगे और अब आज से सम्राट का केस अरविन्द हैंडल करेगाI” यह सुनकर अश्विन और अनुज दोनों ही गुप्ता का मुँह देखने लगेI इससे पहले अश्विन कुछ कहता, अनुज बोल पड़ा, “सर यह तो गलत हैI”
“गलत....? तुम शुक्र मनाओ कि मैंने इतने में बात संभाल ली वरना वो रवीश सिंघल जिसे जापान से आए तीन घंटे में भीनही हुए वह तो अश्विन को जेल भिजवा रहा था, यह तो मैंने ही हाईकमान से बात करकर इतने में ही बात खत्म करवा दी और हाँ” अब उसने अश्विन को घूरते हुए कहा, “अब अपनी पिस्तौल और पुलिसआईडी यही छोड़कर जाओI” अश्विन ने गुप्ता को घूरते हुए, अपनी ज़ेब से पिस्तौल और आई डी निकालकर टेबल पर रखी और टेबल पर दोनों हाथ रखकर थोड़ा झुका और फिर गुप्ता की आँखों में देखते हुए बोला, “ जब तक कानून को यह मंत्री, संत्री या फिर यह रईसजादे कठपुतली की तरह नचाते रहेंगे तब तक देश में हर मुजरिम चौड़ा होकर घूमता रहेगाI” यह कहकर वह तेज़ी से बाहर निकल गया और अनुज भी उसके पीछे भागता हुआ आया, “अश्विन सुन!!!” “अनुज मुझे फिलहाल के लिए अकेला छोड़ दें” और यह कहकर वह स्पीड से अपनी गाड़ी निकालकर वहाँ से ले गया और अनुज उसे जाता हुआ देखता रहाI
अश्विन की गाड़ी नॉर्मल स्पीड से ज्यादा तेज चल रही है, अभी तो सड़कें खाली है पर अगर सड़क पर कोई होता तो वह ज़रूर किसी न किसी को उड़ा देता, अब उसने नोएडा की तरफ गाड़ी मोड़ दी सच तो यह है कि उसे खुद नहीं पता कि वह कहाँ जा रहा हैI अब इससे पहले वह एनएच24 क्रॉस करता उसके फ़ोन पर एक अनजान नंबर फ़्लैश होने लगाI उसने गाड़ी को ब्रेक लगाई और लम्बी-लम्बी साँसे छोड़ने लगा फिर फ़ोन के स्पीकर का बटन ऑन कर गुस्से में बोला,
“हेल्लो !! कौन ??”
“सम्राट!!!!!!!!”