53
कोशिश
अश्विन ने अब बात आगे बढ़ाते हुए कहा, “बताओ, कब मिला रही हो?” माया ने एक लम्बी आह भरी और कहा, “कल दस बजे मुझे मेरे अपार्टमेंट के बाहर से पिक कर लेना, तुम्हें तो पता ही होगा कि मैं कहाँ रहती हूँ।“ अश्विन ने मुँह बनाते हुए जवाब दिया, “हम्म! कर लूँगा” और यह कहकर उसने फ़ोन रख दिया और अश्विन ने अपनी गाड़ी की रफ़्तार तेज़ कर दी।
अगली सुबह यश ने अनुज को बताया, “सर, वो चारों वापिस पंचमढ़ी पहुँच चुके हैं।“ “हाँ दिल्ली का काम जो खत्म हो गया।“ अनुज ने गुस्से में पेपरवेट घुमाते हुए कहा और फिर सवाल किया, “उस देवेन की फैक्ट्री के पास कोई आया था?” “नहीं सर, लेकिन हमने उस फैक्ट्री के बाहर की तरफ जो रोड जाती है उसके सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी जो आठ दिसंबर की थी, उसमें हमें देवेन और रेवा वहाँ से गुज़रते हुए दिखे।“ अनुज ने कुछ सोचते हुए कहा, “देवेन की तो फैक्ट्री है इसीलिए वह उसी तरफ आ रहा होगा और रेवा का घर उस रोड को पार करकर आता है, इसलिए उसका गुज़रना भी लाज़मी है, अब हमें जल्दी ही कोई एक्शन लेना होगा।“ अनुज ने गंभीरता से कहा।
अब थोड़ी देर बाद अश्विन भी पुलिस स्टेशन आया तो अनुज ने उससे देखते हुए पूछा, “कल रात कहाँ था?” अब अश्विन उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठा और उसे कल बीती रात की सारी कहानी सुना दी। “ओह !! मुझे वैसे कोई हैरानी नहीं हुई, मुझे तो शुरू से ही पता था कि पूरी फैमिली ही करप्ट है।“ अनुज ने चिढ़ते हुए कहा। अब उसने उसे आज रात माया से मिलने की बात बताई तो उसने कहा, “मैं साथ चलो?” “ नहीं यार!!! वो नागिन बिदक भी सकती है, मैं कोई चांस नहीं लेना चाहता।“ अश्विन उसे देखकर मुस्कुरा दिया तो अनुज ने कहा, “ठीक है, जैसी तेरी मरजी।“ अब उसने भी उसे बताया कि चारों वापिस पंचमढ़ी पहुँच चुके हैं। “मुझे भी कोई हैरानी नहीं है, यह देवेन ही सीरियल किलर है और बस इस कुत्ते को अब कुत्ते की मौत मारने का प्लान बनाना है।“ यह कहते हुए अश्विन की गुस्से में त्योरियाँ चढ़ गई।
पंचमढ़ी के रिसोर्ट में रेवा और रेहान के साथ साथ बाकी चारों भी रिसोर्ट के बने लॉन में धूप सेंक रहें हैं। अब रेवा ने समर और नंदिश को घूरते हुए कहा,” तुम तो इसी शहर में थे पर मेरी कामवाली पिंकी ने तुम्हें दिल्ली की ट्रैन चढ़ते हुए देखा था।“ दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया पर फिर वे दोनों सामान्य होते हुए बोले, “कुछ ज़रूरी काम था इसलिए जाना पड़ गया।“ रेवा अब रेहान के पास बिछी कुर्सी से खड़ी होकर उन चारों के सामने आकर बोली,
“तुम लोग दिल्ली गए और वहां एक मर्डर हो गया।“
“तुम कहना क्या चाहती हो?” राजीव बोला।
“यही कि मुझे लगता है, तुम चारों में से कोई सीरियल किलर है जिसने ये सभी मर्डर किए है।“
राजीव हँसते हुए बोला, “वैसे तुम मज़ाक अच्छा कर लेती हो।“
“मैं सीरियस हूँ।“ अब रेवा ने अपने दोनों हाथों को बाँधकर कहा तो सब उसका गंभीर चेहरा देखकर खुद भी गंभीर हो गए।
“देखो मिस रेवा !!! अपना दिमाग सही करवाओ, इस तरह के गलत इल्जाम बर्दाश्त नहीं किये जायंगें।“ समर ने तेज़ आवाज में कहा तो रेवा भी तुनक कर बोली, “नहीं तो क्या कर लोंगे तुम?” अब बात बिगड़ती देख रेहान हालात सँभालने के लिए बीच में कूद पड़ा, “ यार यह जासूसी नॉवेल बहुत पढ़ती है ना इसलिए तुम लोगों के साथ ऐसे बात कर रही है, रेवा आज के लिए बहुत हो गया यार!! चलो, मुझे तुम्हें कुछ दिखाना था।“ यह कहकर रेहान उसे वहाँ से ले गया और बाकी तीनों ने तो मुँह बना लिया पर राजीव मुस्क़ुराते हुए बोला, “यह जैसी भी है मुझे बहुत पसंद है।“
शाम को जब अनुज, कोमल को प्रॉपर्टी डीलर से मिलवाकर, उसे घर छोड़ रहा है तो उसका नाराज चेहरा देखकर उसने गाड़ी सड़क के कोने में रोकी और उसे बहलाते हुए बोला, “किसी और डीलर से पता कर लेंगे, पूरी दुनिया में क्या यही प्रॉपर्टी डीलर रह गया है।“ “यह सब तुम्हरी वजह से हुआ है, उसे जैसे ही पता चला कि तुम पुलिस वाले हो और उस सीरियल किलर केस के इंचार्ज हो तो वह बिदक गया।“ “वो आदमी एक नंबर का बेवकूफ था, उसे लगता था कि मैं पुलिसवाला हूँ तो उसका किराया मारा जाएंगा और दूसरा वह किलर कहीं उसके पीछे पड़ गया तो, अब तुम बताओ, तुम्हारे सामने मैं उसे तीन महीने का एडवांस किराया देने को तैयार था और उस किलर को उस डीलर से क्या मतलब।“ यह कहते हुए अनुज की आवाज़ तेज़ हो गई तो कोमल भी दहाड़ती हुई बोली, “ तुम्हारी वजह से मेरी ज़िन्दगी खराब हो गई है, पर्सनल लाइफ तो पहले ही बेकार हो चुकी थी पर अब मेरा प्रोफेशनल करियर भी तुम बनने नहीं दे रहें।“ “शटअप कोमल, जस्ट शटअप, अब तुम्हारी बकवास और नहीं सुन सकता।“ यह कहकर उसने तेज़ स्पीड से गाड़ी घर की ओर दौड़ा दी और कोमल को अपनी सोसाइटी के बाहर छोड़कर वापिस पुलिस स्टेशन आ गया ।
रात आठ बजे, अश्विन पुलिस हेडक्वॉर्टर से होता हुआ घर आया । पहले उसने शॉवर लिया, फिर डिनर करने के बाद, वह तैयार होकर माया से मिलने के लिए निकल पड़ा । आधे घंटे की ड्राइविंग के बाद उसने माया को अपनी गाड़ी में बिठाया । माया ने काले रंग के ट्रॉउज़र के साथ गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ है, जिसका गला इतना गहरा है कि क्लीवेज से भी नीचे का हिस्सा साफ़ नज़र आ रहा है । चेहरे पर गाढ़ा मेकअप और होंठो पर वहीं लाल रंग की लिपस्टिक लगाई हुई है । कानों में डायमंड के एयरिंग्स और हाथ में घड़ी और पैरों में हाईहील्स है । वह अश्विन को रास्ता बताए जा रही है और उसकी गाड़ी उन्ही सड़कों पर दौड़ रही है । अब बाहरी दिल्ली से होकर जो हाईवे के दाई तरफ सड़क कटती है, वहाँ माया ने अश्विन को गाड़ी रोकने के लिए कहा तो अश्विन ने आसपास देखते हुए पूछा, “इस सुनसान सड़क पर गाड़ी रुकवाने की वजह जान सकता हूँ, क्या वो आदमी हमें यही मिलने वाला है?” “नहीं उसके लिए अभी और सफर तय करना है पर इससे पहले मुझे तुमसे कुछ चाहिए।“ यह कहकर वह अश्विन के चेहरे को एकटक देखने लगी और अश्विन उसके दिमाग में क्या चल रहा है, यह समझने की कोशिश करने लगा।