Love or Love - 5 in Hindi Drama by Unknown books and stories PDF | Love or Love - 5

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Love or Love - 5

जिमी सिमी को गले लगाकर रोते हुए कहता है, “मुझे माफ़ कर दो, सिमी। मैं अपना वादा नहीं पूरा कर पाया। मैंने तुम्हें अकेला छोड़ दिया था, मुझे माफ़ कर दो।”

सिमी कहती है, “इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। ये सब उस नीच इंसान की वजह से हुआ है। और हम दोनों मिलकर उससे बदला लेंगे।”

जिमी कहता है, “क्या तुम्हारे अंदर इतनी हिम्मत है कि तुम अपने खुद के पिता को तकलीफ दो?”

सिमी कहती है, “उसे मेरा पिता मत कहो, वो मेरे लिए उसी दिन मर गए थे जब उन्होंने मेरी माँ का कत्ल मेरे आंखों के सामने किया और मुझे अनाथाश्रम में डाल दिया।”

जिमी कहता है, “तो तुम यहाँ कैसे आई?”

सिमी बोलती है, “तुम्हारी भाई ने मुझे न जाने कैसे ढूंढ लिया और मुझे अपनी बहन जैसा प्यार दिया। मुझे पाढ़ाया और आज मैं उनकी वजह से इतनी सफल हूं।”

यह सुनकर जिमी उसे गले लगा लेता है और कहता है, “अब मैं तुम्हें कभी छोड़ के नहीं जाऊँगा।”

जिमी कहता है, “मैंने और शौबो ने शादी की है पर 

सिमी कहती हैं मुझे सब पता है।                                                                                        ‌             जिमी कहता है तुम्हें कैसे पता

सिमी कहती है, “भाई, तुम दोनों की तलाश कई‌‌ सालों से कर रहे हैं। और मैंने तुम्हारा फोन हैक कर लिया था और तुम्हारी लोकेशन निकाल ली थी। इसलिये मुझे सब पता है। मुझे माफ़ कर दो।”

जिमी हंसते हुए कहता है, “माफी मांगने की क्या बात है? तुम तो कमाल हो।”

इसी बीच, मिन्न और शौबो खाना खा रहे होते हैं। खाना खाने के बाद, मिन्न जाने वाला होता है, लेकिन शौबो उसे रोक लेती है और कहती है, “मैं तुम्हारी मदद करूंगी।”

मिन्न कहता है, “किस तरह की मदद?”

वो चुप हो जाता है और फिर शौबो कहती है, “मुझे माफ़ कर देना, लेकिन मुझे सब कुछ याद है। मेरी याददाश्त नहीं गई थी, बल्कि मैंने नाटक किया था ताकि तुम मेरे पिता को नुकसान न पहुँचाओ। लेकिन अब मैं तुम्हारे साथ हूं, क्योंकि मेरे पापा ने मेरी माँ और हम सभी को बहुत दर्द दिया है। मुझे सब कुछ पता है। जब जिमी से पापा बात कर रहे थे, तो मैंने सब सुना था कि कैसे उन्होंने जिमी को धमकाया और बचपन से ही उसे तकलीफ दी।”

फिर शाओबो कहती‌ है, “मुझे माफ़ कर दो, मिन।”।                                                                                 मिन मुस्कुराता है और कहता है मैं तुमसे गुस्सा हो ही नहीं सकता हूं तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है

शौबो कहती है, “मुझे तो लगा कि तुम मुझसे अब बात नहीं करोगे, लेकिन तुम तो गुस्से में भी नहीं आए।”

मिन्न कहता है, “असल में, मेरी बहुत खराब आदत है। मैं जिसको नफरत करता हूं, मैं उसकी जान लेने में बिल्कुल नहीं हिचकता, लेकिन जिसे प्यार करता हूं, उसके लिए जान भी दे सकता हूं। और यही तुम्हारे साथ भी है।”

शौबो कहती है, “क्या तुम मुझसे अब भी उतना ही प्यार करते हो?”

मिन्न कहता है, “हाँ, बिल्कुल। मैंने तुमसे वादा किया था कि मैं तुमसे शादी करूंगा। और देखो, मैंने वादा नहीं तोड़ा। मैं तुम्हें ढूंढ़ लिया और अगर तुम कहोगी, तो मैं तुम्हारे पिता को भी माफ़ कर दूंगा, लेकिन मैं उसकी नफरत हमेशा अपने दिल में रखूंगा। और मुझे अफसोस रहेगा कि मैंने अपनी माँ का बदला नहीं लिया।”

शौबो कहती है, “मैं तुम्हारे साथ हूं। और मेरे पिता ने तुम सभी के साथ बहुत गलत किया है। उन्होंने मेरी माँ को मार दिया। तुम्हें पता है, मिन्न, मैं ये सब बचपन से जानती हूं। जब मैं स्कूल से आई थी और घर आई, तो मैंने अपनी माँ की लाश देखी थी। ये देख कर मैं बहुत डर गई थी और बेहोश हो गई थी। और फिर तो मैं कोमा में चली गई थी।” और मैंने नाटक किया कि मुझे कुछ याद नहीं है वरना पापा 




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