Love or Love - 4 in Hindi Drama by Unknown books and stories PDF | Love or Love - 4

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Love or Love - 4



जिमी आखिरकार मिन्न की बात मान जाता है और उसके साथ शौबो के कमरे की ओर जाता है। जैसे ही वे दोनों शौबो के कमरे में दाखिल होते हैं, शौबो रो रही होती है। जिमी को देखते ही वह दौड़कर उसके गले लग जाती है और जोर-जोर से रोने लगती है। जिमी उसे गले लगाकर चुप कराता है, उसके आँसू पोछता है। मिन्न कुछ कहने ही वाला होता है, शायद शौबो से उसके पापा के बारे में पूछने के लिए कि क्या उसे सब कुछ याद आ गया, लेकिन तभी जिमी इशारे से मिन्न को रोक देता है। वह शौबो से कहता है, “अब तुम थोड़ा आराम करो।” फिर वह मिन्न को लेकर कमरे से बाहर आ जाता है।

बाहर आकर जिमी मिन्न से सख्त लहजे में कहता है, “तुम अब उसके सामने उसके पापा के बारे में कुछ मत पूछना, जब तक मैं खुद न कहूं।”
मिन्न नाराज़ होकर कहता है, “मैं तुम्हारी बात क्यों मानूं? और वैसे भी मैं उससे कुछ पूछने नहीं जा रहा था।”
जिमी थोड़ा नरम होते हुए कहता है, “मेरी बात समझने की कोशिश करो। शौबो बहुत टूटी हुई है। अगर तुम ज़रा भी ज़ोर डालोगे, तो वो और बिखर जाएगी।”

मिन्न चुप हो जाता है, उसकी आँखों में भी दर्द झलकता है। फिर जिमी आगे कहता है, “अगर तुम मेरी मदद करोगे, तो मैं भी तुम्हारी मदद करूंगा। लेकिन पहले तुम्हें मेरी मदद करनी होगी।”
मिन्न गंभीरता से जवाब देता है, “बताो क्या करना है, मैं बदला लेने के लिए कुछ भी करूँगा।”

तब जिमी उसे एक पुरानी तस्वीर दिखाता है और कहता है, “यह मेरा छोटा भाई है। इसे शौबो के पापा ने बचपन में अगवा कर लिया था। अगर तुम इसे ढूंढ सको, तो मैं तुम्हारी हर तरह से मदद करूंगा।”

ये सुनकर मिन्न चौंक जाता है। वह कुछ नहीं कहता, बस जिमी को जोर से गले लगा लेता है और बहुत देर तक उसे गले लगाए रखता है।
जिमी थोड़ा हैरान होता है, “तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?”

मिन्न की आवाज़ भर्राई हुई होती है, “भाई... भाई... आप ठीक हो?”
जिमी हैरान होकर पूछता है, “भाई? क्या तुम ही मेरे भाई हो? इसका क्या सबूत है?”
मिन्न जवाब देता है, “हाँ, मैं ही आपका छोटा भाई हूँ। मुझे भी उसी आदमी ने अगवा कर लिया था। लेकिन मैं वहाँ से किसी तरह भाग निकला और अब तक यही जानने की कोशिश करता रहा कि मेरा परिवार कौन है।”

यह सुनकर जिमी की आँखों में आँसू आ जाते हैं। वह मिन्न को गले से लगा लेता है। दोनों भाई बहुत वक्त तक एक-दूसरे से लिपटे रहते हैं।
इसके बाद मिन्न उसे शौबो के पापा से बदला लेने का प्लान बताने की कोशिश करता है, लेकिन फिर रुक जाता है।
वह कहता है, “मैं ऐसा कुछ नहीं कर सकता जब तक शौबो ठीक न हो जाए। मैं उसे और तकलीफ नहीं देना चाहता।”
जिमी पूछता है, “अगर वो कभी ठीक नहीं हुई तो?”
मिन्न जवाब देता है, “तो मैं इंतज़ार करूँगा।”

उसी वक्त शौबो कमरे से बाहर आ जाती है। दोनों उसे देखकर चुप हो जाते हैं।
जिमी मुस्कराकर कहता है, “चलो, खाना खा लो।”
मिन्न कहता है, “मैं तुम्हें ले चलता हूँ,” और वो दोनों साथ में खाने के लिए चले जाते हैं।

मिन्न शौबो को अपने हाथों से खाना खिलाता है।
शौबो हँसकर कहती है, “तुम एक माफिया हो, लेकिन तुम्हारे साथ ऐसा लग ही नहीं रहा। क्या तुम सबके साथ ऐसे ही पेश आते हो?”
मिन्न मुस्कराकर कहता है, “नहीं, मैं सिर्फ तुम्हारे साथ ऐसा हूँ... क्योंकि तुम मेरे लिए खास हो।”

ये सुनकर शौबो शर्माकर मुस्करा देती है और खाना खाने लगती है।

वहीं दूसरी तरफ, जिमी सिमी के पास जाता है और उसे ड्रिंक पर चलने के लिए कहता है। सिमी मान जाती है और दोनों साथ में बैठकर ड्रिंक करते हैं।
ड्रिंक के दौरान जिमी अचानक सिमी को गले लगा लेता है और फूट-फूटकर रोने लगता है।
सिमी हैरान रह जाती है और सोच में पड़ जाती है कि जिमी आखिर ऐसा क्यों कर रहा है।


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आगे की कहानी जल्द आएगी... धन्यवाद पढ़ने के लिए!
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