यहां आपका कहानी का भाग अच्छे से हिंदी में लिखा गया है:
शुबो ने बताया कि वह कोमा में चली गई थी और ये सुनकर मिन उसे गले लगा लेता है और कहता है, "मुझे माफ कर दो, मेरी वजह से तुम्हें इतनी तकलीफ हुई।" शुबो कहती है, "तुम्हारी कोई गलती नहीं है और तुम्हें पता है, मुझे ऐसा दिखाना पड़ा था कोमा से उठने के बाद कि मुझे कुछ याद नहीं है, क्योंकि अगर पापा को पता चल जाता तो वह मुझे भी मार देते शायद।"
फिर मिन का आदमी उससे बोलता है, "सर, हमने उसे पकड़ लिया है।" मिन कहता है, "शुबो तुम यहीं रुको, मैं अभी आता हूं।" और वह वहां से चला जाता है। जब वह नीचे पहुंचता है, तो वहां एक आदमी को उसके आदमियों ने बुरी तरह मारा हुआ होता है। मिन कहता है, "रुक जाओ, और यहां से हटो।" फिर ये सुनकर उसके आदमी वहां से हट जाते हैं। वह उस आदमी के पास जाता है और बोलता है, "तो तुझे यह हिम्मत कैसे हुई मुझसे गद्दारी करके उस पुलिस को मेरे धुकाने पर जाकर बताने की?" वह आदमी कहता है, "मैंने कुछ नहीं किया है, सर, मैंने कुछ नहीं किया, कृपया मुझे जाने दो।"
मिन उसके सर पर गन लगाता है और कहता है, "देख, मुझे झूठ पसंद नहीं है, मुझसे झूठ बोलेगा तो तू अपनी हाथों से जान खो बैठेगा। तू तो जानता है मेरा गुस्सा।" वह आदमी कहता है, "मुझे माफ कर दीजिए, सर, मैंने यह मजबूरी में किया था।" मिन गुस्से में चिल्लाते हुए कहता है, "मजबूरी कैसी मजबूरी? अभी तो बताया मैंने, मुझे झूठ पसंद नहीं है, मुझे अच्छे से पता है, उसने तुझे रिश्वत दी और तूने उसे पटा लिया। लेकिन तुमने बहुत बड़ी गलती की है, ये जानते हुए भी कि तेरी जान जा सकती थी, तूने ऐसा कदम कैसे उठा लिया? तुझे मुझसे डर नहीं लगा?"
वह आदमी कहता है, "कृपया सर, मुझे माफ कर दीजिए, माफ कर दीजिए।" तभी वहां सिमी आ जाती है और बोलती है, "तुम, तुम यहां क्या कर रहे हो?" मिन कहता है, "तुम यहां क्यों आई हो, मैंने तुम्हें यहां आने से मना किया था, ना, इस जगह से जाओ, चलो और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। और तुम इसे कैसे जानती हो?" तब सिमी बोलती है, "मैं इसे बहुत अच्छे से जानती हूं, इसने मेरे साथ जब मैं यूनिवर्सिटी जा रही थी, तब इसने मेरे साथ बदतमीजी की थी।" मिन बोलता है, "अच्छा, ठीक है, तुम जाओ यहां से, मैं इसे समझा दूंगा।" और सिमी वहां से चली जाती है।
मिन ये सुनकर बहुत गुस्से में आ जाता है और गुस्से में हंसते हुए कहता है, "तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मेरी बहन से बदतमीजी की, लगता है तुम्हें अपनी जान सच में प्यारी नहीं है।" वह आदमी कहता है, "मुझे माफ कर दीजिए, सर, मुझे नहीं पता था कि वह आपकी बहन है।" मिन को यह सुनकर और गुस्सा आ जाता है और वह उसे एक मुक्का मारता है जिससे उस आदमी के मुंह से खून निकल आता है। फिर मिन बोलता है, "तुमने यह नहीं जाना, अब मैं तुम्हें नहीं मारूंगा बल्कि तड़पाऊंगा, पता है क्यों?" वह आदमी कहता है, "नहीं, सर, मुझे नहीं पता।" मिन उसे फिर से मारता है और बोलता है, "वाह, तुम कह रहे हो कि नहीं पता, चलो मैं ही बता देता हूं, मैं ऐसा इसलिए करूंगा क्योंकि तुम्हें लड़कियों की इज्जत करनी नहीं आती। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह मेरी बहन है या किसी और की, लेकिन जिस की भी है, बहन तो है ना। तो मैं उन सब की जान ले लेता हूं जो लड़कियों को तकलीफ पहुंचाते हैं।"
फिर मिन बोलता है, "ले आओ इसे यहां से, और तुम्हें तो पता है इसके साथ क्या करना है।" मिन का आदमी बोलता है, "जी सर, मुझे पता है," और वह आदमी भीख मांगता रहता है मिन से, लेकिन उसके आदमी उसे वहां से ले जाकर चले जाते हैं। फिर मिन कहता है, "काम हो गया?" तो दूसरा आदमी बोलता है, "जी, हो गया, सर।"
फिर मिन शुबो को नीचे बुलवाता है और जिमी, सिमी को भी और प्लान के हिसाब से सब कुछ होता है। और जिमी, सिमी, मिन, शुबो एक तरफ होते हैं और उसके पापा दूसरी तरफ। तभी मिन कहता है, "आज मैं तुमसे तुम्हारे सारे पापों का बदला लूंगा। वह तो शुक्र मनाओ कि तुम्हारी बेटी की वजह से तुम्हें इतनी आसान मौत मिल रही है।" उसका पापा हंसते हुए बोलता है, "तुम मारोगे, मुझे लगता है तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, जब तुम इतने सालों से कुछ नहीं कर पाए तो क्या ही कर लोगे अब, और तुम्हारी मां की औकात ही क्या थी?"
मिन ये सुनकर गुस्से में आ जाता है और गोली चला देता है शुबो के पापा को, गोली तो लग जाती है लेकिन शुबो के पापा ने भी गोली चला दी थी। और शुबो, मिन को बचाने के चक्कर में सामने आ जाती है और उसे दिल के पास या दिल पे गोली लग जाती है।
अगर आप आगे जानना चाहते हैं कि क्या शुबो की जान बच पाएगी और मिन अपना बदला ले पाएगा, तो मुझे फॉलो करें ताकि जैसे ही अगला पार्ट पोस्ट हो, आप तक पहुंच जाए।
धन्यवाद!