रुशाली की ज़िंदगी उतनी ही सादी थी, जितनी उसकी सोच। न उसे बनावटी खूबसूरती की फिक्र थी, न ही यह चिंता कि कोई उसे पसंद करता है या नहीं। लेकिन कहीं न कहीं, उसके दिल के किसी कोने में एक ख्वाहिश जरूर थी—एक ऐसे प्यार की, जो सिर्फ उसकी सादगी के लिए हो, न कि उसकी शक्ल-सूरत के लिए।
रुशाली अक्सर सोचती की शायद कोई होता जो उसके लिए छोटी-छोटी चीज़ें करता, बस इस उम्मीद में कि वो नोटिस कर लें। लेकिन रुशाली के लिए ऐसा कोई नहीं था।
उसने कई बार फिल्मों में देखा था कि कोई हीरोइन बारिश में भीगते हुए नाचती है, और अचानक कोई लड़का उसे देखता ही रह जाता है, जैसे दुनिया थम गई हो।
उसने यह भी देखा था कि किसी बाज़ार में चलते हुए लड़की का दुपट्टा किसी लड़के की घड़ी में फँस जाता है, और वहीं से प्यार की शुरुआत हो जाती है।
या फिर वो सीन, जहाँ भीड़ में खोई हुई लड़की पर कोई अचानक से छाता तान देता है और धीरे-धीरे दोनों को प्यार हो जाता है।
रुशाली को लगता था कि शायद कभी उसके साथ भी कुछ ऐसा होगा।
कोई होगा, जो पहली नज़र में ही उसकी आँखों की मासूमियत पर फिदा हो जाएगा।
कोई ऐसा, जो सिर्फ उसे देखकर ही उसकी सादगी को दिल दे बैठेगा।
लेकिन ऐसा कभी कुछ हुआ ही नहीं।
हाँ, कभी-कभी कोई लड़का उसे देख लेता, लेकिन रुशाली की सोच कुछ और ही थी—
"देखो, ये लड़का कैसे घूर रहा है !"
एक बार तो ऐसा भी हुआ कि उसकी क्लास का ही एक लड़का उसे पसंद करने लगा था शायद। इसी वजह से वह उसे इशारों में जताने की कोशिश करता, कभी उसकी पसंद-नापसंद पूछता, कभी उसकी बातें गौर से सुनता। लेकिन रुशाली ? उसने उससे बात ही बंद कर दी!
उसे यह सब फालतू लगता था। वह सोचती थी कि "अगर कोई मुझसे सच्चा प्यार करेगा, तो उसे मेरे दिल तक पहुँचने के लिए किसी इशारे की जरूरत नहीं होगी।" लेकिन उसे पता ही नहीं था कि शायद ऐसा भी होगा जहां वो किसी को प्यार करने लगेगी !
रुशाली की ज़िंदगी में प्यार के लिए कोई जगह नहीं थी—कम से कम अभी तक तो नहीं। उसके लिए पढ़ाई जरूरी थी, अपने सपनों को पूरा करना जरूरी था। वह नहीं चाहती थी कि कोई उसका जीवन सिर्फ इसलिए बदल दे क्योंकि वह किसी से प्यार करने लगी है।
फिर भी, उसके मन में कहीं न कहीं यह सवाल आता ही था—
"क्या कोई ऐसा होगा, जो मेरी सादगी को ही मेरी सबसे बड़ी खूबसूरती माने?"
"क्या किसी को सिर्फ मेरा मन ही पसंद आएगा, न कि मेरा चेहरा?"
लेकिन क्या सच में कोई ऐसा था जो सिर्फ उसकी सादगी के लिए उसे पसंद करे?
और फिर, एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जो रुशाली ने कभी सोचा भी नहीं था।
कभी-कभी ज़िंदगी हमें वही देती है, जिसकी हमें सबसे ज्यादा तलाश होती है—लेकिन अपने ही अंदाज़ में। रुशाली की ज़िंदगी में भी कुछ ऐसा घटने वाला था, जिससे उसकी सोच, उसके एहसास और शायद उसका दिल भी बदलने वाला था।
क्या यह वही पल था, जिसका उसे बरसों से इंतजार था?
या फिर यह सिर्फ एक इत्तेफाक था, जो उसे यह समझाने आया था कि प्यार उसकी तकदीर में नहीं लिखा?
क्या उसका यह इंतजार किसी हकीकत में बदलने वाला था?
या फिर उसकी मोहब्बत सिर्फ एकतरफा सफर बनकर रह जाएगी?
रुशाली की कहानी अब और दिलचस्प होने वाली है! क्योंकि किस्मत ने उसके लिए कुछ ऐसा सोच रखा था, जिसका उसने कभी अंदाजा भी नहीं लगाया था…