TOOTE HUE DILON KA ASHPATAAL - 44 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 44

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 44

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 44 

पिछले एपिसोड में:

आदित्य को पता चला कि करण और भावेश मिले हुए हैं।

भावेश के प्लान से अनजान, सिया करण के पास जाने का सोच रही थी।

आदित्य के पास वक्त बहुत कम था, उसे सिया को सच्चाई बतानी थी।


अब आगे…


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सिया का आखिरी फैसला?

रात के करीब 2 बज रहे थे।

सिया करवटें बदल रही थी, उसका दिमाग शांत नहीं हो पा रहा था।

उसने करण का मैसेज पढ़ा—

"अगर तुम मुझे माफ करना चाहती हो, तो सिर्फ मिलने आ जाओ… मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ।"

क्या उसे जाना चाहिए?

तभी फोन बजा—आदित्य की कॉल थी।

सिया ने कॉल उठाई, "आदित्य?"

आदित्य की आवाज में बेचैनी थी, "सिया, प्लीज़ करण से मत मिलो, वो तुम्हें धोखा दे रहा है!"

"क्या? लेकिन तुम…"

"मैं सबूत लेकर आ रहा हूँ। बस मुझ पर भरोसा रखो!"

सिया उलझन में पड़ गई।

अगर आदित्य झूठ बोल रहा होता, तो वो इतनी रात को उसे रोकने की कोशिश क्यों करता?

लेकिन करण… क्या सच में वो गलत इंसान था?


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भावेश का नया खेल

दूसरी तरफ, भावेश अपने प्लान को अंजाम देने के लिए तैयार था।

उसने करण से कहा, "तुम्हें बस सिया को अपने साथ लाना है, बाकी मैं संभाल लूंगा।"

करण ने हामी भरी, "पर तुम करने क्या वाले हो?"

भावेश ने कुटिल हंसी हंसी, "जो आदित्य ने कभी सोचा भी नहीं होगा।"

करण थोड़ा घबराया, "मुझे कुछ गलत नहीं करना…"

भावेश ने उसे रोक दिया, "तुम्हें कुछ नहीं करना, बस सिया को अपने पास लाना है!"

करण अब अधर में था।

क्या वो वाकई सही कर रहा था?


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आदित्य का प्लान

सुबह होते ही आदित्य ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज निकाल लिए।

उसके पास अब सबूत थे कि करण और भावेश साथ में थे।

वो तेजी से सिया के पास गया, "सिया, ये देखो।"

सिया ने स्क्रीन पर करण और भावेश को एक साथ देखा।

"तो तुम सच कह रहे थे… करण और भावेश मिले हुए हैं?"

"हाँ सिया। और अगर तुम आज उससे मिलने गई, तो वो तुम्हें हमेशा के लिए मुझसे छीन लेगा।"

सिया के आँखों में आँसू आ गए।

"मैं करण को आखिरी बार मिलकर खुद बताऊँगी कि अब हमारे बीच कुछ नहीं बचा।"

आदित्य ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन सिया ने कहा, "अब ये लड़ाई मेरी भी है।"


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करण और सिया की आखिरी मुलाकात

सिया करण से मिलने पहुँची।

"तुम आई…" करण मुस्कुराया।

"हाँ, लेकिन ये बताने कि अब हमारे बीच सब खत्म हो चुका है।"

करण के चेहरे का रंग उड़ गया, "सिया, प्लीज़ ऐसा मत कहो। मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूँ।"

"झूठ! अगर तुम मुझसे प्यार करते, तो भावेश जैसे इंसान के साथ मिलकर साजिश नहीं रचते!"

करण झुक गया, "मैं सिर्फ तुम्हें वापस पाना चाहता था।"

सिया ने उसकी आँखों में देखा, "पर अब बहुत देर हो चुकी है।"

करण के अंदर एक तूफान उठ रहा था।

और तभी…

भावेश वहाँ आ गया!


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भावेश का धोखा!

भावेश ने पीछे से करण पर बंदूक तान दी!

करण चौंक गया, "भावेश, ये क्या कर रहे हो?"

भावेश हंस पड़ा, "तुम बेवकूफ हो करण, मैंने तुम्हें सिर्फ इस्तेमाल किया है!"

सिया डर गई, "तुम्हारा असली मकसद क्या है?"

भावेश ने कहा, "मेरा असली मकसद आदित्य को खत्म करना था, लेकिन अब करण भी मेरे रास्ते में आ रहा है!"

करण को अब समझ आया कि वो किस जाल में फंस चुका है।

"मैंने तुम पर भरोसा किया था, भावेश!"

"गलती की थी, करण!"

भावेश ने ट्रिगर दबाने ही वाला था कि…

"रुक जाओ!"

आदित्य वहाँ आ गया था।


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अब क्या होगा?

क्या आदित्य भावेश को रोक पाएगा?

क्या करण को अपनी गलती का एहसास होगा?

क्या सिया और आदित्य आखिरकार एक हो पाएँगे?


अगले एपिसोड में होगा इस कहानी का सबसे बड़ा ट्विस्ट!