TOOTE HUE DILON KA ASHPATAAL - 43 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 43

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 43

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 43 

पिछले एपिसोड में:

सिया करण से मिली, लेकिन उसे अभी भी विश्वास नहीं था।

आदित्य और करण के बीच टकराव हुआ।

भावेश की रहस्यमयी एंट्री ने कहानी को नया मोड़ दिया।


अब आगे…


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भावेश की चाल

अस्पताल के गलियारों में अजीब-सी बेचैनी थी।

भावेश की अचानक एंट्री ने सबको चौंका दिया था, लेकिन आदित्य के लिए यह किसी तूफान के आने जैसा था।

आदित्य जब भी भावेश को देखता, उसका पुराना दर्द फिर से जाग उठता।

रात के करीब 11 बज रहे थे। आदित्य अपने केबिन में बैठा मरीजों की रिपोर्ट्स देख रहा था, लेकिन दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल घूम रहा था—"भावेश यहां क्यों आया?"

तभी केबिन का दरवाजा खुला।

भावेश अंदर आया और सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया।

"क्या तुम मुझसे कुछ कहना चाहते हो?" आदित्य ने सख्त लहजे में पूछा।

भावेश हल्के से मुस्कुराया, "तुम्हारे सवालों के जवाब देने का सही वक्त अभी नहीं आया है, दोस्त!"

"मैं तुम्हारा कोई दोस्त नहीं हूँ," आदित्य ने गुस्से से कहा।

"अच्छा?" भावेश ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा, "तो फिर तुम मुझे क्यों रोक रहे हो? मैं एक मरीज हूँ और इस अस्पताल में इलाज करवाने आया हूँ।"

"झूठ!" आदित्य अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ, "तुम किसी मकसद से आए हो, और मैं सच का पता लगा कर रहूँगा!"

भावेश ने कुटिल हंसी हंसी, "कर लो कोशिश, लेकिन जब तक तुम सच्चाई जानोगे, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।"

आदित्य ने उसकी आँखों में देखा, और उसे एहसास हो गया कि यह लड़ाई आसान नहीं होने वाली थी।


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सिया का फैसला

सिया अपने कमरे में बैठी थी।

उसके हाथ में करण की दी हुई डायरी थी, जिसमें उसने अपनी पुरानी यादें संजोकर रखी थीं।

"क्या मैं करण को फिर से एक मौका दूँ?"

उसके अंदर भावनाओं का तूफान चल रहा था।

तभी दरवाजा खुला और अंदर आयशा आई।

"क्या हुआ सिया? तुम इतनी परेशान क्यों हो?"

सिया ने गहरी सांस ली, "आयशा, मुझे नहीं समझ आ रहा कि मैं क्या करूँ। करण फिर से मेरे पास आना चाहता है, लेकिन आदित्य ने हमेशा मेरे साथ खड़ा होकर मुझे सहारा दिया है।"

आयशा ने सिया का हाथ थाम लिया, "तुम्हें अपने दिल की सुननी चाहिए, सिया। प्यार कोई समझौता नहीं होता, बल्कि एक एहसास होता है।"

सिया चुप रही।

करण ने उससे कहा था कि अगर वो चाहे, तो कुछ दिनों के लिए उसके साथ रह सकती है।

"क्या यह सही होगा?"

उसका दिल कह रहा था कि करण झूठ बोल रहा है, लेकिन दिमाग बार-बार उसकी पुरानी यादें ताजा कर रहा था।

क्या सिया करण के साथ जाएगी?


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करण और भावेश की साजिश

उधर, करण और भावेश एक गुप्त जगह पर मिले।

"सब कुछ प्लान के मुताबिक हो रहा है," भावेश ने कहा।

करण ने गहरी सांस ली, "सिया को मेरे पास आना ही होगा, और अगर वो नहीं आई, तो मैं उसे मजबूर कर दूँगा।"

भावेश ने आँखें घुमाईं, "मजबूर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, करण। मैं सब कुछ संभाल लूंगा।"

करण ने संदेह भरी नजरों से देखा, "तुम्हारा प्लान क्या है?"

भावेश मुस्कुराया, "बस थोड़ा इंतजार करो, जल्द ही आदित्य सबकुछ खो देगा!"

करण को भी भावेश पर पूरा भरोसा नहीं था, लेकिन फिलहाल, उनका लक्ष्य एक ही था—आदित्य को सिया की जिंदगी से दूर करना।


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आदित्य को सच्चाई का आभास

आदित्य अस्पताल के सीसीटीवी कंट्रोल रूम में बैठा था।

वो भावेश की हर हरकत पर नजर रख रहा था।

तभी एक फुटेज में कुछ अजीब नजर आया।

भावेश करण से मिल रहा था!

आदित्य के चेहरे का रंग उड़ गया।

"तो ये दोनों मिले हुए हैं!"

उसे अब सब समझ आ चुका था।

"करण सिर्फ सिया को फँसाना चाहता है और भावेश इस खेल का मास्टरमाइंड है!"

अब आदित्य को जल्द से जल्द सिया को सच्चाई बतानी थी, लेकिन क्या सिया उस पर यकीन करेगी?


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आगे क्या होगा?

क्या सिया करण के साथ जाने का फैसला करेगी?

क्या आदित्य समय रहते करण और भावेश की साजिश रोक पाएगा?

क्या भावेश का कोई और बड़ा प्लान है?


जानने के लिए पढ़ें अगला एपिसोड!