टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 42
पिछले एपिसोड में:
सिया को आखिरकार पता चला कि उसके पापा ने करण को उससे दूर करने की साजिश रची थी।
अब सिया गुस्से और दर्द से भरी हुई थी।
आदित्य को डर था कि कहीं करण इस मौके का फायदा न उठा ले।
अब आगे…
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सिया का फैसला
रात के 11 बजे थे।
सिया बालकनी में खड़ी थी, हवा में ठंडक थी, लेकिन उसके अंदर एक तूफान था।
उसने अपने फोन में करण का नंबर डायल किया।
"करण…"
"हाँ सिया?"
"मुझे तुमसे मिलना है, अभी।"
करण एक पल के लिए चौंका, लेकिन फिर मुस्कुरा दिया।
"ठीक है, मैं अभी आता हूँ।"
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आदित्य की बेचैनी
आदित्य अस्पताल में था जब उसे एक नर्स से पता चला कि सिया आधी रात को कहीं चली गई है।
"इतनी रात को? कहाँ?"
आदित्य का दिल जोर से धड़कने लगा।
उसने तुरंत सिया को फोन लगाया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया।
"ज़रूर करण से मिलने गई होगी…"
आदित्य ने गहरी सांस ली।
"अब सिया को संभालना बहुत जरूरी हो गया है, इससे पहले कि वो कोई बड़ा फैसला कर ले।"
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करण और सिया की मुलाकात
करण और सिया एक पार्क में मिले।
सिया के चेहरे पर दर्द साफ झलक रहा था।
"मैं बहुत थक गई हूँ, करण…"
करण ने सिया का हाथ पकड़ा।
"सिया, मैं जानता हूँ कि तुम्हारे पापा ने तुम्हें मुझसे दूर किया, लेकिन अब जब सच सामने आ गया है, तो क्या तुम मुझ पर भरोसा कर सकती हो?"
सिया ने उसकी आँखों में देखा।
"पता नहीं, करण।"
करण ने हल्की मुस्कान दी।
"कोई बात नहीं, मैं तुम्हें वक्त दूँगा। लेकिन एक बात याद रखना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।"
सिया ने सिर झुका लिया।
"मुझे सोचना होगा…"
करण ने उसके हाथ को हल्के से दबाया।
"जो भी फैसला लो, दिल से लेना।"
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आदित्य का सामना करण से
अगले दिन आदित्य सीधे करण के पास पहुँचा।
"तुम सिया से दूर क्यों नहीं रह सकते?"
करण मुस्कुराया।
"क्यों? तुम्हें डर लग रहा है कि सिया फिर से मुझसे प्यार करने लगेगी?"
आदित्य गुस्से से बोला, "मुझे तुम्हारे इरादों पर शक है, करण। तुम सिया की भावनाओं का फायदा उठा रहे हो।"
करण ने कंधे उचका दिए।
"मुझे कुछ नहीं करना पड़ा, आदित्य। सिया खुद मेरे पास आई थी।"
आदित्य के चेहरे पर चिंता के बादल छा गए।
"मैं सिया को इस जाल में फँसने नहीं दूँगा।"
करण ने ठंडी हंसी हंसी।
"तुम चाहो या न चाहो, लेकिन सिया अपने फैसले खुद लेगी। और अगर उसका फैसला मैं हुआ, तो तुम कुछ नहीं कर पाओगे।"
आदित्य ने गहरी सांस ली।
"मैं सिया को तकलीफ में नहीं देख सकता, और अगर तुमने उसे चोट पहुँचाई, तो मैं तुम्हें छोड़ूँगा नहीं।"
करण ने मुस्कुराते हुए कहा, "देखते हैं, किसकी जीत होती है।"
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भावेश की वापसी – नया ट्विस्ट
इसी बीच, अस्पताल में एक नया मरीज भर्ती हुआ – भावेश!
आदित्य उसे देखते ही चौक गया।
"तुम यहाँ क्या कर रहे हो?"
भावेश ने मुस्कुराते हुए कहा,
"इतने साल बाद भी वही गुस्सा, आदित्य?"
भावेश और आदित्य कभी बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन एक हादसे ने उन्हें एक-दूसरे का दुश्मन बना दिया था।
अब भावेश यहाँ था… क्या वो बदला लेने आया था?
"इस अस्पताल में कई टूटी हुई कहानियाँ हैं, आदित्य। अब मेरी कहानी भी यहाँ शुरू होगी।"
आदित्य की आँखों में शक और गुस्सा था।
"अगर तुमने कोई चाल चली, तो मैं तुम्हें बर्दाश्त नहीं करूँगा।"
भावेश मुस्कुराया, "अब कहानी और दिलचस्प होगी।"
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आगे क्या होगा?
क्या सिया करण को दूसरा मौका देगी?
भावेश की असली मंशा क्या है?
क्या आदित्य सिया को इस मुश्किल से बचा पाएगा?
जानने के लिए पढ़ें अगला एपिसोड!