Ek Musafir Ek Hasina - 13 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 13

Featured Books
Categories
Share

एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 13

13

मर्डर

 

अनुज अभी  पुलिस  स्टेशन जाने के  रास्ते  में  ही था  कि  तभी यश का फ़ोन आ गया,  “सर रीना जयपुर के लिए लिए  निकल चुकी  हैl”  “एक काम करो,  उसे वहीं से लेकर आओ,  सर हमें वापिस आते-आते सुबह  हो जाएगीl “ यह सुनकर  अनुज  ने गाड़ी  वापिस  घर की तरफ घुमा  लीं और अपने घर की तरफ जाते हुए उसने अश्विन  को भी कॉल  करकर  यह खबर  पहुँचा  दी,  यह सुनकर वह बोला कि “वह उसके घर कोमल से मिलने आ रहा है l”  अब अनुज  ने अपनी  गाड़ी  एक ढाबे  के पास रोकी  तो उसे देखकर ढाबे  वाले ने सलाम किया और बड़े मान से पूछा,  “सर खायेगे  या ले जायेगे? “ “आज तो पैक कर दो?” “सर वहीं  रेगुलर या कुछ  नया?”  “नए  में   क्या है?”  “सर आज वैज में चापे और नॉनवैज में  लेमन  चिकन हैl”  अब अनुज को कोमल की मम्मी  का ध्यान  आया कि  वह  मासाहारी  नहीं खाती इसलिए  उसने दाल, सब्जी, रोटी और चापे  पैक  करवा लीl  जब उसने ढाबे  वाले  को पैसे  पकड़ायें  तो वह गर्व  से बोला,  “सर आपकी देखा-देखी और पुलिस वाले भी पैसे देने लग गए हैंl”  यह सुनकर अनुज मुस्कुराकर  वहाँ  से चल दियाl

 

 

अश्विन  हाथ में  ड्राईफ्रूट  का डिब्बा  लेकर पहुँचा  तो अनुज  ने कहा,  “तू कबसे यह फॉर्मेलिटी करने  लगाl” “अरे!!! यार कोमल  मेरी  भी  दोस्त है,  उसकी सेहत का ख़याल  रखना तो बनता  हैl” अब अश्विन सुनंदा  से मिला तो पुरानी  दोस्ती  होने की वजह से वह भी उससे प्यार से मिली,  फिर उसका  और उसके घरवालों  का हलचाल  पूछने  लगीl  “आंटी डैड तो रिटायर होने के बाद मम्मी को लेकर शिमला ही बस गए हैl”  “अच्छा किया इस शहर की धूल-मिट्टी  में  क्या रखा  हैl “ अब वह  कोमल  से मिला जो अपनी  माँ  की हाथ  की बनी  खिचड़ी खा  रही हैl कुछ  देर उसके पास बैठने  के बाद, सुनंदा  ने डिनर  डाइनिंग  टेबल  पर लगा दियाl  डिनर  टेबल  पर भी वे  तीनों  इधर -उधर  की बात  करते रहें और फिर जब डिनर  के बाद, अनुज  और अश्विन  बॉलकनी  में  खड़े  ड्रिंक  कर रहें थे  तो सुनंदा ने टोकते  हुए कहा,  “अनुज  मुझे तुमसे कुछ बात करनी है,”  अनुज अश्विन की तरफ देखने लगा तो उन्होंने कहा, “अश्विन, कौन सा पराया  है, वह भी हमें ज्वाइन कर सकता हैl”  सुनंदा के गंभीर चेहरे को देखकर दोनों ड्रिंक का गिलास  बॉलकनी के एक कोने में रखकर ड्राइंग रूम में आ गयेl  जहाँ सुनंदा  जी ने पहले  से ही अश्विन  का लाया  ड्राईफ्रूट  का डिब्बा  खोलकर  रखा  हुआ थाl  अश्विन  ने काजू  के दो-तीन दाने   उठाए  तो वही  अनुज सुनंदा  जी से पूछने  लगा, 

 

“आंटी कोई सीरियस  बात है, क्या??”

 

“तुमने मेरी बेटी का क्या हाल  बना  रखा  है?”

 

“जी मैं  कुछ  समझा नहीं!!!”

 

“तुम इतने नासमझ तो नहीं लगते,  तुम्हें दिखाई नहीं देता कि तुम्हारे होते हुए भी कोमल कितना अकेला मह्सूस  करती है और उस पर से यह पथरी की सर्जरीl” 

 

“पर आंटी!!  जितना मुझसे  होता है,  मैं कोमल को हमेशा  टाइम देता  हूँl”  अनुज ने सफाई दी पर सुनंदा  अभी भी चुप होने के मूड़ में नहीं हैl 

 

“क्या  टाइम? कितने रातें मेरी बच्ची ने मुझसे बात करकर गुज़ारी  हैl  इस डेढ़  साल की शादी  में  तुम उसे हनीमून  के अलावा कहीं और लेकर भी गए होl  तुम्हें पता भी है कि वह कितने दिन बिना खाये-पिए या बाजार  का खाना  गुज़ार  देती थी,  क्योंकि उसका पति  घर नहीं आता  था तो वह  अकेली खा-पकाकर  क्या  करेंl “ सुनंदा  चिल्लाई  तो अश्विन  ने अनुज  के गंभीर  चेहरे  को देखाl

 

“आंटी हमारी लव मैरिज  है,  कोमल को शुरू से मेरी जॉब का पता थाl  अब अनुज की आवाज  भी तेज़  हो गईl” 

 

“मुझे कुछ नहीं पता तुम या तो जॉब देख लो या मेरी बेटी !!!!”

 

अब इससे पहले अनुज कुछ बोलता,  अश्विन  बोल  पड़ा,  “आंटी  आप अनुज को थोड़ा  टाइम  दीजिये, मुझे यकीन  है, वह सब  ठीक  कर देगाl”

 

“देखो !!! तुम्हारे दोस्त के पास छह  महीने हैl  अगर उसने अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी को सीरियसली नहीं लिया तो फिर..... तुम खुद  समझदार होl”  यह कहकर  वह अपार्टमेंट  में बने  दूसरे  बैडरूम  में  चली गईl  अश्विन  ने उसके कंधे  पर हाथ रखते हुए कहा,  “तू  परेशां मत हो, छह  महीने बहुत होते हैl” “यार मैं  तो यह सोच रहा हूँ कि  यह खुद  से बोल रही है या कोमल ने इन्हें  कुछ कहा हैl”  “तू अपनी  तरफ से कोमल  से कुछ मत कहना वो अभी इस हालत  में  नहीं है कि  यह प्रेशर  ले लें, हाँ अगर  वो खुद  कुछ कहे  तब सोचियोl”  अब अश्विन  उसे  कुछ  देर और ऐसे ही होंसला बँधाकर चला गया और सुनंदा के दिए  अल्टीमेटम  ने अनुज की नींद  ही उड़ा  दी हैl 

 

सुबह  करीब  दस बजे  रीना यश  और एक लेडीज  कांस्टेबल  के साथ गुस्से में  दनदनाती  हुई रीना दाखिल हुईl  “आप लोगों से किलर  पकड़ा  नहीं जा रहा तो आप हमारे  पीछे  पड़  गए हैl” अनुज  और अश्विन  ने रीना   की ऊँची  आवाज़  सुनकर  उसे तो कुछ  नहीं कहा पर यश को बोले, “मैडम  को ज़रा इंटेरोगेशन  रूम  में  लेकर आओl” यह सुनकर  लेडीज  कांस्टेबल  उसे  लेकर  उस रूम  में  पहुँच  गई और कुछ सेकण्ड्स  बाद,  वे दोनों  भी वहाँ  पहुँच  गएl

 

“जब तीन साल पहले आप अपने  बॉयफ्रेंड  पर जानलेवा हमला किया था तो आप कितने दिन जेल  में  रही थी??” अनुज की यह बात सुनकर रीना के होश उड़  गएl “ अब आपको कुछ दिखाते भी हैl” अब अनुज  ने अपना फ़ोन उसकी तरफ किया तो उसे एक गाड़ी अमन  का पीछा  करती नज़र  आई तो उसने सवालियां  नज़रों से दोनों  को देखा  तो अश्विन  ने जेब  से चिंगम निकाली और चिंगम  चबाते हुए रीना की तरफ देखने  लगा  और अनुज रीना की तरफ देखते हुए बोला, “चलिए  मैं शुरू करता हूँ, आपने अपने  बॉयफ्रेंड को इसलिए  मारा क्योंकि  वह आपसे टू-टाइमिंग  कर रहा था यानी  उसका अफेयर  थाl जब उसने आपके खिलाफ  कंप्लेंट  की तो आप दो दिन के लिए पुलिस  कस्टडी   में  रहीl बाद में  रितेश  ने केस वापिस ले लिया  क्योंकि   आपने  उसकी दूसरी  गर्लफ्रेंड  को जान  से मारने की धमकी  दी थीl  उसके बाद, आपके पेरेंट्स  ने आपके  एंगर इशू को ओवरकम के लिए आपको रिहैब भेजाl” अब  रीना का चेहरा  बिल्कुल  पीला पड़ चुका  है पर रीना ने हार नहीं मानी,  “इससे क्या साबित होता है?”  “यहीं कि अमन ने भी किसी अफेयर के चलते शुभांगी के साथ शादी तोड़ी और यहाँ तक कि उसे  प्रेग्नेट भी कर दिया और इसी बात से नाराज़ होकर आप उस मर्डर  वाली रात उसकी गाड़ी  में  छिपी और फिर आपने मौका देखकर उसका क़त्ल  कर दियाl अनुज के मुँह से यह सुनकर  रीना का  गला  सूखने  लगा, उसे समझ नहीं  आया कि  वह अब क्या  कहेंl