Ek Musafir Ek Hasina-9 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 9

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 9

9

कोई था 

 

माया   ने आश्चर्य  से देखते हुए कहा,  “अश्विन  यह क्या तमीज है!!” “पहले तुम यह बताओ  कि  तुम मेरा पीछा  क्यों कर रही थीं? “ “मैं??” अब उसने अश्विन  ख़ुद से पीछे धकेलते  हुए  कहा,  “तुम्हारा  दिमाग  ठीक है, माया  सिंघल  के अभी इतने बुरे  दिन नहीं आए  कि  उसे किसी  का पीछा  करना पड़े, समझे!!”  “जो औरत  मेरा पीछा  कर  रही थी उसके आँखें  नीली  और पैर  की ऐड़ी  में  टैटू  है I” “ तो??  किसी  की भी आँखें नीली  हो सकती है और किसी  के पैर पर  भी टैटू हो सकता है I” “ बकवास  बंद  करो,  माया, तुम कांटेक्ट  लेंस  भी तो पहनती  हो I” “ हाँ  पहनती  हूँ, क्योंकि  मुझे अच्छा  लगता है I” “देखो !! माया  सीधे  तरह से बता दो कि  तुम्हारे  मन में  क्या चल रहा  है I मैं बात  को यही खत्म कर दूंगा, “ अब अश्विन  की आवाज़  में  नरमी है I “तू फिर सुनो!! यही कि  तुम पुलिस  वालों  की ना  दोस्ती अच्छी  है और ना  ही दुश्मनी  I मैंने तुम्हें  अपने बिस्तर  पर  सवार  क्या कर लिया तुम तो मेरे सिर  पर सवार  हो गए,  अभी  के अभी  निकलो  यहाँ  से,  वरना  मैं  अपने  वकील  को बुला  लूँगी I “ माया  की आँखे  आग उगल  रही है I  अश्विन  ने  भी रोष  भरी  नज़र  उस पर डाली  और उसके कमरे  से निकल गया I

 

अगली सुबह  जब वह  पुलिस स्टेशन  पहुँचा  तो उसका  मूड़  पहले से ही उखड़ा  हुआ था, उसने सुनील को  कड़वी  कॉफी  पिलाने के लिए इतनी बुरी  तरह  डाटा  की वह भी  सहम  गया I उसका ऐसा  रैवैया  देखकर अमन  पूछने लगा,  “किसका  गुस्सा उतार  रहा है I” अब उसने माया  से हुई  अपनी  कल  की  मुलाकातके बारे में  बता दिया I “यार माया सिंघल बहुत टेढ़ी  चीज़ है, तुझे  क्या लगा कि  तू उसे धमकाएगा  और वो बड़े आराम से सच उगल  देगी, हमें  अभी यह भी नहीं पता कि  उसके पास  सच उगलने को कुछ है भी या नहीं I” अनुज  की बात सुनकर अश्विन  चुप  जो गया I एक लम्बी  गहरी  सांस  लेने के बाद  उसने पूछा, “कोमल  कैसी  है?” पहले  से बेहतर  है, एक दो दिन में  डिस्टार्च  मिल जायेगा I” “अच्छा  उस किलर  वाले केस में  एक लीड मिली है I”  “क्या?” अश्विन  ने उसे सवालियां  नज़रों से देखा  तो अनुज ने बोलना  शुरू किया,

 

“पैराडाइस  क्लब के बाहर  का कैमरा  खराब  था पर जो रोड  उसके आगे जा रही थी  उसकी फुटेज  से पता चला है कि  कोई अमन  का पीछा  कर रहा था I” “अच्छा  हाँ, उस माया  ने बताया  था कि  अमन  ने सुनसान सड़क पर उसके साथ मज़े  लेने के लिए गाड़ी  रोकी  थी, सरायकाले खान  के साथ कोई गली जाती है, वहाँ पर I” अश्विन  ने पानी  का घूँट  पीते  हुए बताया I “बड़ी  जल्दी  याद  आ गया, मैडम  कोI” 

 

“अश्विन  मेरी  थ्योरी  कहती  है  या  तो किलर  पैराडाइस  क्लब से उसकी गाड़ी  में  छुपा   होगा  और फिर  जब अमन माया  को छोड़ने  बाहर  निकला तो वह डिक्की  से उसके पीछे  वाली  सीट  पर आया और उसकी सोसाइटी के बाहर  उसका मर्डर  कर दिया  या फिर पहले  उसने उसका पीछा  किया और जब अमन और माया  गाड़ी  से निकले  तो वह  पीछे  वाली सीट  पर छुपा  और  फिर सोसाइटी  के बाहर  पहुँचकर  मर्डर  कर दिया I यानी  दोनों ही सूरतों  में  माया  के अपार्टमेंट  के  बाहर  से वो दाखिल  हुआ!!!” अनुज ने अश्विन  की तरफ देखते हुए  कहा I “यार  तेरी थ्योरी  गलत नहीं है पर यह भी हो सकता है कि  वह क्लब पैराडाइस से ना  छुपकर  उस गली से उसकी गाड़ी में घुसा हो क्योंकि  मुझे नहीं लगता कि उस गली में  भी कोई सीसीटीवी  होंगे I” अश्विन  पेपरवेट  घुमाते  हुए  बोलाI  “खैर!! मैंने यश को कहा है कि  वह पीछा  करने वाली गाड़ी  पर कोई अपडेट लाए और अब मैं सराय काले खान वाला फुटेज भी मँगवा  लेता हूँI”  और वो सिक्योरिटी  गार्ड,  माया  की सोसाइटी  वाला? अश्विन ने अमन से सवाल किया I  “वह अपने बाप की तेरहवी पर गॉंव  गया है, पवन  को भेजा  है, मैंने उससे पूछताझ करने  के लिए II” अभी  वह बात कर हो रहें होते है कि  “यश आकर  बताता है कि सर वह पीली सेंट्रो किसी  शिवाकांत  ठाकुर  की है  और थोड़ी  देर  में  वह स्टेशन पहुँचने  वाला  है I”  “कहीं अमन  या उसके पापा का कोई दुश्मन तो नहीं ???” “रिकॉर्ड  तो दोनों-बाप बेटे का साफ  ही है I “ अमन ने अश्विन की बात का जवाब दिया I   

 

पवन  माया  की सोसाइटी के  सिक्योरिटी  गार्ड  मनोहर के पास पहुँच  गया तो उसने पवन को बड़े  आदर  के साथ  बिठाते हुए कहा,  “सर आप क्यों  इस गरीब के गॉंव  आ गए, मैं तो खुद  ही आ जाता I”  “हमारे पास ज्यादा  टाइम नहीं है I  समझे !!! अच्छा  यह तो पता होगा ना  कि अमन  मेहरा  का मर्डर  हो गया  है?” “वही अमन  न जिसका माया  मैम  के साथ चक्कर  था?” “ हाँ  वही?” “ हाँ सर सुना तो था I”  उसने  सोचते  हुए जवाब दिया I  “अब बता, उस रात सोसाइटी  के बाहर किसी को देखा था? “ अब मनोहर  के सामने  उस दिन का दृश्य  आ गया, जब अमन  और माया गाड़ी  से बाहर निकलकर एक दूसरे  को चूमते  हुए एक दूसरे  से विदा  ले रहें हैं और तभी मनोहर  को एक व्यक्ति  दिखाई दिया जो  झुकते हुए अमन  की गाड़ी का   गेट  खोलकर पीछे  वाली सीट  में दाखिल  हुआI  इससे पहले  वो अमन  को कुछ कहता , वह जल्दी  से वहाँ  से गाड़ी  लेकर  निकल गया I  “मैं तुझसे कुछ पूछ रहा हूँ मनोहर? “ पवन की आवाज  सुनकर वह  वापिस  वर्तमान  में  आया,  “हाँ  साहब  किसी  को देखा था बैठते हुए पर उसका चेहरा पूरी  तरह से ढका  हुआ था और उसने काले रंग का बड़ा सा कुरता पहना था और  कुरता इतना लम्बा था कि नीचे जीन्स है या पजामा यह भी दिखाई नहीं दिया और झुका  होने के कारण वह  ठीक से दिखाई भी नहीं दे रहा था I “  “उसकी हाइट,  कुछ  शरीर  की बनावट,  कुछ तो देखा होगा?”  सर, दिखने में पतला-दुबला लग रहा था  I”  मनोहर ने सोचते  हुए कहा I  “तुमने माया को नहीं बताया? “ “सर सुबह  बताया  था पर उन्होंने यह कहकर  बात टाल  दी कि मैं  पीकर  कुछ भी कहता हूँ  I”  “लेकिन साहब मैं उस दिन पिया  हुआ नहीं था I”  यह कहकर उसने मुँह बना लिया I  “ठीक है, दिल्ली आकर  पुलिस  में  अपना  बयान  दे जाइयो  I”

 

  मनोहर ने भी हाँ  में  सिर दिला दिया I  पवन ने मनोहर से हुई  बातचीत  फ़ोन पर अनुज  को बताई  तो वह बोला, “अश्विन यह बात तो पक्की हो गई किलर माया की सोसाइटी के बाहर से अमन की गाड़ी की पीछे वाली सीट पर बैठा था I “ अब अश्विन पुलिस स्टेशन से यह कहते हुए जाने लगा,  “इस मोहमाया  का जाल  कुतरने  के लिए शायद  एक आदमी हमारी  मदद  कर सकता है I”