Ek Musafir Ek Hasina-7 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 7

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 7

7

नजर

 

अनुज  कोमल को लेकर हॉस्पिटल  पहुँचा तो डॉक्टर  ने  उसे  कोमल  को एडमिट  करने की सलाह  दीI उसने भी बिना देर किए कोमल  को एडमिट  करवा दिया और अब कोमल  के वार्ड  के पास बैठकर डॉक्टर  के  बाहर  निकलने  का इंतज़ार  करने लगाI वह वार्ड के बाहर  बैठा यश से ही फ़ोन पर अपडेट   ले रहा हैI  “यश पैराडाइस क्लब में  कुछ  पता लगा? “सर क्लब वालों ने भी वहीँ कहा जो उसके दोस्त  बता रहें  थें  कि  अमन यहाँ पर तीन घंटे बिताकर माया  के साथ निकल गयाI “ बाकी हमने क्लब  के अंदर  की फुटेज  चैक की है कुछ खास  तो नहीं लग रहा,  मगर फिर भी मैं उसे आपको सेंड कर रहा हूँI” यश मुझे सी.पी और उसके आगे की भी फुटेज चाहिए क्योंकि उसी रास्ते से अमन माया को छोड़ने जा सकता है I”  अनुज अब यश से बात  करकर  हटा तो डॉक्टर  भी उससे बात करने आ गएI “ मिस्टर अनुज  आपकी वाइफ  का हम आधे  घंटे  बाद ऑपरेशन शुरू  कर देंगेI” “डॉक्टर  कोई खतरे वाली बात तो नहीं है न?”  “नहीं, बस पथरी पेट  से काफ़ी  नीचे आ गई  है जो बिना सर्जरी  के नहीं निकलेगी, अभि आप कुछ पेपर  पर साइन  कर देंI” यह सुनकर  अनुज  रिसेप्शन पर चली  गया और वहां  बैठी  मैडम  ने जो पेपर  दिए  उसे साइन  करने लगाI

 

अभी  वह पेपर  पर साइन  ही कर रहा  है कि  उसकी नज़र  दो जाने-पहचाने  चेहरे  पर पड़ती  है, वह दोनों  चेहरे  भी उसे यहाँ  देखकर थोड़ा  सकपका  जाते हैंI  “मिस शुभांगी  आप यहाँ, सब ठीक है?” “ जी रूटीन  चेकअप  के लिए आई   थीI” “ओह ! अब उसकी नज़र  रीना  पर गई  तो हमेशा  की तरह उसके चेहरे  पर गुस्से  की झलक  हैI  अब वे दोनों  बाहर  निकल आई  तो शुभांगी   ने पूछा,  “यह क्या कर रहा था?” “मुझे क्या पता?”  “किसी  और हॉस्पिटल में  बात  करें? “ “नहीं यार !! बड़ी  मुश्किल से तो यह डॉक्टर  सेट  हुई  हैI”  “डोंट  वॉरी इसे  कुछ पता नहीं चलेगाI” रीना ने उसे बड़े  विश्वास  के साथ ज़वाब  दियाI

 

 

अश्विन  कबाड़ी  की दुकान  पर पहुंचा तो वह किसी स्कूटर  का मोलभाव  कर रहा थाI अश्विन को देखकर वह थोड़ा  ठिठका, मगर फिर सामान्य  होते हुए अपने  ग्राहक  से निपटकर  उसके पास पहुँच  गयाI “जी सर क्या बेचना  है?” अश्विन  ने आखों  में  लगे  अपने शेड्स  हटाते  हुए कहा,  “मैंने  सुना  है तुझे भूलने  की बीमारी  हैI” “नहीं साहब, मुझे तो सब याद रहता  हैI”  अब अश्विन  ने अपने  फ़ोन से नंबर  प्लेट  की  फोटो  निकाली और उसे दिखाते हुए पूछने लगा,  “अच्छा  यह बता, यह किसने खरीदी  थी?” साहब  वो बहुत  टाइम हो गया इसीलिए  यह बात याद नहीं  हैI” यह कहकर  वह जाने को हुआ तो उसने उसका कॉलर  पकड़  लिया, “ साहब  मेरी भी कोई इज़्ज़त  है, मैं  पुलिस  को बुला लूँगाI”  सुन! कबाड़ी  तेरा  गला   पुलिस  ने ही पकड़ा  हैI”  “क्या बकवास कर रहे हो?”  अब उसने कबाड़ी  को छोड़ा  और जेब  से अपना  आईडी  कार्ड  दिखाया तो वह झेंपते  हुए बोला, “ साहब  सच में  याद नहीं हैI “ अब अश्विन  ने उसे  धमकाते हुए कहा, “तेरी इस दुकान पर चोरी  की गाड़ियाँ  भी आती है इसलिए  सोच रहा हूँ कि  तुझे चोर  बनाकर  जेल  में  डाल दूँ I”  “साहब  ऐसा  मत करना मुझे सिर्फ गाड़ी  से मतलब होता है, चोरी  या चोर  से नहींI”  “तू फिर अब सच बता,” “सर एक औरत  आई थीI  “शाबाश  बोलता जा, “ कोई पुरानी  नंबर प्लेट  माँगी  और किसी  को कुछ  न बताने  की मुँह  माँगी  कीमत  दीI “ “कितनी?” “सर वो.......”  अश्विन  ने घूराI  “पाँच  लाख”  वह  झिझकते  हुए बोलाI  अब उसने उसे फ़ोन पर माया  की फोटो  दिखाई, “यह थी?” “ पता नहीं साहब  बुरका  पहना  हुआ थाI सिर्फ आँखे  दिख  रही थी और इन  मैडम की आँखे  बता रही है कि  यह नहीं थी और उनकी आँखें तो नीली थी और हाँ सर, उस औरत  के दाहिने  पैर  की ऐड़ी  के पास एक छोटा सा टैटू बना हुआ थाI “ नाम  क्या है, तेरा?” “ रमेश!!” “सुन रमेश जब कभी वो औरत  दोबारा  यहाँ  आये तो पुलिस  को कॉल  कर दियो और अगर  नहीं की तो कबाड़  बेचने  लायक  नहीं  छोड़ूँगा I” 

 

रात   को अश्विन  फूलों  का गुलदस्ता  लिए कोमल  से मिलने हॉस्पिटल आया  तो अपनी वार्ड के  बेड  पर पड़ी  कोमल  उसे देखकर मुस्करा  दी तो वह उसके साथ मज़ाक  करते हुए बोला, “ यार! कोमल  हॉस्पिटल   सिर्फ  गुडन्यूज़  के लिए आना  चाहिए, फालतू  चीज़ों  के लिए नहींI” “गुडन्यूज़  के लिए तुम्हारे दोस्त  के पास  टाइम कहा हैI”  उसने मुँह  बनाते  हुए कहाI “ तुम्हें  कहा तो है कि  यह केस  निपटने  दो, उसके बाद तुम्हें  कहीं  घुमाने  ले जाऊँगाI” उसने कोमल  को घूरते  हुए कहा तो अश्विन  उसकी बात  से   सहमति जताते  हुए बोला,  “यार!! अगर  यह सम्राट  का केस  न होता तो मैं तुझे फ्री  कर देताI” “अरे !! नहीं यार इस किलर  को पकड़ना मेरी लिए बहुत ज़रूरी हैI अब कोमल  को आराम  करने का कहकर अनुज अश्विन के साथ वार्ड से निकलकर  हॉस्पिटल  के कैफेटेरिया  में डिनर  करने चला  गयाI

 

अश्विन  ने खाना  खाते  हुए उसे कबाड़ी  की बात बताई  तो अनुज ने पूछा,  “तुझे कैसे पता चला कि  वह  झूठ  बोल रहा थाI”  “जो कबाड़ी  चोरी  का सामान  बेचते है, उन्हें  सब याद रहता  है,  उसने  यश  को टालने  के लिए कहा था पर मुझे नहीं टाल  सका I”  “इसका मतलब उसकी दुकान पर चोरी की गाड़ियां आती हैI” “हम्म ! अच्छा कल तू ड्यूटी  पर आएगा ? “ “हाँ यार कल सुबह  कोमल  की मम्मी  आ जाएगीI”  अब उसने शुभांगी  और रीना  के बारे में  बताते हुए कहा, “यह रीना कोई गड़बड़  की चीज़  मालूम  होती हैI “ “उसकी फाइल  निकाली?” “ काम  पर लगा रखा हैI”  अनुज ने  मुँह में  चावल  का चमच्च  डालते हुए ज़वाब  दियाI

 

 

डिनर  के बाद, अश्विन  के फ़ोन पर एक मैसेज आया और वह उस मैसेज  को फोलो  करता हुआ होटल  शेग्रिला  पहुँच  गयाI लिफ्ट  से दसवे  फ्लोर  पर बने  एक क्लब  में  घुसने के बाद वह एक  टेबल की ओर  बढ़ा जहाँ  पर कोई उसका इंतज़ार  कर रहा  हैI टेबल के नज़दीक  आते ही माया  ने उसे  मुस्कुरा कर देखा और फिर उसके गालों  पर किस  करते हुए  बोली,  “मुझे लगा तुम आओंगे  ही नहींI “ “क्यों ऐसा  क्यों लगा?”  उसने कुर्सी पर बैठते  हुए पूछा I “तुम मेरे फ़ोन और  मैसेज  का जवाब  ही नहीं दे रहें  थेंI”  “मेरे ऊपर काम  का बहुत प्रेशर  हैI” उसने ड्रिंक  पीते  हुए जवाब  दियाI “तुम कहो तो मैं तुम्हारा  बोझ हल्का  कर दोI” यह कहते हुए  माया  की आँखे  काफी  इंटेंस  हो गई तो अश्विन  उसका ईशारा समझ  गयाI  “हाँ  वैसे डिनर  तो मैं करकर  आया हूँ, “ “मैं  भी डिजर्ट  खाने  के मूड़  में  हूँI “ माया की बात सुनकर  अश्विन  के चेहरे  पर मुस्कान  आ गई पर तभी अपने से दो टेबल छोड़कर, टेबल नंबर 11 पर   बैठे  शख़्स  को देखकर  माया  के चेहरे  का  रंग  फीका  पड़  गयाI