Ek Musafir Ek Hasina-4 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 4

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 4

4

मोहमाया

 

अनुज प्रोजेक्टर की तरफ देख रहा है और अश्विन  ने जैसे  ही लैपटॉप  के एक बटन  पर क्लिक  किया, उसे स्क्रीन पर एक फोटो नज़र  आने लगी,  “इससे मिल यह सम्राट  बलराज शेख़ावत, बलराज  शिखावत  इसका बाप  था,  इस माफिया ग्रुप  की नींव  इसके बाप  ने ही रखी  और फिर इस सम्राट  ने भी सत्रह  साल की उम्र में अपने बाप की गैंग  ज्वाइन कर ली, इसके बाप ने चोरी  से शुरुआत  की थी और आज इनका धंधा किडनैपिंग,  मर्डर,  जुआँ  और यहाँ तक कि स्मगलिंग  तक पहुँच  चुका  हैं और अब तो इनका यह बिज़नेस विदेशों में भी फैल चुका  है, करीब दस पहले ये लोग इंडिया  छोड़कर लंदन  में  जाकर  बस गए थें। पाँच  साल पहले इसके बाप की हार्ट अटैक   से  मौत हो गई  थी।“ “यार यह तो काफी  यंग लगता है? “ “यस, सम्राट  शिखावत  33  साल है।“ अश्विन ने अनुज की बात ज़वाब  दिया।  “पर यह वापिस  इंडिया  क्या करने आया है?” “ पता नहीं,  बस मुझे कहा गया है कि  सम्राट  को ज़िंदा  पकड़ो ।“ “पर क्यों? हमारी  सरकार इसे ज़िंदा क्यों देखना  चाहती  है?” “ क्योंकि  मेरे दोस्त  यह दस साल पहले इंडिया से 1000  करोड़  का सोना  के लेकर  फरार  हो गया था। तू सोच  अब सोने की कीमते कहाँ  पहुँच  चुकी  है। सरकार  को इस सोने की चिड़िया  से अपना सोना निकलवाना है,  इसके बाद इनकाउंटर  में  इसे  मार देंगे।“

 

 अश्विन  ने अब अनुज  के पास बैठते  हुए टेबल पर रखें  पानी के गिलास से पानी  का एक घूँट  गटका  तो एक बार फिर अनुज  ने अपनी  जिज्ञासा  शांत  हो करने के  लिए एक सवाल  पूछा, “क्या इन  दस सालों  में  इसने हमारा  कोई  नुकसान  किया है? “ “यार ये माफिया ग्रुप  बड़े  लेवल पर खेलते  है। पॉलिटिक्स, बड़े-बड़े बिज़नेस  मेन, अंडरवर्ल्ड  डॉन, बॉलीवुड इन  सबसे इनको मतलब होता है, इसे आम आदमी  से क्या लेना  देना, सरकार  का सोना  स्मगल  करकर इसने उसे अपने पीछे  लगा लिया है और इसके ग्रुप  ने कुछ पॉलिटिशियन और कुछ बिज़नेस मेन  का मर्डर किया हैं तो इसका मरना तो बनता है,  हाँ I, लेकिन दस साल  से  सम्राट  ने इंडिया  के किसी  भी अफेयर  में  डायरेक्टली  इंटरफेयर नहीं किया  पर इंडिरेक्टली  यह ज़रूर इन्वोल्व होगा।“

 

 

 

अश्विन की बात सुनकर अनुज  ने गहरी  सांस  छोड़ते  हुए कहा, “ तेरे पास कम  से कम  इसका चेहरा  तो है। हम तो अँधेरे  में  सुई  ढूंढ  रहें हैं।“ “यही  तो कहानी  में  ट्विस्ट  है,  अश्विन के चेहरे पर एक  कुटिल मुस्कान  आ जाती है।“ इससे पहले वह कुछ बताता, हवलदार सुनील आकर  कहता है, “सर वो अमन  की सोसाइटी का गार्ड  माधव आया  है ।“ “ठीक है, भेज दो ।“

 

जब माधव  उनके सामने हाज़िर  हुआ तो वह  डर  से काँप  रहा था। “क्यों माधव  कहाँ  थें  तुम?” “सर मेरी घरवाली  बीमार  थी इसीलिए  मैं पहले  पुलिस  स्टेशन नहीं आया।“ उसने सफाई दी। “ठीक है, अब यह बताओ कि मर्डर  वाली रात  तुम कहाँ थें ?” उसने दोनों  पुलिस  ऑफिसर  को देखा और फिर हिचकाते  हुए बोला, “ सर्दी  शुरू  हो रही  है, इसीलिए  बस पीने  निकल गया था।“ यह कहकर  उसने आँखें  नीची  कर ली। “अमन  सर सोसाइटी  से कब निकले थें?” “सर वो शाम  सात बजे निकल गए थें।“ “किसी  को उनकी गाडी के आसपास देखा था।“ “नहीं सर किसी को नहीं।“ “अमन  कैसा इंसान था? “ यह सवाल  अश्विन  का है।  “सर बहुत  अच्छे  थे, हर त्योहार  पर मुझे एक दारू  की बोतल दिया करते  थें।“ उसने चहकते  हुए कहा। यह सुनकर अश्विन ने माधव को जाने का ईशारा  कर दिया। जब वह जाने लगा तो एक बार फिर अश्विन  ने कहा,  “अगर अगली बार  तू अपनी  ड्यूटी से गायब हुआ तो तुझे इतना पिलाऊँगा  की तेरा दम  निकल जायेगा।“ यह सुनकर  माधव  के होश उड़ गए और वह  ना  में  सिर  हिलाते  हुए वहां से चला गया।

 

“उसके जाते ही अनुज बोल पड़ा, मुझे लगता है, वो किलर  अमन की गाड़ी  में  वहाँ से आया होगा, जहाँ कैमरे  नहीं लगे होंगे।“ “इसका  मतलब वो बहुत  पहले अमन  पर नज़र  रख  रहा था?” “ हाँ!!”  अनुज  ने अश्विन  की बात का ज़वाब  दिया। अब शुभांगी  और उसकी फ्रेंड  रीना  भी रूम में दाखिल  हुए। दोनों  ने शुभांगी और रीना  को गौर से देखा, शुभांगी  तो सलवार  सूट  पहने  चेहरे  से ही शरीफ  लग रही है पर जीन्स  टॉप पहनी रीना   के चेहरे  पर एक अलग  ही चालाकी  नज़र  आ रही है। जैसे ही दोनों  इनके सामने बैठे, पहला  सवाल  अनुज  ने किया,

 

 

“मिस शुभांगी  आपको कब पता चला कि अमन  का कोई अफेयर  है?”

 

“सर छह  महीने से उसके बिहैवियर  में  चेंज तो था पर शादी के एक हफ्ते  पहले उसने  बता दिया कि  वह किसी और से प्यार  करता  है और फिर....” यह कहकर  शुभांगी  की आँखों  में  आँसू  आ गए।

 

“हमें  उसकी मौत का अफ़सोस  है।“ अनुज के  यह कहते ही रीना  बोल पड़ी,  “लेकिन हमें नहीं है,” रीना के मुँह से यह सुनकर दोनों  हैरान  हो गए।

 

“क्यों? मिस रीना ?” अश्विन का सवाल है।

 

“उसने  जो किया उसके बाद  तो यही होना चाहिए था।“ रीना ने गुस्से में दाँत  भींच  लिए।

 

“सर आप इसकी  बात अपर ध्यान न दें इसे गुस्सा  जल्दी  आता है। सर हमें अमन की हरकत का बुरा तो लगा पर हमने  कभी नहीं चाहा  कि  अमन  मर जाए।“ शुभांगी  ने रीना का बचाव क्या पर रीना  के  चेहरा  तो कुछ और ही कह  रहा है।

 

“वैसे आप दोनों  करती क्या है ?”

 

‘सर हम दोनों  एक फैशन  बुटीक  चलाती  है।“ शुभांगी  ने ज़वाब  दिया। ठीक है, आप दोनों से फिर मुलाकात होगी।

 

उसके जाते  ही अनुज  ने अश्विन  को देखकर पूछा,  “क्या सोच  रहा है?”

 

“यही कि यह रीना अमन की मौत से काफी  संतुष्ट  नज़र  आ रही है।“ “मैं  पवन  को कहता  हूँ, इस लड़की  की फाइल  खंगाले ।“ यह कहकर  अनुज  मुस्कुरा  दिया। “अच्छा  यार मैं  चलता हूँ, मुझे कुछ काम है।“ यह कहकर अश्विन  अपनी  सीट  से उठा कि  तभी  सुनील ने बताया कि  माया  सिंघल  अपने  वकील  के साथ  आई  है। यह सुनकर  अश्विन  दोबारा  सीट  पर बैठ  गया। “क्यों अब नहीं जाना?” इस माया की मोह  माया  से मिलना  तो बनता  है।“  यह  कहकर  अश्विन  के चेहरे  पर कुटिल मुस्कान  आ गई तो अनुज  भी मुस्कुराने  लगा।

 

अब माया अंदर  आई  तो अश्विन ने देखा कि  ब्लैक जीन्स और वाइट  शर्ट  के साथ ब्लैक  ब्लेजर  के में एक  ऊँचे  कद  की सिलम ट्रिम लड़की  अंदर आ रही है। माया अनुज से तो मिल चुकी  है पर अश्विन  को देखने  लग  गई। उसने आज से पहले  इतना  हैंडसम और स्मार्ट पुलिस वाला नहीं देखा था ।  माया  की नज़र  अश्विन  की शर्ट  के ऊपर से खुले  दो बटन  पर गई  तो अश्विन  ने भी उसकी नज़रे  भाँप  ली। वह अश्विन  के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई  तो उसका   वकील अनुज के सामने बैठ गया। उसके बैठते  ही अश्विन  को माया  के बदन से एक ज़बरदस्त  तपिश  आती महसूस  हुई  तो वह  मुस्कुराकर  उसके चेहरे  की तरफ देखने लगा, अब  उसकी आँखे  देखकर अश्विन  ने धीरे  से मन में  कहा,  “ऐसी  आँखें  तो साँप  की होती  है जो  इंसानो  में  कम  ही देखीं  जाती है।“ अब माया ने गहरी साँस  लेते हुए कहा, “ पूछिए, जो पूछना  है।“ अनुज ने आँखों  ही आँखों  में  अश्विन  को ईशारा  किया तो  माया  अश्विन  को एकटक देखते  हुए  साँस  लेने लगी, उसके ऐसा करते ही उसकी टाइट  शर्ट  के बटन  खुलने  को बेताब  होने लगें। अब अश्विन  उसे  गौर से देखते हुए कुछ पूछने  ही  वाला था कि  तभी यश ने आकर  कहा, “ सर उस ट्रैन  के बारे में  पता चल गया ।“