Tera Mera Safar - 1 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | तेरा मेरा सफ़र - 1

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तेरा मेरा सफ़र - 1

Ep1 – अनकही शुरुआत

शहर के शोर-गुल से दूर, समंदर किनारे बसे छोटे से टाउन में कियारा की ज़िंदगी रुक-सी गई थी। होटल में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी उसके लिए रोज़ का वही घिसा-पिटा रुटीन लेकर आती थी—मुस्कुराकर “गुड मॉर्निंग” कहना, रजिस्टर में नाम दर्ज करना और मेहमानों के सवालों का जवाब देना। बाहर से सब कुछ सामान्य लगता, मगर अंदर से कियारा के मन में खालीपन था।

कियारा अक्सर सोचती—क्या यही ज़िंदगी है? सिर्फ़ ज़िम्मेदारियाँ, और सपनों की यादें जो कहीं खो गई हैं? उसने बचपन से ही लिखने का शौक रखा था। डायरी में कहानियाँ, कविताएँ और अधूरी कल्पनाएँ भरती रहती थी। मगर मां-बाप के गुजर जाने के बाद छोटे भाई की ज़िम्मेदारी उसी के कंधों पर आ गई थी। यही वजह थी कि होटल की नौकरी उसके लिए सिर्फ़ काम नहीं बल्कि जीने का सहारा बन गई थी।

एक दिन उसने खुद को थोड़ा वक्त देने का सोचा। छुट्टी लेकर वो पास के बीच पर चली गई। समंदर की ठंडी हवा उसके चेहरे से टकरा रही थी। पैरों तले बिखरी रेत, लहरों का शोर और हवा में घुली नमीयत—सब कुछ जैसे उसके थके हुए मन को सुकून दे रहे थे। कियारा ने चप्पल उतारे और पानी में कदम रखा। ठंडा स्पर्श उसके दिल के बोझ को हल्का कर गया।

उसने आंखें बंद कीं और गहरी सांस ली—“ज़िंदगी सच में इतनी मुश्किल क्यों है? क्या मेरे हिस्से में सिर्फ़ ज़िम्मेदारियां ही हैं, सपने नहीं?”
समंदर की लहरें मानो उसके सवालों का जवाब दे रही थीं। उसने बैठकर लहरों को निहारना शुरू किया। तभी किसी की आवाज़ ने उसे हिला दिया—
“कियारा!”

पलटकर देखा तो सामने उसकी पुरानी कॉलेज फ्रेंड रिया खड़ी थी। दोनों ने गले मिलकर पुराने दिनों को याद किया। रिया अब शहर में जॉब कर रही थी और छुट्टियाँ मनाने अपने परिवार के साथ आई थी।

“तू यहाँ? और वही होटल की जॉब अब भी कर रही है?” रिया ने हैरानी से पूछा।
कियारा हल्की मुस्कान के साथ बोली—“हाँ… ज़िंदगी वही है, बस दिन बदलते रहते हैं।”

रिया ने उसकी आँखों में छुपे दर्द को पढ़ लिया। “कियारा, तूने हमेशा सबसे बड़े सपने देखे थे… अब भी देर नहीं हुई है। खुद को मौका देना सीख।”

कियारा मुस्कुराई, मगर अंदर उसका मन अभी भी सवाल करता रहा—“क्या वाकई मेरे लिए भी कोई सफ़र बाकी है? या बस दूसरों की कहानियों में ही जीना है?”

शाम को घर लौटकर उसने अपनी पुरानी डायरी खोली। कलम अपने आप चलने लगी। पन्नों पर बहते शब्द उसके दिल के बोझ को कम कर रहे थे। हर शब्द जैसे उसे उसकी खुद की दुनिया में वापस ला रहा था।

इसी बीच होटल के फ्रंट डेस्क पर उसे अगले हफ़्ते आने वाली एक बड़ी कॉन्फ्रेंस के बारे में ईमेल मिला। कई मेहमान विदेश से आने वाले थे। कियारा ने इसे पढ़ते हुए सोचा—“शायद ये भी ज़िंदगी का कोई नया मोड़ हो।”

उसे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि यही कॉन्फ्रेंस उसकी ज़िंदगी में किसी ऐसे इंसान को लेकर आएगी, जो उसकी अधूरी कहानियों को समझ सके और उसे नया मक़सद दे।

समंदर के किनारे शुरू हुई यह छोटी-सी छुट्टी दरअसल उसके “तेरा मेरा सफ़र” की अनकही शुरुआत थी। लहरें जैसे भविष्य की ओर इशारा कर रही थीं, और कियारा के दिल में एक हल्की-सी उम्मीद जग रही थी।

✨ To Be Continued…

क्या ये नई राह उसे उसकी अधूरी कहानियों तक ले जाएगी?
या सिर्फ़ एक और दिन की तन्हाई बनकर रह जाएगी?
अगली बार पता चलेगा कि होटल के उस रूटीन में कौन आएगा,
और कियारा की दुनिया कैसे बदल जाएगी…