पिछली कहानी में हमने पढा़ कि आयांशी सम्राट से जैसे-तैसे बचकर नीचे हॉल में आती है कि तभी प्रीत उसे किसी से मिलने के लिए बुलाती हैं।
अब आगे.........
प्रीत आयांशी से बोलती है कि चल मैं तुझे किसी खास इंसान से मिलवाती हूँऔर वो आयांशी का हाथ पकड़कर अपने साथ ले जाती हैं। प्रीत आयांशी को एक 40 साल के हठ्ठे-कठ्ठे आदमी के सामने ले जाती है।
और आयांशी से बोलती हैं- आयांशी, ये है मेरे मामाजी Mr. सूर्यप्रतात सिंह। जिस कॉलेज में हमने एड़मिशन लिया है ये उस कॉलेज के Charity member हैं। और मामाजी ये है मेरी फ्रेन्ड़ आयांशी।
आयांशी- नमस्ते अंकल! कैसे हो आप??
सूर्यप्रताप सिंह- नमस्ते बेटा! मैं बढिया हूँ। आप कैसी हो??
आयांशी- जी, मैं भी बहुत अच्छी हूँ।
सूर्यप्रताप सिंह- ओके! वैसे आपका Family background क्या है???
आयांशी- जी, मेरे फादर Mr. आनंदपाल सिंह चौहान बैंगलोर के एक फैमस Lawyer हैं और मेरी मदर Mrs. श्वेता सिंह चौहान Surgeon specialist Dr. हैं।
सूर्यप्रताप सिंह- अच्छा, आप Mr. AP सिंह चौहान की बेटी हैं।
आयांशी- जी।
सूर्यप्रताप सिंह- वो तो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और हम दोनों तो एक ही कॉलेज में पढे़ है और क्लासमेट भी थे।
आयांशी- अच्छा, पर मैने तो आज तक आपके बारे में नहीं सुना उनसे।
सूर्यप्रताप सिंह- ओह! तो आपने कभी Mr. SP सोलंकी के बारे में तो सुना होगा?
आयांशी - जी, मैने Mr. SP सिंह सोलंकी के बारे में तो बहुत सुना है। डै़ड़ अक्सर उनके बारे में मुझे बताते हैं।
सूर्यप्रताप सिंह- तो वो Mr. SP सिंह सोलंकी मैं ही हूँ।
तभी आयांशी उत्सुकता से बोलती हैं- ओह रियली! मुझे बिल्कुल idea नही था कि वो आप ही हो वो actually आज तक मैंने सिर्फ आपके बारे में सुना था। आपको कभी देखा नहीं तो......।
सूर्यप्रताप सिंह हँसते हुए बोलते हैं- अरे कोई नहीं! अभी तक नहीं देखा था पर अब तो देख लिया ना कि कौन है Mr. SP सिंह सोलंकी और कैसे दिखते हैं।
आयांशी भी थोडी़ मुस्कुराती हुई बोलती हैं- जी। अब पता चल गया।
तभी सूर्यप्रताप सिंह की वाईफ वहाँ आ जाती है और उनसे बोलती हैं- जी! आप ये किससे बात कर रहे है???
तभी सूर्यप्रताप सिंह मुस्कुराते हुए बोलते हैं- अरे हमारी रानी साहिबा! हम आपको कभी-कभी बताते हेना हमारे खास मित्र Mr. AP सिंह चौहान के बारे में ये उन्ही की बेटी हैं।
तभी उनकी वाईफ बोलती हैं- अच्छा! ये उनकी बेटी हैं।
तब सूर्यप्रताप सिंह उनकी वाईफ की तरफ ईशारा करते हुए आयांशी से बोलते हैं- बेटा! ये है हमारी धर्मपत्नी और हमारी रानी साहिबा Mrs. खुशी सिंह चौहान।
यह सुनकर आयांशी कुछ सोचने लग जाती है तभी उसको ऐसे देख प्रीत बोलती हैं- मामाजी मामीजी को प्यार से रानी साहिबा बुलाते हैं क्योंकि इन लोंगो ने लव मैरिज की थी तो.....।
तभी आयांशी बोलती हैं- ओहहहहहहह!
वो सब बाते कर रहे थे कि तभी एक लड़की और लड़का वहाँ आ जाते हैं और खुशी जी से बोलते हैं- मम्मा! वो आपको अंजली आंटी बुला रहे है।
तब आयांशी प्रीत से धीरे से बोलती है- ये दोंनो कौन है??
तभी प्रीत बोलती हैं- ये.... ये दोंनो इनके बच्चे हैं।
प्रीत उन दोंनो की तरफ देखकर बोलती हैं- ये है वर्षा और ये है अभिमन्यू ।
तभी वर्षा आयांशी से हाथ मिलाती हुई बोलती हैं- हैलो। मायसेल्फ वर्षा सिंह सोलंकी।
तब अभिमन्यू भी आयांशी से हाथ मिलाते हुए बोलता है- हैलो! मायसेल्फ अभिमन्यू सिंह सोलंकी।
अभिमन्यू आयांशी को अपने बारे में बता रहा होता है कि तभी सम्राट वहाँ आ जाता हैं और अभिमन्यू को आयांशी का हाथ पकडे़ देख गुस्से से अपनी मुठ्ठी भींच देता है पास वाले टेबल पर जोर से मार देता है। जिससे सभी का ध्यान सम्राट की तरफ चला जाता हैं।।।।।।