जैसे ही विजय सम्राट के कमरे के बाहर पहुँचता है तो वो बाहर खडा़ होकर कुछ सोचता है और ड़र के मारे कमरे पर दस्तक देता है और बोलता है- भाईसाहब, माँ आपको नीचे बुला रही है। आप जल्दी से नीचे आ जाईए। यह कहकर विजय जल्दबाजी में नीचे डा़ईनिंग एरिया में चला जाता है और बिना कुछ बोले जाकर वापिस अपना नाश्ता करने लगता है। यह सब देखकर नैना जी, वियांशी और प्रीत एक-दूसरे का मुँह देखने लगती है। नैना जी विजय से सम्राट के बारे में पूछने ही वाली थी कि वो देखती है सीढियों से एक 25 साल का हैंड़सम लड़का ब्लैक फॉर्मल सूट पहने हुए नीचे डा़ईनिंग एरिया की तरफ बढ़ने लगता है। और आकर डा़ईनिंग टेबल के पास रखी चेयर पर बैठ जाता हैं। तभी नैना जी- तुम भी नाश्ता करलो, सम्राट। (यह लड़का कोई और नहीं बल्कि Mr. अभिमन्यु सिंह राजपुत और उनकी पहली पत्नी ज्योति के बेटे और प्रीत के बडे़ भाई Mr. सम्राट सिंह राजपुत हैं। सम्राट दिखने में बहुत ही हैंड़सम है। सम्राट दिखने में जीतने अच्छे है उतने ही खतरनाक हैं।सम्राट हमेशा ही बहुत गुस्से में रहते हैं। इनके गुस्से से सब हमेशा ड़रे रहते है। इनकी पहुँच पूरे Mafia world तक है।) सम्राट नाश्ता कर ही रहे थे कि तभी उनके मोबाईल पर कॉल आता है और सम्राट फॉन पर बात करते हुए विला से बाहर चले जाते है और जाकर अपनी गाडी़ में बैठ जाते हैं। उसके पीछे-पीछे प्रीत, विजय और वियांशी भी अपनी-अपनी गाडी़ में बैठ जाते है। और चारों गाडियाँ विला से बाहर चली जाती हैं। कुछ समय बाद इन्दौर की एक मशहूर यूनिवर्सिटी के सामने तीन गाडियाँ आकर रुकती है। पीछे वाली दो गाडियों से दो बॉडीगार्ड आकर गाडियों के पिछले दरवाजे खोलते है। जिसमें एक गाडी से विजय और दूसरी गाडी से वियांशी उतरते है। आगे वाली गाडी से एक बॉडीगार्ड उतरता है और पिछला दरवाजा खोलता है और तभी उस गाडी़ से प्रीत उतरती हैं। वहाँ खडे़ सभी बच्चे बस प्रीत को ही देखे जा रहे थे। तभी विजय और वियांशी आकर प्रीत के पास खडे़ हो जाते है और वे तीनों उस यूनिवर्सिटी के अंदर प्रवेश करते है। उन तीनों के साथ उनके बॉडीगार्ड़स भी अंदर चले जाते है। यूनिवर्सिटी में वो जहाँ से भी गुजरते है वहाँ खडे़ सभी बच्चे बस प्रीत की खूबसूरती को देखे जा रहे थे। वे तीनों इस यूनिवर्सिटी में अपना एड़मिशन लेने आए है। वे तीनों अब प्रिंसिपल ओफिस में प्रवेश करते है कि तभी वहाँ के प्रिंसिपल आकर उनका वेलकम करने सामने से आते है। और उन्हें वहाँ रखी चेयर्स पर बैठने की रिक्वेस्ट करते है। प्रीत, विजय और वियांशी जाकर चेयर्स पर बैठ जाते है। वहाँ पर खडे़ लेक्चर्रस और पिओन प्रिंसिपल के इस बिहेवियर को देखकर शोक्ड़ हो जाते हैं क्योकिं आज तक इस यूनिवर्सिटी में एड़मिशन लेने चाहे कितने ही अमीर परिवार के बच्चे क्यों न आए हो पर आज तक प्रिंसिपल ने कभी भी उनका सामने से ऐसे वेलकम नहीं किया। प्रिंसिपल जब उन तीनों से बात कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें किसी चीज का ड़र लग रहा हो। कुछ समय बाद जब प्रीत, विजय और वियांशी चले जाते है तो प्रिंसिपल एक चेन की साँस लेते है। उनके इस बर्ताव को देखकर वहाँ खडे़ एक लेक्चर्र उनसे पूछते है कि वो तीनों कौन थे और वे (प्रिंसिपल) इतने ड़रे हुए क्यों थे??? तो प्रिंसिपल बताते है कि वे Mr. सम्राट सिंह राजपुत के भाई-बहन थे अगर उनके सामने कुछ भी गड़बड़ हो गयी होती और उस बात का पता अगर Mr. सम्राट सिंह को चल जाता तो वे उन्हें जान से मार देते। (उन्होंने ऐसा लिए कहा क्योंकि सम्राट अपनी बहन प्रीत से बहुत प्यार करते है अगर कोई भी प्रीत को नुकसान पहुँचाए तो वे उस इंसान को जान से मार देते हैं।) प्रीत, विजय और वियांशी जैसे ही प्रिंसिपल ओफिस से बाहर निकलते है तो प्रीत अपने सामने किसी से टकरा जाती हैं।।।।।
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कौन था वो इंसान जिससे प्रीत टकराई थी?? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी (सम्राट- अपने सच से अनजान)।।।