पिछली कहानी में हमने पढा़ कि..........
आयांशी राजपुत विला में जाकर सबसे मिलती है पर तभी घर की लाईट चली जाती है और जैसे ही लाईट आती है तो आयांशी खुद को एक कमरे में पाती हैं।
अब आगे.............
सम्राट गुस्से में आयांशी के हाथ को पीछे की तरफ पकड़कर जोर से दबा देता है जिससे आयांशी को बहुत दर्द होता हैं। उस दर्द की वजह से उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं। आयांशी की आँखों में आँसू आते देख सम्राट को एक अजीब ही फीलिंग आती हैं और वो उसके हाथ को छोड़ देता हैं। जैसे ही सम्राट आयांशी का हाथ छोड़ता है तो वो दर्द के कारण बेहोश होकर गिरने ही वाली थी कि सम्राट उसे पकड़कर सम्भाल लेता हैं। और वो आयांशी को पास के बेड़ पर लेटा देता हैं। सम्राट देखता है कि आयांशी सोती हुई बहुत ही प्यारी लग रही थीं। आयांशी को ऐसे सोते देख सम्राट के चेहरे पर एक स्माईल आ जाती है। तभी वो देखता है कि आयांशी के हाथ पर चोट का निशान था। उस चोट को देखकर सम्राट को याद आता है कि ये चोट तो पिछली बार सम्राट की वजह से ही लगी थीं। उस चोट को देखकर सम्राट को खुद पर बहुत गुस्सा आता है और वो गुस्से में दिवार पर मुक्का मारता हैं। उसकी आवाज से आयांशी की एकदम आँख खुल जाती है और वो सम्राट को देखकर बहुत ड़र जाती हैं। और वो जल्दबाजी में उस कमरे से निकलकर नीचे हॉल की तरफ जाने लगती हैं। कि तभी वो सामने से आ रहे विजय से टकरा जाती हैं। उस टक्कर की वजह से विजय के हाथ में जो केक था वो गलती से आयांशी के ड्रेस पर लग जाता हैं।ये देखकर विजय आयांशी को सॉरी बोलते हुए उसकी ड्रेस पर लगे केक को साफ करने लगता है कि तभी सम्राट भी वहाँ आ जाता हैं। सम्राट को देखकर विजय बहुत ड़र जाता हैं और जल्दबाजी में वहाँ से चला जाता हैं। आयांशी भी सम्राट को देखकर बहुत ड़र जाती है पर उसकी वहाँ से हिलने की हिम्मत ही नहीं हो रही थीं। आयांशी धीरे-धीरे अपने कदम पीछे ले जाने लगती है कि तभी सम्राट की आवाज उसके कानों में पड़ती है और वो वहीं रुक जाती हैं। सम्राट- कहाँ जा रही हों तुम ? मैंने कहा क्या तुम्हें जाने को? यह कहकर सम्राट धीरे-धीरे आयांशी की तरफ बढ़ने लगता है कि तभी उसके फोन पर किसी का कॉल आता है और उसका ध्यान अपने फोन पर चला जाता हैं। आयांशी यह देखकर जल्दी वहाँ से चली जाती हैं और नीचे हॉल में आ जाती हैं। तभी आयांशी को नीचे आते देख प्रीत उसके पास जाती है और उससे पूछती है कि वो कहाँ थी इतनी देर? यहाँ सब उसको ही ढूँढ़ रहे हैं? तभी आयांशी बोलती है कि वो वॉशरुम गयी थी पर लाईट जाने की वजह से वो वहीं फ़स गयी थीं। ये सुनकर प्रीत बोलती है- अब ये सब छोडो़ और चलो मैं तुम्हें किसी से मिलवाती हूँ।प्रीत की ये बात सुनकर आयांशी कुछ सोच में पड़ जाती हैं।